क्या आप जानते हैं भारत में मनाए जाने वाले मौसमी त्यौहार कौन-कौन से है अगर नहीं तो इस पोस्ट में उपलब्ध करवाये गए नोट्स को जरूर पढ़ें जिसमें हमने उन सभी त्योहारों के बारे में बताया है जो मौसम के अनुरूप मनाए जाते हैं यह टॉपिक बहुत महत्वपूर्ण है चाहे आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो | हम आपको बहुत ही सरल एवं आसान भाषा में शानदार नोट्स उपलब्ध करवाते हैं
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भारत में मनाए जाने वाले मौसमी त्यौहार
भारत एक कृषि प्रधान देश है यहाँ की 50% से अधिक जनसंख्या खेती पर निर्भर है और इसी वजह से यहाँ के किसान धरती को अन्न की देवी मानते हैं और हर मौसम में नई फसल आने पर उत्सव मनाते हैं जैसे- पंजाब में लोहड़ी, असम में बिहू व तमिलनाडु में पोंगल।
1. लोहड़ी
– मकर संक्रांति की पूर्ण संध्या (13 व 14 जनवरी) पर पंजाब में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है।
2. पोंगल
– पोंगल तमिलनाडु का प्रमुख त्योहार है।
– इस त्योहार के अवसर पर लोग चावल, दूध और गुड़ की खीर बनाते हैं जिसे पोंगल कहते हैं।
3. ओणम
– इस त्योहार में भगवान पद्मनाभन की पूजा की जाती है।
– केरल राज्य के खेतों में नई फसल की उपज के उत्सव के रूप में ओणम का पर्व मनाया जाता है।
– यह त्योहार अगस्त-सितम्बर में मनाया जाता है।
4. बिहू
– असम राज्य का सर्वाधिक लोकप्रिय त्योहार है।
– यह नृत्य शीत काल में असम के कृषक समुदाय द्वारा मनाया जाता है।
5. मकर संक्रांति
– सम्पूर्ण उत्तर भारत में इस त्योहार को मनाया जाता है।
– यह 14 जनवरी को मनाया जाता है।
– भारत के कुछ भागों में इसे पतंग उड़ाने के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।
6. लोसांग
– यह उत्सव सिक्किम में निवास करने वाली भूटिया और लेप्चा जनजातियों द्वारा दिसम्बर माह में सिक्किम में नववर्ष के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
7. बैसाखी
– बैसाखी का त्योहार प्रत्येक वर्ष 13/14 अप्रैल को मनाया जाता है।
– इस दिन सिख धर्म का स्थापना दिवस है क्योंकि बैसाखी के दिन सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह 1699 ई. में खालसा पंथ की स्थापना की थी।
– इस त्योहार को पंजाब व हरियाणा में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
– यह फसल कटाई का त्योहार भी है।
8. सरहुल
– झारखण्ड में मार्च-अप्रैल में संथाल, मुण्डा, हो और ओरांव जनजातियों द्वारा मनाया जाता है यह बसंत ऋतु का त्योहार भी है। इस ऋतु में साल के पेड़ पर नए फूल खिलते हैं।
9. वंगाला
– यह त्योहार मेघालय, नागालैण्ड व असम में फसल कटाई के बाद गारो जनजाति द्वारा मनाया जाता है।
– यह त्योहार सितम्बर से दिसम्बर तक मनाया जाता है यह अलग-अलग गाँवों द्वारा अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है।
10. गुडी पड़वा
– चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गुडी पड़वा का त्योहार मनाया जाता है तथा इसी दिन हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है।
– यह त्योहार गोवा, महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश में मनाया जाता है।
– गोवा में इस त्योहार को ‘संवत्सर पाडवो’ भी कहते हैं।
11. येमशे
– यह त्योहार सितम्बर माह में नागालैण्ड के पोचुरी जनजाति द्वारा मनाया जाता है।
– इस त्योहार में लड़के व लड़कियाँ अपना जोड़ीदार ढूँढ़ते हैं।
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अंतिम शब्द –
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