इस पोस्ट में हम भारत की शास्त्रीय भाषाएँ | Classical languages of India के बारे में जानेंगे भारत के शास्त्रीय नृत्य एवं भाषाओं के बारे में आपको पता होना चाहिए क्योंकि यहां से SSC द्वारा काफी बार प्रश्न पूछा जा चुका है इसलिए हम आपको बहुत ही शानदार नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं
भारत में कितनी शास्त्रीय भाषाएं हैं एवं कौन-कौन सी है एवं उन्हें उसे भाषा का दर्जा कौन से वर्ष दिया गया था इसकी संपूर्ण जानकारी विस्तार से हम आपके लिए लेकर आये है
भारत की शास्त्रीय भाषाएँ
– फरवरी 2014 में संस्कृति मंत्रालय द्वारा किसी भाषा को शास्त्रीय भाषा घोषित करने के लिए निम्न निर्देश जारी किये–
1. इसके प्रारंभिक ग्रन्थों का इतिहास 1500-2000 वर्ष अधिक पुराना हो।
2. साहित्यिक परम्परा में मौलिकता हो।
– भारत की शास्त्रीय भाषाओं का विचार सबसे पहले वर्ष 2004 में पेश किया गया था। जो अब तक 6 भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।
शास्त्रीय भाषा | राज्य | मान्यता वर्ष |
तमिल | तमिलनाडु | 2004 |
संस्कृत | कर्नाटक (शिवमोगा) | 2005 |
तेलुगू | आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना | 2008 |
कन्नड़ | कर्नाटक | 2008 |
मलयालम | केरल | 2013 |
उड़िया | ओडिशा | 2014 |
शास्त्रीय भाषा के वर्गीकरण का आधार
फरवरी 2014 में संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) द्वारा किसी भाषा को ‘शास्त्रीय’ घोषित करने के लिये निम्नलिखित दिशा निर्देश जारी किये –
- इसके प्रारंभिक ग्रंथों का इतिहास 1500-2000 वर्ष से अधिक पुराना हो
- प्राचीन साहित्य/ग्रंथों का एक हिस्सा हो जिसे बोलने वाले लोगों की पीढ़ियों द्वारा एक मूल्यवान विरासत माना जाता हो।
- साहित्यिक परंपरा में मौलिकता हो।
- शास्त्रीय भाषा और साहित्य, आधुनिक भाषा और साहित्य से भिन्न हैं इसलिये इसके बाद के रूपों के बीच असमानता भी हो सकती है।
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अंतिम शब्द
उम्मीद करते है यह नोट्स आपको आपकी तैयारी के लिए काम आएंगे हम आपके लिए ऐसे ही शानदार नोट्स इसी वेबसाइट पर लेकर आते है ताकि आप अपने घर बैठे अच्छे से परीक्षा की तैयारी कर सकें
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