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यह पोस्ट उन विद्यार्थियों के लिए है जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए हम Drishti Ias : upsc prelims test series ( 3 ) 2024 free Download उपलब्ध करवा रहे हैं अगर आप Upsc परीक्षा 2024 या 2025 में देना चाहते हैं तो इन IAS Test Series 2024 के माध्यम से प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी अवश्य कर ले

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा टेस्ट सीरीज में ऐसे प्रश्नों को शामिल किया गया है जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो हम आपको ऐसे ही अनेक सीरीज उपलब्ध कराएं जिन्हें आप हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में डाउनलोड करके प्रैक्टिस कर सकते हैं

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Drishti Ias : upsc prelims test series ( 3 ) 2024 free Download

प्रश्न. निम्न पर विचार कीजिये:

1. राष्ट्रीय उद्यान

2. जंतु उद्यान

3. पवित्र उपवन

4. सामुदायिक अभयारण्य

5. वनस्पतिय उद्यान

उपर्युक्त में से कितने जैव संरक्षण के स्वस्थाने ( इन सीटू) तरीके हैं?

(a) केवल दो

(c) केवल चार

(d) सभी पाँच

किसी लुप्तप्राय पौधे या पशु प्रजाति की सुरक्षा की प्रक्रिया को दो प्राथमिक श्रेणियों, स्वस्थाने ( इन सीटू) और बाह्यस्थाने (एक्स सीटू) में वर्गीकृत किया जा सकता है।

● बाह्यस्थाने (एक्स सीटू) संरक्षण जीवित जीवों के नमूनों का उनके प्राकृतिक आवास के बाहर संरक्षण और रखरखाव है। संरक्षण की इस पद्धति के अंतर्गत जीन बैंक, प्राणी उद्यान, वनस्पतिय उद्यान, बीज बैंक आदि का प्रबंधन आता है।

● ऐसे कई जीव हैं जो जंगल में विलुप्त हो गए हैं किंतु जंतु उद्यानों में उनका संरक्षण किया जा रहा है।

● स्वस्थाने ( इन सीटू) संरक्षण का तात्पर्य प्रजातियों का उनके प्राकृतिक आवासों में संरक्षण प्रदान करना है। वन्यजीव अभयारण्यों, पवित्र उपवनों, राष्ट्रीय उद्यानों, सामुदायिक अभयारण्यों आदि के रूप में प्राकृतिक आवासों का रखरखाव संरक्षण की इस पद्धति के अंतर्गत आता है। अतः विकल्प (b) सही है।

प्रश्न. जैव उत्पादकता के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये :

1. किसी पारिस्थितिकी तंत्र की सकल प्राथमिक उत्पादकता प्रकाश संश्लेषण के दौरान जैविक पदार्थों के उत्पादन की दर है।

2. द्वितीयक उत्पादकता को उपभोक्ताओं द्वारा नए जैविक पदार्थ के निर्माण की दर के रूप में परिभाषित किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(d) न तो 1 और न ही 2

 किसी भी पारितंत्र की क्रियाशीलता एवं उसके स्थायी रहने के लिये सौर ऊर्जा का निरंतर निवेश (इनपुट) एक आधारभूत आवश्यकता है। प्राथमिक उत्पादन प्रकाश संश्लेषण के दौरान पादपों द्वारा एक निश्चित समयावधि में प्रति ईकाई क्षेत्र द्वारा उत्पन्न किये गए जैव मात्रा या कार्बनिक सामग्री की मात्रा है।

● इसे भार या ऊर्जा के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। जैव मात्रा के उत्पादन की दर को उत्पादकता कहते हैं। इसे सकल या कुल प्राथमिक उत्पादकता (GPP) तथा नेट प्राथमिक उत्पादकता (NPP) में विभाजित किया जा सकता है।

● सकल प्राथमिक उत्पादकता प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बनिक तत्त्व की उत्पादन दर होती है। सकल प्राथमिक उत्पादकता की एक महत्त्वपूर्ण मात्रा पादपों में श्वसन द्वारा उपयोग की जाती है। यदि हम सकल प्राथमिक उत्पादकता से श्वसन के दौरान हुई क्षति को घटा देते हैं तो हमें नेट प्राथमिक उत्पादकता प्राप्त होती है। GPP – R = NPP। अतः कथन (1) सही है।

● नेट प्राथमिक उत्पादकता परपोषितों की खपत (शाकभक्षी या अपघटक के रूप में) के लिये उपलब्ध जैव मात्रा होती है।

● द्वितीयक उत्पादकता को उपभोक्ताओं ने नए कार्बनिक तत्त्वों के निर्माण की दर के रूप में परिभाषित किया है। प्राथमिक उत्पादकता एक सुनिश्चित क्षेत्र में पादप प्रजातियों के निवास पर निर्भर करती है। ये विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय कारकों, पोषकों की उपलब्धता तथा पादपों की प्रकाश संश्लेषण क्षमता पर भी निर्भर करती है। अतः कथन (2) सही है।

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अंतिम शब्द

यूपीएससी की तैयारी करने वाले विद्यार्थी Drishti Ias : upsc prelims test series ( 3 ) 2024 free Download सीरीज में शामिल प्रश्नों को जरुर पढ़ ले प्रत्येक टेस्ट सीरीज में 100 प्रश्न दिए हुए हैं एवं उत्तर के साथ-साथ आपको प्रश्न की व्याख्या भी पढ़ने के लिए मिलती है