Share With Friends

जब आप संविधान के बारे में पढ़ते हैं तो आपको भारतीय संविधान ( Indian Constitution ) के प्रमुख अनुच्छेद के बारे में भी पढ़ना होता है जो की बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण टॉपिक है और यहां से परीक्षा में सबसे ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए संविधान में जितने भी अनुच्छेद हैं उन सभी के बारे में शॉर्ट नोट्स हम आपके लिए लेकर आए हैं ताकि आपका यह टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाए | 

हमने आपको बिल्कुल सरल एवं आसान भाषा में अनुच्छेद के बारे में बताने का प्रयास किया है आपको ऐसे शार्ट नोट्स शायद गूगल पर कहीं नहीं देखने को मिलेंगे इसलिए आगामी परीक्षाओं के लिए आप इन्हे अच्छे से जरूर पढ़ लें

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

भारतीय संविधान ( Indian Constitution ) के प्रमुख अनुच्छेद

अनुच्छेद 1 – संघ और राज्य क्षेत्र का उल्लेख।

 –   वर्तमान में 28 राज्य 8 व केन्द्रशासित प्रदेश।

अनुच्छेद 2 – नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना।

अनुच्छेद 3 – नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं व नामों में परिवर्तन।

अनुच्छेद 5 – संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता।

अनुच्छेद 6 – पाकिस्तान से भारत को प्रवर्जन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार।

अनुच्छेद 9 – विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना ।

अनुच्छेद 10 – नागरिकता के अधिकारों का बना रहना।

अनुच्छेद 11 – संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना।

अनुच्छेद 13 – मूल अधिकारों से असंगत या अल्पीकरण करने वाली विधियों का शून्य होना।

अनुच्छेद 14 – विधि के समक्ष समानता, विधियों का समान संरक्षण।

अनुच्छेद 15 – धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद या प्रतिषेध।

अनुच्छेद 16 – लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता।

अनुच्छेद 17 – अस्पृश्यता का अंत।

अनुच्छेद 18 – उपाधियों का अंत।

अनुच्छेद 19 – वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण।

अनुच्छेद 20 – अपराधों के लिए दोषसिद्धी के संबंध में संरक्षण।

अनुच्छेद 21 – प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण।

अनुच्छेद 21 ‘क’ – 6-14 वर्ष तक के बच्चों के नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार।

अनुच्छेद 22 – कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण।

अनुच्छेद 23 – मानव के दुर्व्यापार एवं बलात् श्रम का प्रतिषेध।

अनुच्छेद 24 – कारखानों में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध।

अनुच्छेद 25 – अन्त:करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता।

अनुच्छेद 26 – धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता।

अनुच्छेद 27 – धर्म की अभिवृद्धि हेतु ‘कर’ (TAX) से स्वतंत्रता।

अनुच्छेद 28 – कुछ शिक्षण संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा में उपस्थित होने की स्वतंत्रता।

अनुच्छेद 29 – अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण।

अनुच्छेद 30 – शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार।

अनुच्छेद 32 – संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

अनुच्छेद 33 – इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति।

अनुच्छेद 34 – जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बंधन।

अनुच्छेद 38 – राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा।

अनुच्छेद 39 ‘A’ – समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता।

अनुच्छेद 40 – ग्राम पंचायतों का गठन।

अनुच्छेद 41 – कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और रोजगार पाने का अधिकार।

अनुच्छेद 43 – कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि।

अनुच्छेद 43 ‘B’ – सहकारी समितियों का संवर्द्धन।  

अनुच्छेद 44 – समान नागरिक संहिता का प्रावधान।

अनुच्छेद 47 – पोषाहार स्तर और जीवन को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य।

अनुच्छेद 48 – कृषि एवं पशुपालन का संगठन।

अनुच्छेद 48 ‘क’ – पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्द्धन और वन तथा वन्यजीवों की रक्षा।

अनुच्छेद 50 – कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण।

अनुच्छेद 51 – अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि।

अनुच्छेद-51 ‘क’ – मूल कर्तव्य।

अनुच्छेद-52 – भारत का राष्ट्रपति।

अनुच्छेद-53 – संघ की कार्यपालिका शक्ति।

अनुच्छेद-54 – राष्ट्रपति का निर्वाचन।

अनुच्छेद-55 – राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति।

अनुच्छेद-56 – राष्ट्रपति की पदावधि।

अनुच्छेद-57 – पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता।

अनुच्छेद-58 – राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएँ।

अनुच्छेद-59 – राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें।

अनुच्छेद-60 – राष्ट्रपति द्वारा शपथ।

अनुच्छेद-61 – राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया।

अनुच्छेद-63 – भारत का उपराष्ट्रपति।

अनुच्छेद-64 – उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना।

अनुच्छेद-66 – उपराष्ट्रपति का निर्वाचन।

अनुच्छेद-69 – उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ।

अनुच्छेद-71 – राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के  निर्वाचन से संबंधित विषय।

अनुच्छेद-72 – क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दण्डादेश के निलम्बन, परिहार व लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति।

अनुच्छेद-74 – राष्ट्रपति की सहायता के लिए मंत्रिपरिषद् का गठन।

अनुच्छेद-75 (3) – मंत्रि-परिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी।  

अनुच्छेद-76 – भारत का महान्यायवादी।

अनुच्छेद-77 – भारत सरकार की समस्त कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम से की जाएगी।

अनुच्छेद-79 – संसद का गठन।

अनुच्छेद-80 – राज्यसभा का गठन व संरचना।

अनुच्छेद-81 – लोकसभा का गठन व संरचना।

अनुच्छेद-85 – संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन।

अनुच्छेद-87 – राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण।

अनुच्छेद-93 – लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष।

अनुच्छेद-105 – संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार आदि।

अनुच्छेद-108 – कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक।

अनुच्छेद-110 – धन विधेयक की परिभाषा।

अनुच्छेद-111 – विधेयकों पर अनुमति।

अनुच्छेद-112 – वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट)।

अनुच्छेद-123 – संसद के विश्रांतिकाल में राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश जारी करने की शक्ति।

अनुच्छेद-124 – उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन।

अनुच्छेद-126 – कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति।

अनुच्छेद-129 – उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना।

अनुच्छेद-131 – उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता।

अनुच्छेद-137 – निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालय द्वारा पुनर्विलोकन।

अनुच्छेद-141 – उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना।

अनुच्छेद-142 – उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश।

अनुच्छेद-143 – उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति।

अनुच्छेद-148 – भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक।

अनुच्छेद-153 – राज्यों के राज्यपाल।

अनुच्छेद-154 – राज्यपाल की कार्यपालिका शक्ति।

अनुच्छेद-155 – राज्यपाल की नियुक्ति।

अनुच्छेद-156 – राज्यपाल की पदावधि।

अनुच्छेद-159 – राज्यपाल द्वारा शपथ।

अनुच्छेद-161 – क्षमा आदि कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन परिहार व लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति।

अनुच्छेद-163 – राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद।

अनुच्छेद-165 – राज्य का महाधिवक्ता।

अनुच्छेद-167 – राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्त्तव्य।

अनुच्छेद-176 – राज्यपाल का विशेष अभिभाषण।

अनुच्छेद-178 – विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष।

अनुच्छेद-194 – विधान-मंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों  और समितियों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार आदि।

अनुच्छेद-199 – धन विधेयक की परिभाषा।

अनुच्छेद-200 – राज्यपाल की विधेयकों पर अनुमति।

अनुच्छेद-201 – विचार के लिए आरक्षित विधेयक।

अनुच्छेद-202 – वार्षिक वित्तीय विवरण।

अनुच्छेद-213 – विधानमण्डल में विश्रांतिकाल में अध्यादेश जारी करने की राज्यपाल की शक्ति।

अनुच्छेद-214 – राज्यों के लिए उच्च न्यायालय का प्रावधान।

अनुच्छेद-215 – उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय।

अनुच्छेद-226 – कुछ रिट जारी करने की उच्च न्यायालय की शक्तियाँ।

अनुच्छेद-235 – अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण।

अनुच्छेद-239 ‘AA’ – दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध।

अनुच्छेद-241 – संघ राज्य क्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय।

अनुच्छेद-243 ‘A’ – ग्राम सभा।

अनुच्छेद- 243 ‘G’ – पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्त्व।

अनुच्छेद-243 ‘I’ – वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन।

अनुच्छेद-243 ‘K’ – पंचायतों के लिए निर्वाचन।

अनुच्छेद-243 ‘Q’ – नगरपालिकाओं का गठन।

अनुच्छेद-243 ‘Y’ – नगरपालिकाओं का वित्त आयोग।

अनुच्छेद-243 ‘ZA’ – नगरपालिका के लिए निर्वाचन।

अनुच्छेद-243 ‘ZD’ – जिला योजना समिति।

अनुच्छेद-246 – संसद द्वारा राज्यों के विधानमंडल द्वारा बनाई गई विधियों की विषय वस्तु।

अनुच्छेद-249 – राज्य सूची में विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विषय बनाने की संसद की शक्ति।

अनुच्छेद-254 – संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति।

अनुच्छेद-262 – अंतरराज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जल संबंधी विवादों का न्याय निर्णयन।

अनुच्छेद-263 – अन्तर राज्य परिषद् के संबंध में उपबंध।

– अनुच्छेद-266 – भारत और राज्यों की संचित निधियाँ और लोक लेखे।

– अनुच्छेद-267 – आकस्मिकता निधि।

– अनुच्छेद-279 ‘क’ – माल और सेवाकर परिषद् (GST)

अनुच्छेद-280 – वित्त आयोग।

अनुच्छेद-300 ‘क’ – सम्पत्ति का अधिकार।

अनुच्छेद-312 – अखिल भारतीय सेवाएँ।

अनुच्छेद-315 – संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग

अनुच्छेद-323 – लोक सेवा आयोग के प्रतिवेदन।

अनुच्छेद-324 – निर्वाचन आयोग।

अनुच्छेद-326 – लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचन का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना।

अनुच्छेद-330 – लोकसभा में SC और ST के लिए स्थानों का आरक्षण।

अनुच्छेद-331 – लोकसभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व।

अनुच्छेद-332 – राज्य की विधानसभा में SC और ST के लिए स्थानों का आरक्षण।

अनुच्छेद-333 – राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व।

अनुच्छेद-338 – राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग।

अनुच्छेद-338 ‘A’ – राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग।

अनुच्छेद-343 – संघ की राजभाषा।

अनुच्छेद-344 – राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति।

अनुच्छेद-350 ’A’ – प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएँ। 

अनुच्छेद-351 – हिंदी भाषा के विकास के लिए निदेश।

अनुच्छेद-352 – राष्ट्रीय आपातकाल।

अनुच्छेद-356 – राष्ट्रपति शासन।

अनुच्छेद-359 – आपात के दौरान भाग-3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलंबन।

अनुच्छेद-360 – वित्तीय आपातकाल।

अनुच्छेद-361 – राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण।

अनुच्छेद-368 – संविधान संशोधन करने की प्रक्रिया।

अनुच्छेद-370 – जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध।

अनुच्छेद-393 – इस संविधान का संक्षिप्त नाम ‘भारत का संविधान’ है।

अनुच्छेद-394 ’A’ – हिंदी भाषा में प्राधिकृत पाठ।

अगर आपकी जिद है सरकारी नौकरी पाने की तो हमारे व्हाट्सएप ग्रुप एवं टेलीग्राम चैनल को अभी जॉइन कर ले

Join Whatsapp GroupClick Here
Join TelegramClick Here

अंतिम शब्द

उम्मीद करते हैं भारतीय संविधान ( Indian Constitution ) के प्रमुख अनुच्छेद पोस्ट में हमने आपको बेहतर नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश की है अगर आपको इस पोस्ट का स्टडी मैटेरियल अच्छा लगा हो तो इसे अन्य ग्रुप या अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें