UPSC : संघ लोक सेवा आयोग के बारे में संपूर्ण जानकारी

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आप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो आपको UPSC की Full Form तो पता होगा लेकिन क्या आप संघ लोक सेवा आयोग के बारे में जानते हैं अगर नहीं तो यह पोस्ट आपके लिए है जिसमें हमने UPSC : संघ लोक सेवा आयोग के बारे में संपूर्ण जानकारी से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश की है अगर आप इसके बारे में विस्तृत रूप से जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट में उपलब्ध करवाई गई नोट्स को जरूर पढ़ें

भारतीय संघ लोक सेवा आयोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी हमने नीचे उपलब्ध करवाई है जिससे आप एक बार जरूर पढ़ें हो सकता है आगामी परीक्षा में यहां से कोई ना कोई प्रश्न पूछ लिया जाए

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UPSC : संघ लोक सेवा आयोग के बारे में जाने

  • संघ लोक सेवा आयोग भारत का भर्ती निकाय है। भारतीय संविधान में संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग दोनों के व्यापक प्रावधान किए गए हैं।
  • संविधान में यह भी प्रावधान है कि दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना हो सकती है।
  • संघ लोक सेवा आयोग अर्थात् ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक ऐसी संस्था है, जो भारत सरकार के लोक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएँ संचालित करती है।

संविधान में उल्लेख

  • संविधान के भाग-14 के अनुच्छेद-315 से लेकर 323 तक केंद्र और राज्य लोक सेवा आयोग के बारे में उल्लेख किया गया है।

UPSC : संघ लोक सेवा आयोग : पृष्टभूमि

  • भारत शासन अधिनियम-1919 के तहत केन्द्रीय लोक सेवा आयोग का प्रावधान किया गया था।
  • ली कमीशन की सिफारिश पर प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 को हुई, जिसकी अध्यक्षता ‘रोस बार्कर’ द्वारा की गयी थी।

संरचना

  • संविधान के अनुच्छेद-315  के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग का प्रावधान है जिसके लिए एक अध्यक्ष और अन्य सदस्यों का प्रावधान किया गया है।
  •  मूल संविधान में सदस्यों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है। 
  •  भारत का राष्ट्रपति संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या का निर्धारण करता है।

नियुक्ति व योग्यता

  • आयोग के सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • आयोग के नियुक्त सदस्यों में से आधे सदस्यों को भारत सरकार के अधीन या किसी राज्य की सरकार के तहत कार्यालय में कम से कम दस साल के लिए कार्यरत होना चाहिए।

कार्यकाल

  • आयोग के नियुक्त सदस्यों जिनमें अध्यक्ष और अन्य सदस्य होंगे का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष, जो भी पहले हो होगा।
  • ये सदस्य पुनर्नियुक्ति हेतु पात्र नहीं होते है।
  • संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को भारत या राज्य सरकार किसी भी लाभ के पद पर नियुक्त नहीं कर सकेगी हालाँकि संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य किसी राज्य लोक सेवा आयोग व संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने का पात्र होगा।

त्यागपत्र

  •  संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य अपने कार्यकाल से पहले ही भी अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंप करके सेवा मुक्त हो सकते हैं।

संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों को पद से हटाना

  • संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों को राष्ट्रपति उनके पद से हटा सकता है।
  • राष्ट्रपति संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों को सिद्ध कदाचार के आधार पर हटाता है। हालाँकि सिद्ध कदाचार की जाँच उच्चतम न्यायालय द्वारा की जाएगी और उच्चतम न्यायालय का इस संदर्भ में जो प्रतिवेदन प्राप्त होगा उसको राष्ट्रपति मानने को बाध्य होगा।

वार्षिक रिपोर्ट या प्रतिवेदन

  • संघ लोक सेवा आयोग के प्रदर्शन से संबंधित वार्षिक रिपोर्ट को राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया जाता है।
  • राष्ट्रपति इस रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में ज्ञापन के साथ प्रस्तुत करता है जिसमें यह बताया गया होता है कि कहाँ पर आयोग की सलाह को नहीं स्वीकार किया गया और इस गैर स्वीकृति के पीछे का कारण क्या है।

कर्तव्य और कार्य

  • यह आयोग संघ की सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षाएँ आयोजित करता है।
  • यह किसी भी सेवा के लिए संयुक्त भर्ती तैयार करने और परिचालन योजनाओं में राज्यों को सहायता करता है जिसके लिए विशेष योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों की आवश्यकता होती है, जिसके लिए दो या उससे अधिक राज्यों द्वारा अनुरोध किया गया हो।

निम्नलिखित मामलों पर इनसे विचार-विमर्श किया जाता है :

1. सभी मामले सिविल सेवाओं तथा सिविल पदों की नियुक्ति के तरीके से संबंधित हैं।

2. सिविल सेवाओं और पदों के लिए नियुक्तियों को करने और एक सेवा से दूसरे में स्थानांतरण तथा पदोन्नति और इस तरह की नियुक्तियों, स्थानान्तरण और पदोन्नति के लिए उम्मीदवारों की उपयुक्तता पर सिद्धांतों का अनुसरण करना।

3. एक नागरिक की हैसियत से भारत सरकार के अधीन सेवारत व्यक्ति को प्रभावित करने वाले सभी अनुशासनात्मक मामले जिसमें इन मामलों से संबंधित स्मारक या याचिकाएँ शामिल हों।

4. अपने आधिकारिक कर्तव्य के निष्पादन में या किए गए कृत्यों का उसके खिलाफ स्थापित कानूनी कार्यवाही की रक्षा करने में एक सिविल सेवक द्वारा उठाए गए खर्च का किसी भी प्रकार का दावा करना।

5. भारत सरकार के अधीन सेवारत व्यक्ति घायल होने पर पेंशन के हक़ के लिए दावा कर सकता है और किसी भी हक़ के लिए राशि से संबंधित कोई भी प्रश्न कर सकता है|

आलोचना

  • संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के संदर्भ में योग्यताओं का उल्लेख नहीं किया गया है, परिणामत इनकी नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाता है| 

UPSC : संघ लोक सेवा आयोग की भूमिका विश्लेषण

  • संघ लोक सेवा आयोग केंद्रीय भर्ती एजेंसी है। यह प्रतिभा प्रणाली को बनाए रखने और पदों के लिए सबसे उपयुक्त लोगों को आगे लाने के लिए उत्तरदायी है।
  • यूपीएससी की भूमिका स्वभाव से सलाहकार की होती है और सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होती है| हालाँकि, सरकार संसद के प्रति जवाबदेह है, यदि, वह आयोग की सलाह को खारिज कर दे|
  • यूपीएससी का संबंध परीक्षा प्रक्रिया से है और ना की सेवाओं के वर्गीकरण, कैडर प्रबंधन, प्रशिक्षण, सेवा शर्तों आदि के साथ संबंध रखता है| इन मामलों को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा नियंत्रित किया जाता है| 
  • सरकार पदोन्नति और अनुशासनात्मक मामलों पर संघ लोक सेवा आयोग से सलाह लेती है।

निष्कर्ष

  • भारत जैसे लोकतंत्र के विकास में संघ लोक सेवा आयोग की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके द्वारा ऐसे सेवकों का चयन किया जाता है, जो कुशल और दक्ष होते हैं। अतः भारतीय शासन प्रणाली में अमेरिकी लूह प्रणाली को प्रारंभ से ही अस्वीकार कर दिया गया।

भारत में UPSC के प्रथम अध्यक्ष :- सर रोस बार्कर

स्वतंत्र भारत में UPSC  के प्रथम अध्यक्ष :- एच. के. कृपलानी

वर्तमान में UPSC के अध्यक्ष :- प्रदीप कुमार जोशी (31 वें )

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