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Indian Economy by Ramesh Singh ( 4 ) आर्थिक संवृद्धि नोट्स : इस सीरीज में हम आपके लिए Economy of India For Upsc अर्थात भारतीय अर्थव्यवस्था के नोट्स टॉपिक अनुसार अलग-अलग पोस्ट के माध्यम से लेकर आएंगे ताकि प्रत्येक टॉपिक को आप आसानी से एवं सरल भाषा में पढ़ सके आज हम इसमें आपको आर्थिक संवृद्धि के बारे में बताने वाले हैं इस टॉपिक से बहुत बार परीक्षा में प्रश्न पूछे जा चुके हैं

भारतीय अर्थव्यवस्था ( Economy of India ) सिविल सर्विस परीक्षा ( UPSC ) की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय है जिसे हम संपूर्ण विषय को नोट्स के माध्यम से कर करेंगे ताकि इस विषय के लिए आपकी तैयारी शानदार हो सके

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Indian Economy by Ramesh Singh ( 4 ) आर्थिक संवृद्धि नोट्स

आर्थिक संवृद्धि

· आर्थिक संवृद्धि का तात्पर्य अर्थव्यवस्था में किसी समयावधि में होने वाली वास्तविक आय की वृद्धि से है अर्थात् किसी अर्थव्यवस्था में यदि सकल राष्ट्रीय उत्पाद, सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो रही है तो यह माना जाएगा कि उस अर्थव्यवस्था की आर्थिक संवृद्धि हो रही है।

आर्थिक विकास

· यह आर्थिक संवृद्धि की तुलना में एक वृहत्तर संकल्पना है। इसमें आर्थिक संवृद्धि के साथ-साथ संरचनात्मक एवं गुणात्मक परिवर्तन होना अनिवार्य है अर्थात् किसी अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास तभी स्वीकार किया जाएगा जब लोगों की आय के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में भी गुणात्मक परिवर्तन हो।

आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास में अंतर

· आर्थिक संवृद्धि का अर्थ देश के प्रतिव्यक्ति उत्पादन में एक निश्चित समयावधि में हुई वृद्धि से है, जबकि आर्थिक विकास में प्रतिव्यक्ति उत्पादन के साथ यह देखा जाता है कि अर्थव्यवस्था के सामाजिक व आर्थिक ढाँचे में क्या परिवर्तन हुए हैं।

· जहाँ आर्थिक संवृद्धि का अर्थ उत्पादन में वृद्धि होती है, वहाँ आर्थिक विकास का तात्पर्य उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ उत्पादन की तकनीकी और संरचना व्यवस्था में और वितरण प्रणाली में परिवर्तन होता है।

आर्थिक संवृद्धि के मापक

· वास्तविक राष्ट्रीय आय (real national income) मुद्रा के रूप में व्यक्त आय जैसे 1000 रुपये मौद्रिक आय है पर जब हम उसे उसकी क्रयशक्ति में व्यक्त करें तो उसे हम वास्तविक आय कहते हैं।

· साधन लागत पर व्यक्त वास्तविक घरेलू उत्पाद, राष्ट्रीय उत्पाद तथा प्रतिव्यक्ति आय को हम सामान्यतया आर्थिक संवृद्धि के माप के रूप में स्वीकार करते हैं।

आर्थिक विकास के मापक

प्रतिव्यक्ति वास्तविक आय

· प्रति व्यक्ति आय एक निर्दिष्ट वर्ष में दिए गए क्षेत्र में प्रति व्यक्ति की औसत आय को मापता है।

· इसकी गणना क्षेत्र की कुल आय को उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित करके की जाती है।

· प्रति व्यक्ति आय जनसंख्या के आकार से विभाजित राष्ट्रीय आय है।

· आर्थिक विकास के माप के दो तरीके हैं–

 1. निरपेक्ष मापक (Absolute Measure)

 2. सापेक्षिक मापक (Relative Measures)

· आर्थिक विकास की माप – पाँच दृष्टिकोण हैं जो आर्थिक विकास के माप पर दृष्टिकोण डालते हैं।

1. आर्थिक विकास का आधारभूत आवश्यकता प्रत्यागम (Basic Need approach) का प्रतिपादन 1970 में विश्व बैंक ने किया।

2.  जीवन की भौतिक गुणवक्ता निर्देशांक PQLI (physical quality of life index) प्रत्यागम – इस विधि को मौलिक रूप से सोचने का श्रेय जान टिनवर्जन (1976) को जाता है पर इसे मारिश डी. मारिश के नाम से जाना जाता है। जिन्होंने 23 विकसित तथा विकासशील देशों के संबंध में अध्ययन किया।

· तीन महत्त्वपूर्ण संकेतक – साक्षरता दर शिशु मृत्यु दर एवं जन्म के समय जीवन प्रत्याशा है।

3. क्रयशक्ति समता विधि (purchasing power parity method) – इस विधि का सर्वप्रथम प्रयोग 1993 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने किया और आजकल विश्व बैंक इसी विधि का प्रयोग विभिन्न देशों के रहन-सहन के स्तर की तुलना के लिए कर रहा है। वैसे- इस विधि का प्रतिपादन जी.आर.कैसेल ने किया।

4. निवल आर्थिक कल्याण (net Economic Welfare) मापक  विलियम नोरधास तथा जेम्स टोविन ने जीवन की गुणवत्ता में सुधार जो आर्थिक विकास का मापक है, कि माप के लिए मेजर आफ इकोनॉमिक वेलफेयर (MEW) की धारणा विकसित की।

5. मानव विकास – मानव विकास को लोगों की स्वतंत्रता और अवसरों को बढ़ाने और उनकी भलाई में सुधार करने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया गया है। मानव विकास उस वास्तविक स्वतंत्रता के बारे में जिसमें आय लोगों को यह तय करना है कि क्या बनना है, क्या करना है और कैसे रहना है।

नोट: मानव विकास की अवधारणा महबुब उल हक द्वारा दी गई है।

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अंतिम शब्द

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उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में हमने Indian Economy by Ramesh Singh ( 4 ) आर्थिक संवृद्धि नोट्स टॉपिक के लिए आपको नोट्स उपलब्ध करवाए हैं यह आपको अच्छे लगे होंगे और आशा करते हैं यह आपको आपकी आगामी परीक्षा में जरूर काम आएंगे इसलिए अन्य विद्यार्थियों तक भी आप इसे जरूर शेयर करेंशेयर करने के लिए पोस्ट के ऊपर शेयर बटन पर क्लिक करें