किन-किन राज्यों को मिले नवीनतम GI टैग 2024, यहां से जाने

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इस पोस्ट में हम नवीनतम GI टैग के बारे में बात करने वाले हैं आपने बहुत बार देखा होगा कि यहां से कई बार परीक्षाओं में प्रश्न पूछ दिया जाता है इसलिए आपको उन सभी प्रश्नों को भी जरूर याद करना है जिन्हें बार-बार पूछा जाता है और हाल ही में कुछ राज्यों को और भी गी टैग मिले हैं उनके बारे में हम जानेंगे | 

ऐसे ही नोट्स हम आपको इस वेबसाइट पर टॉपिक अनुसार बिल्कुल फ्री उपलब्ध करवाते हैं ताकि आप घर बैठे किसी भी परीक्षा की तैयारी शानदार तरीके से कर सके

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नवीनतम GI टैग

पश्चिम बंगाल

– सुंदरबन शहद, जलपाईगुड़ी जिले का काला नुनिया चावल, मुर्शिदाबाद गराड और कोरियल साड़ियों, और नादिया व पूर्वी बर्दवान की तंगेल साड़ियों को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया है।

– पश्चिम बंगाल के कुल 27 वस्तुओं को GI टैग मिल चुका है। 

ओडिशा

– कपडागंडा शॉल, लांजिया सीरा पेंटिंग, कोरापुट काला जीरा चावल, सिमलीपाल काई चटनी, नयागढ़ कांतिमुंडी बैंगन, ओडिशा खजूरी गुड़ा, सिल्वर फिलिग्री और ढेंकनाल माजी।

उत्तर प्रदेश

– अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी लडू, मथुरा के बृज की ‘सांझी’, वाराणसी की तिरंगा बर्फी, बनारस मेटल कास्टिंग क्राफ्ट, लखीमपुर खीरी थारू कढ़ाई, बरेली बेंत और बांस शिल्प, बरेली जरदोजी शिल्प और पिलखुवा हैंड ब्लॉक प्रिंट टेक्सटाइल शामिल हैं।

– उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक GI टैग के उत्पादों वाला राज्य बन गया है। तमिलनाडु 58 GI टैग उत्पादों के साथ पीछे है।

गुजरात

– कच्छ की खजूर की देशी किस्म कच्छी खरेक और ‘कच्छ अजरख’ को भौगोलिक संकेत (GI) टैग पाने वाला गुजरात का दूसरा फल बन गया है।

अरुणाचल प्रदेश

– राज्य की अदरक, जिसे स्थानीय रूप से आदि केकिर के नाम से जाना जाता है, हस्तनिर्मित कालीन और वांचो लकड़ी के शिल्प ने भौगोलिक संकेत (GI) टैग हासिल कर लिया है।

– अन्य उत्पाद – अपातानी कपड़ा, मोनपा कपड़ा, न्यीशी कपड़ा, मोनपा हस्तनिर्मित कागज, आदि कपड़ा, सिंगफो फलाप (सिंगफो चाय), गैलो कपड़ा, आदि अपग, दाओ (तलवार), अंगन्यात बाजरा, मारुआ अपो (मारुआ बाजरा पेय) और ताई खामती कपड़ा शामिल हैं।

अरुणाचल प्रदेश के याक चुरपी (पनीर), खाव ताई (खामती चावल ) और तांगसा वस्त्र के लिए भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ है।

त्रिपुरा

–  त्रिपुरा के पारंपरिक आदिवासी पोशाक ‘रिसा’, माताबारी पेरा प्रसाद और रिग्नाई पचरा टेक्सटाइल्स को जीआई टैग प्राप्त हुआ। इसके साथ त्रिपुरा के पास अब 04 GI संरक्षित उत्पाद हैं।

असम

– असम के माजुली के हस्तनिर्मित मुखौटे, माजुली पांडुलिपि पेंटिंग, असमिया बिहू ढोल और जापी (बॉस की टोपी), सारथेबारी धातु शिल्प, पैनिमेटेका क्राफ्ट (जलकुंभी उत्पाद), मिसिंग टाट (हथकरघा ) और अशरिकांडी की उत्कृष्ट टेराकोटा कृतियों को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ है।

– इन वस्तुओं के अतिरिक्त GI टैग किए गए तेरह उत्पाद विशेष रूप से बोडो समुदाय से जुड़े हैं। इसमें शामिल हैं: जोथा, गोंगोना, गमसा, सिफंग, सेरजा, खारडवी, खाम, गोंगर डुंजिया, थोरका, केराडापिनी, ज्वमगरा, डोखोना और एरी सिल्क नवीनतम GI टैग वाली वस्तुओं में से हैं। इनमें कृषि उत्पाद और संगीत वाद्ययंत्र दोनों शामिल हैं।

महाराष्ट्र

– महाराष्ट्र के एक छोटे कस्बे मिरज में बनाए जाने वाले सितार और तानपुरा को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है।

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उम्मीद करते हैं इस नवीनतम GI टैग पोस्ट में शामिल कंटेंट आपको आगामी परीक्षा में जरूर काम आएगा और हमने आज की इस पोस्ट में आपको बेहतर नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश की है ताकि आप घर बैठे बिना किसी कोचिंग की तैयारी कर सकें 

1 thought on “किन-किन राज्यों को मिले नवीनतम GI टैग 2024, यहां से जाने”

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