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भारतीय इतिहास एक ऐसा विषय है जो लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है अगर आप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपके लिए Ncert Class 11 History Book Notes उपलब्ध करवा रहे हैं  यह नोट्स कक्षा 6 से 12 पर आधारित है इसलिए इस पोस्ट में हमने आपके लिए NCERT Indian History Notes Pdf ( 2 ) : बंगाल के गवर्नर जनरल के नोट्स नीचे उपलब्ध करवा दिए हैं

उम्मीद करता हूं इन नोट्स को पढ़कर आपका यह टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा क्योंकि हम आपके लिए बेहतरीन से बेहतरीन नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश करते हैं

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NCERT Indian History Notes Pdf ( 2 ) : बंगाल के गवर्नर जनरल

● 1773 ई. के रेग्यूलेटिंग एक्ट के अनुसार बंगाल के गवर्नर को अब अंग्रेज़ी क्षेत्रों का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा, जिसका कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया।

● मद्रास एवं बंबई के गवर्नर को भी इसके अधीन कर दिया गया। इसलिए उस समय बंगाल के गवर्नर वॉरेन हेस्टिंग्स को ही बंगाल का गवर्नर जनरल कहा गया।

वॉरेन हेस्टिंग्स (1772 – 1785 ई.)

● वॉरेन हेस्टिंग्स बंगाल का अंतिम गवर्नर था, जिसने बंगाल में स्थापित द्वैध शासन को समाप्त कर दिया।

● इसके शासनकाल में 1773 ई. के रेग्यूलेटिंग एक्ट के तहत कलकत्ता में एक उच्चतम न्यायालय की स्थापना 1774 ई. में की गई।

● इसके संरक्षण में चार्ल्स विलकिंस ने भगवद्‌गीता का अंग्रेजी में अनुवाद किया तथा सर विलियम जोंस ने 1784 ई. में ‘एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल’ की स्थापना की।

● 1780 ई. में भारत का पहला समाचार-पत्र ‘द बंगाल गजट’ का प्रकाशन जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा किया गया।

लॉर्ड कॉर्नवालिस (1786 – 1793 ई.)

● इसके समय में समस्त जिलों का अधिकार कलेक्टरों को सौंप दिया गया।

● एकमात्र गवर्नर जनरल है जिसकी समाधि भारत के गाजीपुर (U.P.) में है।

● कॉर्नवालिस को भारतीय सिविल सेवा का जनक माना जाता है।

● उसने न्यायिक क्षेत्र में शक्ति के पृथक्करण का सिद्धांत दिया तथा कॉर्नवालिस संहिता एवं रेवेन्यू बोर्ड की स्थापना की। (स्थायी बन्दोबस्त)

● पुलिस सेवा जनक

● बिहार, बंगाल, उड़ीसा आदि क्षेत्रों में भू-राजस्व की स्थायी बंदोबस्त प्रणाली (1793 ई.) को लागू किया।

लॉर्ड वेलेजली (1798 – 1805 ई.)

● लॉर्ड वेलेजली को भारत में सहायक संधि का जनक माना जाता है।

● इसने निम्नलिखित रियासतों के साथ सहायक संधि की –

 i. हैदराबाद (1798 ई.) (सर्वप्रथम) ii. मैसूर (1799 ई.)

 iii. तंजौर (1799 ई.) iv. अवध (1801 ई.)

 v. पेशवा (1802 ई.) 

● इसी के समय में कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की गई।

● वह स्वयं को बंगाल का शेर कहता था।

● इसके समय चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799 ई.)

लॉर्ड मिंटो प्रथम (1807 – 1813 ई.)

● इसके कार्यकाल में 1813 ई. का चार्टर एक्ट पारित हुआ।

● महाराजा रणजीत सिंह के साथ प्रसिद्ध ‘अमृतसर की संधि’ (1809 ई.) हुई।

लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813 – 1823 ई.)

● इसी के समय 1822 ई. में बंगाल में काश्तकारी अधिनियम को लागू किया गया।

लॉर्ड एम्हर्स्ट (1823 – 1828 ई.)

● इसके समय में प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध (1824-26 ई.) हुआ तथा बर्मा पराजित हुआ और 1826 ई. के मध्य दोनों के बीच यांडबू (यांदबू) की संधि हुई।

लॉर्ड विलियम बैंटिक (1828 – 33 ई.)

● बंगाल का अंतिम गवर्नर जनरल था।

● लॉर्ड विलियम बैंटिक के समय ही भारत में सामाजिक सुधार को गति प्राप्त हुई।

● उसने राजा राममोहन राय के सहयोग से 1829 ई. में सती प्रथा को समाप्त किया। इस प्रथा के खिलाफ कानून बना कर 1829 ई. में धारा-17 के द्वारा विधवाओं का सती होना अवैध घोषित कर दिया गया।

● कर्नल स्लीमन की सहायता से ठगी प्रथा को समाप्त कर दिया, शिशु एवं बालिका हत्या पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

● 1833 ई. के चार्टर एक्ट के तहत बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया। चूँकि इस समय लॉर्ड विलियम बैंटिक बंगाल का गवर्नर जनरल था अतः बैंटिक ही भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कहलाया।

● विधि आयोग का गठन किया गया।

चार्ल्स मेटकॉफ (1835 – 1836 ई.)

● चार्ल्स मेटकॉफ ने समाचार-पत्रों से प्रतिबंध हटा दिया, जिसके कारण इसे ‘समाचार-पत्रों का मुक्तिदाता’ कहा जाता है।

लॉर्ड ऑकलैंड (1836 – 1842 ई.)

● इसने ग्रांड ट्रंक रोड की मरम्मत करवाई।

● महाराजा रणजीत सिंह एवं शाहशुजा के मध्य (त्रिदलीय संधि) हुई।

लॉर्ड एलनबरो (1842 – 1844 ई.)

● इसने 1843 ई. के एक्ट-V के द्वारा दास-प्रथा उन्मूलन कानून को लागू किया गया।

लॉर्ड डलहौजी (1848 – 1856 ई.)

● इसके शासनकाल में द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध (1848-49 ई.) हुआ तथा इसने 1849 ई. में पंजाब का अंग्रेज़ी राज्य में विलय कर दिया।

● लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत सिद्धांत के तहत भारत के कई देशी राज्यों- सतारा (1848 ई.), जैतपुर व संभलपुर (1849 ई.), उदयपुर (1852 ई.), झाँसी (1853 ई.), नागपुर (1854 ई.) को ब्रिटिश साम्राज्य में शामिल कर लिया।

● इसने कर रहित जागीरों का पता लगाने एवं उसे वापस लेने के लिए 1852 ई. में इनाम कमीशन की स्थापना की।

● लॉर्ड डलहौजी ने 1856 ई. में अवध के नवाब वाजिद अली शाह पर कुशासन का आरोप लगाकर अवध को अंग्रेज़ी साम्राज्य में मिला लिया।

● इसी के कार्यकाल में भारत में पहली बार 1853 को बंबई से थाणे के बीच (34 किमी.) रेल चलाई गई, इसलिए लॉर्ड डलहौजी को भारत में रेल यातायात का जनक माना जाता है।

● 1854 ई. में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन प्रारंभ हुआ।

● 1853 ई. में कलकत्ता से आगरा के बीच पहली बार बिजली से संचालित तार-सेवा की शुरुआत हुई।

● शिक्षा संबंधी सुधारों में 1854 ई. में वुड डिस्पैच नीति लागू की गई, जिसके तहत प्रत्येक प्रदेश में एक शिक्षा निदेशक की नियुक्ति हुई।

● 1854 में सार्वजनिक निर्माण विभाग (पी.डब्लू.डी.) की स्थापना की।

● रूड़की में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की।

● ‘आधुनिक भारत’ के निर्माता के रूप में जाना जाता है।

लॉर्ड कैनिंग (1856 – 58 ई.)

● इसी के समय में 1857 ई. का विद्रोह हुआ। वह भारत का अंतिम गवर्नर जनरल तथा प्रथम वायसराय था।

● इसी के समय में 1856 ई. में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित हुआ।

● 1857 ई. में बंबई, मद्रास एवं कलकत्ता में एक-एक विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।

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