आज की इस पोस्ट में हम आपको Rajasthan Gk Questions | राजस्थान का राज्य वृक्ष के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं अगर आप राजस्थान के किसी भी प्रतियोगी परीक्षा या अन्य किसी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो आने के बाद यह प्रश्न आप को परीक्षा में देखने को मिला होगा कि राजस्थान का राज्य वृक्ष क्या है ?
तो आज हम आपको इसी टॉपिक के ऊपर संपूर्ण जानकारी हिंदी भाषा में उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि अगर यहां से कोई भी प्रश्न घुमा फिरा कर भी आकर पूछा जाए तो आप उसका उत्तर ठीक से कर पाए इस पोस्ट में आपको यह टॉपिक अच्छे से बताया गया है
Rajasthan Gk Questions | राजस्थान का राज्य वृक्ष
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राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी के बारे में संपूर्ण जानकारी
➡️ दर्जा :- 31 अक्टूबर , 1983 को ।
➡️ 5 जून 1988 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर खेजड़ी वृक्ष पर 60 पैसे का डाक टिकट जारी किया गया ।
➡️ वैज्ञानिक नाम :- प्रोसोपिस सिनेरेरिया है ।
➡️ खजड़ी को राजस्थान का कल्प वृक्ष , थार का कल्प वृक्ष , रेगिस्तान का गौरव* आदि नामों से जाना जाता है ।
➡️ खजड़ी को Wonder Tree व भारतीय मरुस्थल का सुनहरा वृक्ष भी कहा जाता है ।
➡️ खजड़ी के सर्वाधिक वृक्ष शेखावाटी क्षेत्र में देखे जा सकते है ।
➡️ खहड़ी के सर्वाधिक वृक्ष नागौर जिले में देखे जाते है ।
➡️ खजड़ी के वृक्ष की पूजा विजय दशमी / दशहरे ( आश्विन शुक्ल -10 ) के अवसर पर की जाती है ।
➡️खजड़ी के वृक्ष के नीचे गोगा जी व झुंझार बाबा के मंदिर बने होते है ।
➡️ खजड़ी को हरियाणवी व पंजाबी भाषा में जांटी के नाम से जाना जाता है।
➡️ खजड़ी को तमिल भाषा में पेयमेय के नाम से जाना जाता है ।
➡️ खजड़ी को कन्नड़ भाषा में बन्ना-बन्नी के नाम से जाना जाता है ।
➡️ खजड़ी को सिंधी भाषा में छोकड़ा के नाम से जाना जाता है ।
➡️ खजड़ी को बंगाली भाषा में शाईगाछ के नाम से जाना जाता है ।
➡️ खजड़ी को विश्नोई संप्रदाय में शमी के नाम से जाना जाता है ।
➡️ खजड़ी को स्थानीय भाषा में सीमलो कहा जाता है ।
➡️ खजड़ी की हरी फलियां सांगरी ( फल गर्मी में लगते है ) कहलाती है तथा पुष्प मींझर कहलाता है ।
➡️ खजड़ी कि सूखी फलियां खोखा कहलाती है ।
– वैज्ञानिको ने खेजड़ी जे वृक्ष की आयु पांच हजार वर्ष बताई है ।
➡️ राज्य में सर्वाधिक प्राचीन खेजड़ी के दो वृक्ष एक हजार वर्ष पुराने मांगलियावास गांव ( अजमेर ) में है ।
➡️ मांगलियावास गांव में हरियाली अमावस्या (श्रावण ) को वृक्ष मेला लगता है ।
➡️ खजड़ी के वृक्ष को सेलेस्ट्रेना व ग्लाइकोट्रमा नामक कीड़े नुकसान पंहुचा रहे है ।
➡️ माटो :- बीकानेर के शासकों द्वारा प्रतीक चिन्ह के रूप रूपये में खेजड़ी के वृक्ष को अंकित करवाया ।
➡️ ऑपरेशन खेजड़ा नमक अभियान 1991 में चलाया गया ।
➡️ वन्य जीवो के रक्षा के लिए राज्य में सर्वप्रथम बलिदान 1604 में जोधपुर के रामसडी गांव में करमा व गौरा के द्वारा दिया गया ।
➡️ खजड़ी के लिए प्रथम बलिदान अमृता देवी बिश्नोई ने 17030 में 363 लोगो के साथ जोधपुर के खेजड़ली ग्राम या गुढा बिश्नोई गांव में भाद्रपद शुक्ल दशमी को दिया ।
➡️ भाद्रपद शुक्ल दशमी को विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला खेजड़ली गांव में लगता ह
➡️ बिश्नोई सम्प्रदाय के द्वारा दिया गया यह बलिदान साका या खड़ाना कहलाता है ।
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अंतिम शब्द :
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उम्मीद करता हूं आज की इस Rajasthan Gk Questions | राजस्थान का राज्य वृक्ष पोस्ट में शामिल प्रश्न आपको अच्छे लगे होंगे अगर आप ऐसे प्रश्नों के साथ प्रैक्टिस जारी रखना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर रोजाना विजिट करते रहे आपको यहां नए-नए प्रश्न पढ़ने को मिलेंगे जिनसे आप अपनी तैयारी कई गुना ज्यादा बेहतर कर सकते हैं