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विज्ञान एक ऐसा विषय है जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इनमें साइंस से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जाते हैं लेकिन जब तक आप अच्छे स्टडी मैटेरियल से तैयारी नहीं करते तब तक सफलता पाना मुश्किल है इसलिए हम आपको इस पोस्ट में Ncert Physics ( भौतिक विज्ञान ) Notes in Hindi : गति के नियम और समीकरण के संपूर्ण नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं

यह Ncert Class 11th Physics Chapter 5 पढ़ने के बाद आपको इकाई एवं मापन टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा आपको इस टॉपिक को तैयार करने के लिए अन्य जगह से पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी

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Ncert Physics ( भौतिक विज्ञान ) Notes in Hindi : गति के नियम और समीकरण

गति :-

–  जब किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन हो तो वस्तु गतिशील अवस्था में रहती है।

–  प्रत्येक वस्तु की गति किसी अन्य वस्तु के सापेक्ष ही देखी जाती है।

दूरी एवं विस्थापन

दूरीविस्थापन
(i)   तय किए गए पथ की कुल लम्बाई दूरी कहलाती है।(i)   प्रारंभिक एंव अंतिम बिन्दु के बीच की सीधी दूरी विस्थापन कहलाती है।
(ii)   दूरी अदिश राशि है।(ii)   विस्थापन सदिश राशि है।
(iii) गतिशील वस्तु द्वारा तय की गई दूरी सदैव धनात्मक (+ve) होती है।(iii)   विस्थापन का मान धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य हो सकता है।
(iv)   दूरी का मात्रक मीटर होता है।(iv)   विस्थापन का भी मात्रक मीटर होता है।

  दूरी  विस्थापन के मध्य संबंध:   दूरी ≥ विस्थापन

चाल व वेग :

चाल (Speed)वेग (Velocity)
इकाई समय में तय की गई दूरी चाल कहलाता है।इकाई समय में तय किया गया विस्थापन वेग कहलाता है
चाल = वेग =
यह अदिश राशि है।यह सदिश राशि है
गतिशील वस्तु की चाल सदैव धनात्मक होती है।वेग का मान धनात्मक, ऋणात्मक एवं शून्य होता है।
इसका मात्रक मीटर/सेकण्ड होता है।इसका मात्रक मीटर/सेकण्ड होता है।

  चाल एवं वेग के मध्य संबंध :– चाल  वेग

त्वरण (a):-

  किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर या इकाई समय में वस्तु के वेग में परिवर्तन उसमें उत्पन्न त्वरण के बराबर होता है।

  त्वरण एक सदिश राशि है।

  त्वरण का मात्रक मीटर/सेकण्ड2 अथवा मीटर × सेकण्ड –2 होता है।

  त्वरण की विमा MoL1T-2 होती है।

संवेग (P):-

  किसी वस्तु के द्रव्यमान (M) एवं वेग (V) का गुणनफल उस वस्तु के संवेग को दर्शाता है।

  P = M×V

  संवेग एक सदिश राशि है।

  संवेग की विमा M1L1T-1 होती है।

  संवेग का मात्रक = किग्रा × �ℎ�����.� होता है।

न्यूटन के गति के नियम:-

–  आइजेक न्यूटन ने अपनी पुस्तक ‘प्रिंसिपिया’ में गति के 3 नियमों के में बताया था।

I. गति का प्रथम नियम

II. गति का द्वितीय नियम

III. गति का तृतीय नियम

गति का प्रथम नियम

–  गति के प्रथम नियम के अनुसार प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिति में परिवर्तन का विरोध करती है अर्थात् वस्तुएँ अपनी स्थिति में ही बने रहना चाहती हैं।

–  जड़त्व के गुण के कारण ही वस्तुएँ अपनी स्थिति में परिवर्तन का विरोध करती हैं, अत: इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं।

–  जड़त्व के बारे में सर्वप्रथम गैलीलियो ने बताया।

–  जड़त्व का गुण द्रव्यमान से सम्बद्ध होता है अर्थात् जड़त्व द्रव्यमान के समानुपाती होता है। (जड़त्व ∝ द्रव्यमान)

–  जड़त्व तीन प्रकार के होते हैं-

1. स्थिर अवस्था का जड़त्व

2. गतिशीलता का जड़त्व

3. दिशा का जड़त्व

1.  स्थिर अवस्था का जड़त्व:- इस नियम के अनुसार ‘स्थिर वस्तु अपनी स्थिरावस्था में बनी रहना चाहती है‘; जैसे- घोड़े के अचानक दौड़ने पर घुड़सवार का पीछे गिर जाना।

2.  गतिशीलता का जड़त्व:- इस नियम के अनुसार गतिशील वस्तु अपनी गतिज अवस्था बनाए रखना चाहती है; जैसे तेज गति से चलती बस में अचानक ब्रेक लगने पर यात्रियों का आगे की ओर झुकना।

3.  दिशा का जड़त्व:- इस नियम के अनुसार ‘वस्तुएँ किसी निश्चित दिशा में ही गति को बनाए रखती है’; जैसे- तेज गति से चलती बस को अचानक मोड़ने पर बस का पलट जाना।

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अंतिम शब्द

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इससे आगे पढ़ने के लिए इस टॉपिक का पाठ 2 देखें जिसमें कंप्लीट टॉपिक का समापन है Ncert Physics ( भौतिक विज्ञान ) Notes in Hindi : गति के नियम और समीकरण | Physics से संबंधित जितने भी टॉपिक है वह सभी हम आपको इसी प्रकार उपलब्ध करवाएंगे ताकि आप प्रत्येक टॉपिक को सरल एवं आसान भाषा में तैयार कर सके अगर आपको यह नोट्स अच्छे लगे तो इन्हें शेयर जरूर करें