Medieval History Lodi Vansh Notes : मध्यकालीन भारतीय इतिहास के लिए आप बाजार में अनेक किताबें उपलब्ध है जहां से आप इतिहास की तैयारी कर सकते हैं लेकिन हम आपकी तैयारी नोट्स के माध्यम से करवाएंगे इस पोस्ट में हम मध्यकालीन भारतीय इतिहास ( सल्तनत काल ) सैय्यद एवं लोदी वंश नोट्स आपके लिए लेकर आए हैं जिसमें आप गुलाम वंश के बारे में पढ़ेंगे
आप चाहे किसी भी परीक्षा की तैयारी करते हो उन सभी के लिए यह नोट्स बहुत महत्वपूर्ण है और हम आपके लिए शानदार नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश करते हैं ताकि आपकी तैयारी कम समय में बहुत अच्छी हो सके
मध्यकालीन इतिहास : सैय्यद एवं लोदी वंश नोट्स
सैय्यद वंश ( 1414-1451 ई. )
खिज्र खाँ सैयद वंश का संस्थापक था।
तत्पश्चात् मुबारकशाह (1421-1434 ई.) उसका उत्तराधिकारी बना।
अंतिम सैय्यद शासक शाह आलम को गद्दी से उतारकर वजीर बहलोल लोदी ने नए राजवंश की नींव रखी।
लोदी वंश
बहलोल लोदी ( 1451-1489 ई. )
बहलोल लोदी अफगानिस्तान के गिलजाई कबीले की शाखा शाहूखेल में पैदा हुआ था।
उसने जौनपुर के शर्की शासक को पराजित कर जौनपुर को पुनः सल्तनत में शामिल किया।
सिकन्दर लोदी ( 1489-1517 ई. )
उसने 1504 ई. में आगरा नगर का निर्माण करवाया तथा उसके बाद अपनी राजधानी को आगरा स्थानान्तरित कर दिया।
भूमि माप के लिए उसने ‘सिकन्दरी गज’ का प्रयोग किया।
वह ‘गुलरुखी’ नाम से कविताएँ लिखता था।
इब्राहिम लोदी ( 1517-1526 ई. )
पानीपत के प्रथम युद्ध में तैमूरवंशी शासक बाबर के साथ हुए युद्ध में 21 अप्रैल, 1526 को इब्राहिम लोदी पराजित हुआ।
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अंतिम शब्द –
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