यह पोस्ट उन विद्यार्थियों के लिए है जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं हम उनके लिए इस पोस्ट में Vision Ias prelims test series 2024 ( 5 ) free download निशुल्क प्राप्त करवा रहे हैं टेस्ट सीरीज चाहे किसी भी वर्ष की हो वह सभी के साथ आपको प्रैक्टिस करना चाहिए यह Test-5 है जिसे आप PDF के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं
Vision Ias कि यह Test Series 2022 की है लेकिन जो विद्यार्थी यूपीएससी परीक्षा 2024 में शामिल होना चाहते हैं वह सभी के लिए यह टेस्ट सीरीज बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है इसमें आपको सभी प्रश्नों के उत्तर एवं व्याख्या सहित हल देखने को मिलता है
Vision Ias prelims test series 2024 ( 5 ) free download
प्रश्न. चोलों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. विजयालय चोल साम्राज्य का संस्थापक था।
2. चोल शासक अपनी नौसैनिक शक्ति के लिए प्रसिद्ध थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
- चोल साम्राज्य का संस्थापक विजयालय था, जो पूर्व में पल्लवों का सामंत था। विजयालय ने 850 ई. में तंजौर पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। 9वीं शताब्दी के अंत तक चोलों ने कांची के पल्लवों को पराजित कर दिया था और पांड्यों को कमजोर कर दिया था। इस प्रकार दक्षिणी तमिल भूमि (टोंडमंडल) पर उनका अधिकार स्थापित हो गया। किंतु राष्ट्रकूटों से अपना बचाव करने के लिए चोलों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इसलिए कथन 1 सही है।
- चोल शासकों ने राजमार्गों का एक जाल बिछा दिया, जो व्यापार के साथ-साथ सेना की आवाजाही के लिए भी उपयोगी था।
- चोल साम्राज्य में व्यापार और वाणिज्य का विकास हुआ तथा इस काल में कुछ विशालकाय व्यापार संघों (गिल्डों) का उदय हुआ, जो जावा एवं सुमात्रा के साथ व्यापार करते थे।
- चोलों ने सिंचाई व्यवस्था पर भी ध्यान दिया। इसके लिए कावेरी नदी तथा दूसरी नदियों का उपयोग किया गया और सिंचाई के लिए अनेक तालाब बनाए गए। एक तालाब समिति का गठन भी किया गया, जो खेतों में जल के वितरण की निगरानी करती थी।
- चोलों के पास एक मजबूत और विशाल नौसेना भी थी, जिसका मालाबार एवं कोरोमंडल तट पर तथा कुछ समय के लिए संपूर्ण बंगाल की खाड़ी पर प्रभुत्व था। इसलिए कथन 2 सही है।
प्रश्न. सिंधु घाटी सभ्यता की कृषि पद्धतियों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं ?
1. सिंधु घाटी के लोग गेहूँ, जौ, राई, मटर, चावल और सरसों की कृषि करते थे।
2. काँसे के उपकरणों का उपयोग खेतों की जुताई और फसलों की कटाई के लिए हंसिया के रूप में किया जाता था।
3. इस चरण में कपास का भी उत्पादन होता था।
4. हरियाणा के दौलतपुर और मिताथल में तथा उत्तर प्रदेश के हुलास में रागी बड़े पैमाने पर उगाया जाता था।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए ।
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) केवल 1 और 3
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोग बाढ़ का पानी उतर जाने पर नवंबर के महीने में बाढ़ वाले मैदानों में बीज बो देते थे और अगली बाढ़ के आने से पहले अप्रैल के महीने में गेहूं और जौ की अपनी फसल काट लेते थे। वे गेहूं, जौ, मटर, तिल, राई और चावल का उत्पादन करते थे। इसलिए कथन 1 सही है।
- मोहनजोदड़ो और हड़प्पा दोनों में अनाज विशाल अन्नागारों में संगृहीत किया जाता था। संभवतः किसानों से राजस्व के रूप में अनाज लिया जाता था और इसे पारिश्रमिक के भुगतान के साथ-साथ आपातस्थिति के दौरान उपयोग के लिए अन्नागारों में संगृहीत किया जाता था।
- यहाँ कोई फावड़ा या हल का फाल तो नहीं मिला है, किंतु कालीबंगा के पूर्व-हड़प्पा चरण से जो हल की लीक के निशान प्राप्त हुए हैं, उनसे अनुमान लगाया जाता है कि हड़प्पा काल में राजस्थान में हल जोते जाते थे। हड़प्पावासी लोग संभवतः लकड़ी के हलों का प्रयोग करते थे। इस बात का पता नहीं है कि हल मनुष्यों द्वारा खींचा जाता था या बैलों के द्वारा। फसलों की कटाई हेतु संभवतः पत्थर के हँसियो का प्रयोग किया जाता था। इसलिए कथन 2 सही नहीं है।
- कपास का सर्वप्रथम उत्पादन करने का श्रेय सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों को दिया जाता है। चूंकि कपास का उत्पादन सर्वप्रथम इसी क्षेत्र में हुआ था इसलिए यूनान के लोग इसे “सिन्डन (Sindon)” कहने लगे। ध्यातव्य है कि “सिन्डन” शब्द की उत्पत्ति ‘सिंध’ से हुई है। इसलिए कथन 3 सही है।
- रागी उत्तर भारत के किसी भी हड़प्पाई स्थल से अब तक प्राप्त (ज्ञात) नहीं हुआ है। इसलिए कथन 4 सही नहीं है ।
प्रश्न. चैत्य एवं विहारों के विकास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. चैत्य एवं विहार बौद्ध और जैन दोनों के मठीय संकुलों (परिसर) के भाग थे।
2. शैलकृत चैत्य एवं विहारों का उद्गम मौर्य काल में हुआ था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
- गुफाओं से संबंधित मुख्य रूप से दो प्रकार की विशिष्ट वास्तुकलाएं हैं, अर्थात् चैत्य और विहार। स्तूप, बिहार और चैत्य बौद्धों तथा जैनों के मठीय संकुलों (परिसर) के भाग हैं लेकिन इनमें से अधिकांश प्रतिष्ठान बौद्ध धर्म के हैं। इसलिए कथन 1 सही है।
- चैत्य: यह एक आयताकार प्रार्थना कक्ष है जिसके केंद्र में एक स्तूप निर्मित होता है। चैत्य को तीन भागों में विभाजित किया गया था,
- जिसमें गजपृष्ठीय पार्श्व भाग, अर्थात् एक अर्धवृत्ताकार पिछला छोर था। सभा मंडप के मध्य भाग [ जिसे नेव (Nave) भी कहा जाता है] को दो गलियारों से स्तंभों की दो पंक्तियों द्वारा अलग किया गया था। चैत्यों में परिष्कृत आंतरिक दीवारें, अर्धवृत्ताकार छतें और घोड़े की नाल के आकार की खिड़कियां होती हैं जिन्हें चैत्य खिड़कियां कहा जाता है।
- विहार: ये भिक्षुओं के निवास स्थल थे। पाली ग्रंथों में विहारों की संरचना को दर्शाया गया है। प्रारंभिक ढांचे लकड़ियों से निर्मित किए जाते थे और जल्द ही आदिम घांस-फूस की झोपड़ियों से विशाल संघारामों के रूप में विकसित हुए। समय के साथ-साथ संघाराम शैक्षिक संस्थानों और बौद्ध शिक्षा के केंद्रों के रूप में विकसित हुए, जैसे-नालंदा, विक्रमशिला, सोमपुरा ।
Download Full Test
Click & Download Pdfअगर आपकी जिद है सरकारी नौकरी पाने की तो हमारे व्हाट्सएप ग्रुप एवं टेलीग्राम चैनल को अभी जॉइन कर ले
Join Whatsapp Group | Click Here |
Join Telegram | Click Here |
अंतिम शब्द –
UPSC की तैयारी करने वाले विद्यार्थी Vision ias prelims test series 5 For 2024 free download सीरीज में शामिल प्रश्नों को जरुर पढ़ ले प्रत्येक टेस्ट सीरीज में 100 प्रश्न दिए हुए हैं एवं उत्तर के साथ-साथ आपको प्रश्न की व्याख्या भी पढ़ने के लिए मिलती है
Leave a Reply