यह पोस्ट उन विद्यार्थियों के लिए है जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं हम उनके लिए इस पोस्ट में Vision ias prelims test series 2024 ( 3 ) Pdf Download निशुल्क प्राप्त करवा रहे हैं टेस्ट सीरीज चाहे किसी भी वर्ष की हो वह सभी के साथ आपको प्रैक्टिस करना चाहिए यह Test-3 है जिसे आप PDF के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं
Vision Ias कि यह Test Series 2022 की है लेकिन जो विद्यार्थी यूपीएससी परीक्षा 2024 में शामिल होना चाहते हैं वह सभी के लिए यह टेस्ट सीरीज बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है इसमें आपको सभी प्रश्नों के उत्तर एवं व्याख्या सहित हल देखने को मिलता है
Vision ias prelims test series 2024 ( 3 ) Pdf Download
प्रश्न.1 ये निक्षेपण मृदाएं हैं, जिन्हें नदियों एवं सरिताओं द्वारा वाहित एवं निक्षेपित किया गया है। प्रायद्वीपीय प्रदेश में ये पूर्वी तट की नदियों के डेल्टाओं और नदियों की घाटियों में पाई जाती हैं। ये मृदाएं गठन में बलुई दोमट से लेकर चिकनी मिट्टी की प्रकृति की पाई जाती है। सामान्यतः इनमे पोटाश की मात्रा अधिक और फास्फोरस की मात्रा कम पाई जाती है। इस मृदा का रंग हल्के धूसर से राख धूसर जैसा होता है तथा इन मृदाओं पर गहन कृषि की जाती है।
उपर्युक्त परिच्छेद द्वारा निम्नलिखित में से कौन-सी मृदाएं सर्वोत्तम रूप से वर्णित हैं ?
(a) काली मृदाएं
(b) जलोढ़ मृदाएं
(c) पीटमय मृदाएं
(d) लैटेराइट मृदाएं
व्याख्या –
- जलोढ़ मृदाएं उत्तरी मैदानों और नदी घाटियों के विस्तृत भागों में पायी जाती हैं। ये मृदाएं देश के कुल क्षेत्रफल के लगभग 40 प्रतिशत भाग को ढके हुए हैं।
- ये निक्षेपण मृदाएं हैं, जिन्हें नदियों और सरिताओं ने वाहित तथा निक्षेपित किया है।
- राजस्थान के एक संकीर्ण गलियारे से होती हुई ये मृदाएं गुजरात के मैदानी क्षेत्रों में विस्तारित हैं। प्रायद्वीपीय प्रदेश में, ये पूर्वी तट की नदियों के डेल्टाओं और नदियों की घाटियों में पाई जाती हैं।
- गंगा के उपरी और मध्यवर्ती मैदान में ‘खादर’ और ‘बांगर’ नाम की दो भिन्न मृदाएं विकसित हुई हैं। खादर प्रति वर्ष बाड़ों के द्वारा निक्षेपित होने वाला नया जलोढ़क है जो महीन गाद होने के कारण मृदा की उर्वरता बढ़ा देता है। बांगर पुराना जलोढ़क होता है जिसका जमाव बाढ़कृत मैदानों से दूर होता है। खादर और बांगर दोनों मृदाओं में कैल्सियमी संग्रथन अर्थात् कंकड़ पाए जाते हैं।
- जलोढ़ मृदाएं गठन में बलुई दुमट से चिकनी मिट्टी की प्रकृति की पाई जाती हैं।
- सामान्यतः इनमें पोटाश की मात्रा अधिक और फास्फोरस की मात्रा कम पाई जाती है।
- निम्न तथा मध्य गंगा के मैदान और ब्रह्मपुत्र घाटी में ये मृदाएं अधिक दुमटी एवं मृण्मय हैं।
- पश्चिम से पूर्व की ओर इनमें बालू की मात्रा घटती जाती है।
- जलोढ़ मृदाओं का रंग हल्के धूसर से राज धूसर जैसा होता है। इनका रंग निक्षेपण की गहराई, जलोड़ के गठन और निर्माण में लगने वाली समयावधि पर निर्भर करता है। जलोढ़ मृदाओं पर गहन कृषि की जाती है। इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।
प्रश्न. 2 तटीय प्रवाल भित्ति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. तटीय प्रवाल भित्तियां ऐसी प्रवाल वेदिकाएं होती हैं जो मुख्य भूमि से बाहर की ओर विस्तारित तट के निकट स्थित होती हैं।
2. ये कभी-कभी उथले लैगून द्वारा तट से पृथक हो जाती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
व्याख्या –
- तटीय प्रवाल भित्ति एक प्रवाल वैदिका होती हैं जो मुख्य भूमि से बाहर की और विस्तारित तट के निकट स्थित होती है। इसलिए कथन 1 सही है।
- यह कभी-कभी उथले लैगून द्वारा तट से पृथक हो जाती है। इसलिए कथन 2 सही है।
- जब यह किसी उभरे हुए अंतरीप के अनुषंगी होती है तब यह बहुत विस्तृत होती है, लेकिन एक धारा के मुहाने पर यह पूर्णतः अनुपस्थित होती है।
- ताजे भोजन की आपूर्ति को निरंतर नवीनीकृत करने वाली छिटकती लहरों के कारण बाहरी किनारा तेजी से विस्तृत होता है। प्रवाल भित्तियां लगभग एक मील तक चौड़ी हो सकती हैं, जो निम्न जल स्तर से थोड़ी ही ऊपर होती हैं तथा समुद्र की ओर लगभग 100 फीट की गहराई तक नीचे की ओर ढलान वाली होती हैं।
प्रश्न. 3 हाल ही में mRNA प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। mRNA प्रौद्योगिकी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. यह एकल रज्जुक RNA कुंडलनी है जो किसी जीन के DNA रज्जुओं में से एक के लिए पूरक होती है।
2. यह टीके के विकास के समय और लागत को कम करने में सहायता कर सकती है।
3. इसका उपयोग आनुवंशिक विकारों के उपचार हेतु किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
- हालिया संदर्भ: फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) ने mRNA प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कोविड -19 टीके का विकास किया है।
- मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड (mRNA) मानव जीव विज्ञान, विशेष रूप से प्रोटीन संश्लेषण के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। mRNA एकल रज्जुक कुंडलनी होती है जो आनुवंशिक कोड को कोशिका के नामिक में DNA से कोशिका की प्रोटीन उत्पादक मशीनरी, कोशिका द्रव्य में राइबोसोम तक ले जाती है। mRNA जीन के DNA रज्जुओं में से एक के लिए पूरक होती है। इसलिए कथन 1 सही है।
- प्रोटीन संश्लेषण के दौरान, राइबोसोम mRNA के साथ गति करता है, इसके आधार अनुक्रम का अध्ययन करता है और प्रत्येक तीन-आधार त्रिक, या प्रकूट (कोडान) को इसके संबंधित अमीनो एसिड में स्थानांतरण करने के लिए आनुवंशिक कोड का उपयोग करता है।
ऐसे ही इस टेस्ट सीरीज में 100 प्रश्नों को शामिल किया गया है जिसमें आप व्याख्या सहित उत्तर के साथ प्रैक्टिस कर सकते हैं
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अंतिम शब्द –
UPSC की तैयारी करने वाले विद्यार्थी Vision ias prelims test series 2024 ( 3 ) Pdf Download सीरीज में शामिल प्रश्नों को जरुर पढ़ ले प्रत्येक टेस्ट सीरीज में 100 प्रश्न दिए हुए हैं एवं उत्तर के साथ-साथ आपको प्रश्न की व्याख्या भी पढ़ने के लिए मिलती है
Thank you so much team’ vision ias