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यह पोस्ट उन विद्यार्थियों के लिए है जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए हम Drishti Ias : upsc prelims test series ( 9 ) 2024 free Download उपलब्ध करवा रहे हैं अगर आप Upsc परीक्षा 2024 या 2025 में देना चाहते हैं तो इन IAS Test Series 2024 के माध्यम से प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी अवश्य कर ले

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा टेस्ट सीरीज में ऐसे प्रश्नों को शामिल किया गया है जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो हम आपको ऐसे ही अनेक सीरीज उपलब्ध कराएं जिन्हें आप हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में डाउनलोड करके प्रैक्टिस कर सकते हैं

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Drishti Ias : upsc prelims test series ( 9 ) 2024 free Download

प्रश्न 1. ओधुवर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :

1. ये तमिलनाडु के मंदिरों के उत्सव अनुष्ठानों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

2. ये वैष्णव पुजारी हैं।

3. ये प्रायः उच्च वर्ण से आते हैं।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

व्याख्या –

ओधुवर तमिलनाडु के हिंदू मंदिरों में मंत्रोच्चारण का कार्य करते हैं किंतु वह पुजारी नहीं हैं। ये विशेष रूप शैव मंदिरों में थिरुमुराई संग्रह से ली गई स्तुतियों के माध्यम से देवी-देवताओं की आराधना करते हैं। ये भक्ति गायन करते हैं किंतु गर्भगृह में प्रवेश नहीं करते हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।

  • तमिलनाडु के मंदिरों के दैनिक तथा उत्सव संबंधी अनुष्ठानों में ओधुवरों का महत्त्वपूर्ण स्थान हैं। ये भगवान शिव की स्तुतियों से समेकित दो प्राचीन तमिल ग्रंथों, थेवरम तथा तिरुवसागम का पाठ करते हैं। अतः कथन (1) सही है ।
  • ओधुवर परंपरा बहुत पुरानी है, इसकी उत्पत्ति भक्ति आंदोलन में हुई थी जो छठी से नौवीं शताब्दी के दौरान तमिलनाडु में प्रमुखता से बढ़ी।
  • ओधुवर प्रायः हाशिये पर रहने वाली आबादी के सदस्य होते हैं जो मंदिरों में रोज़गार के अवसर ढूँढते हैं। इसके अतिरिक्त उनका प्रदर्शन स्थानीय समुदाय को एकजुट करने के साथ अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने का कार्य करता है। अतः कथन (3) सही नहीं है ।

प्रश्न 2. सिंधु घाटी सभ्यता के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1. इन्होंने मंदिरों का निर्माण किया और कस्बों पर आमतौर पर मंदिर के पुजारी का शासन होता था।

2. सिंधु घाटी की कुछ मुहरें सोने और कुछ हाथी दाँत से बनी थीं ।

3. गायों और घोड़ों को आमतौर पर पालतू बनाया जाता था साथ ही उनका उपयोग वस्तु विनिमय के लिये किया जाता था।

4. वे कपास के उपयोग से भलीभाँति परिचित थे।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक

(c) केवल तीन

(d) सभी चार

व्याख्या –

  • सिंधु घाटी सभ्यता में मंदिर की संरचनाएँ नहीं थीं, साथ ही इसके साक्ष्य भी नहीं मिले हैं कि शहरों पर मंदिर के पुजारियों का शासन था। हालाँकि सभ्यता के प्रशासन एवं धार्मिक प्रथाओं के संबंध में कोई भी सुस्पष्ट लिखित साक्ष्य उपलब्ध नही हैं, किंतु ऐसा माना जाता है कि उनके पास कई अलग-अलग राजाओं अथवा नेतृत्वकर्ताओं वाली एक परिष्कृत प्रशासनिक प्रणाली थी। अतः कथन (1) सही नहीं है । अधिकांश मुहरें सैलखड़ी (यह एक प्रकार का नरम पत्थर होता है) से बनी थीं। कुछ मुहरें सोने, हाथी दाँत, गोमेद, टेराकोटा, चर्ट तथा फयांस से भी बनी थीं। अतः कथन ( 2 ) सही है।
  • हालाँकि सिंधु घाटी के लोग मवेशियों को पालते थे, परंतु इस बात के साक्ष्य बहुत कम हैं कि वे घोड़ों का प्रयोग करते थे और साथ ही उनका प्रयोग आमतौर पर वस्तु विनिमय के लिये नहीं किया जाता था। अतः कथन (3) सही नहीं है ।
  • ऐसा माना जाता है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कपास एवं ऊन के उपयोग से भली-भांति परिचित थे । यहाँ कपास उत्पादित किया जाता था और साथ ही इसका प्रयोग वस्त्र निर्माण के लिये किया जाता था, जो उनकी अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण भाग था। अतः कथन (4) सही है ।

प्रश्न 3. लोमस ऋषि गुफाओं के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?

(a) यह ओडिशा में स्थित हैं और इनका निर्माण गंग वंश के शासकों द्वारा किया गया था।

(c) मक्खलि गोशाल गुफा का मुख्य वास्तुकार था।

(d) यह उत्तर भारत प्राचीनतम संरचित मंदिरों में से एक है।

व्याख्या –  

  • लोमस ऋषि गुफा, जिसे लोमस ऋषि का आश्रम भी कहा जाता है, भारत के बिहार राज्य में जहानाबाद जिले की बाराबर और नागार्जुनी पहाड़ियों में मानव निर्मित बाराबर गुफाओं में से एक है। यह बाराबर गुफाओं में से एक है।
  • यह शैलकर्तित गुफा एक अभयारण्य के रूप में बनाई गई थी। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के सम्राट अशोक के शासनकाल में हुआ था। यह भारत के एक प्राचीन धार्मिक और दार्शनिक समूह आजीवक संप्रदाय को समर्पित था, जो जैन धर्म के साथ प्रतिस्पर्द्धा के कारण समय के साथ विलुप्त हो गया।
  • तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान यह कर्तित शैल गुफाएँ मौर्य सम्राट अशोक द्वारा आजीवक भिक्षुओं को उपहारस्वरूप प्रदान की गई थी। आजीवक नास्तिक थे और उन्होंने वेदों के साथ-साथ बौद्ध विचारों के अधिकार को भी अस्वीकार कर दिया था। ये तपस्वी समुदाय थे और लोमस ऋषि जैसी गुफाओं में ध्यान करते थे । अतः विकल्प (b) सही है ।
  • गुफा के प्रवेश द्वार पर झोपड़ी शैली का अग्रभाग द्विज आकार के “चैत्य मेहराब” अथवा चंद्रशाला का सर्वाधिक पुराना अस्तित्व है जो सदियों से भारतीय शैलकर्तित वास्तुकला एवं मूर्तिकला सजावट की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता थी । यह स्पष्ट रूप से लकड़ी तथा अन्य वनस्पति सामग्री से निर्मित इमारतों के पत्थरों का प्रतिरूप था।
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https://missionupsc.in/upsc-prelims-test-series/drishti-ias-upsc-prelims-test-series-2024-part-7-free-download/

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अंतिम शब्द

यूपीएससी की तैयारी करने वाले विद्यार्थी Drishti Ias : upsc prelims test series 2024 Part 9 free Download सीरीज में शामिल प्रश्नों को जरुर पढ़ ले प्रत्येक टेस्ट सीरीज में 100 प्रश्न दिए हुए हैं एवं उत्तर के साथ-साथ आपको प्रश्न की व्याख्या भी पढ़ने के लिए मिलती है