अपने भारत की प्रमुख नदियों के बारे में जरूर पड़ा होगा क्योंकि यह भारतीय भूगोल का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है आज इस पोस्ट में हम भारत की उन नदियों के बारे में बात करने वाले हैं जो पूर्व की ओर बहती है इसलिए आगामी परीक्षा के लिए इन नदियों को एक बार जरूर पढ़ ले
भारत में पूर्व की ओर बहने वाली नदियों के बारे में हमने शॉर्ट नोट्स नीचे उपलब्ध करवा दिए हैं जिन्हें आप पढ़ कर याद कर सकते हैं ऐसे नोट्स आपको हमारी इस वेबसाइट पर बिल्कुल फ्री पढ़ने के लिए मिलते हैं
पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ
स्वर्णरेखा नदी
- स्वर्णरेखा नदी छोटा नागपुर पठार से निकलकर बालासोर (ओडिशा) के निकट बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- झारखण्ड का जमशेदपुर नगर तथा हुण्डरू जलप्रपात इसी नदी पर है।
दामोदर नदी
- दामोदर नदी छोटा नागपुर पठार से निकलकर हुगली नदी में मिल जाती है।
- दामोदर नदी घाटी को बिटुमिनस कोयले के कारण रूर घाटी भी कहा जाता है।
- पूर्व में दामोदर नदी को ‘बंगाल का शोक’ कहा जाता था।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ – बराकर, बोकारो, कोनार हैं।
ब्राह्मणी नदी
- ब्राह्मणी नदी छोटा नागपुर पठार से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- कोयल व शंख इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
- इस नदी के डेल्टा में भीतरकणिका मैंग्रोव वन स्थित है।
महानदी
- यह नदी छत्तीसगढ़ के सिंहावा श्रेणी के समीप अमरकंटक पठार से निकलकर बंगाल की खाड़ी में डेल्टा का निर्माण करती है।
- कटक, रायपुर, पुरी, संबलपुर इसी नदी के तट पर स्थित हैं।
- इस नदी पर हीराकुंड, टिकरपाड़ा परियोजनाएँ स्थित हैं।
- महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ – मांड, तेल, शिवनाथ, ओंग, ईब व हसदेव हैं।
गोदावरी नदी
- गोदावरी नदी पश्चिम घाट पर महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर पठार से निकलती है।
- यह प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी है जिसकी कुल लम्बाई 1465 किमी. है।
- गोदावरी नदी एक प्राचीनतम व बड़ी नदी होने के कारण इसे वृद्ध गंगा/ दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है।
- इस नदी का अपवाह क्षेत्र – महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश व कर्नाटक में है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ – पूर्णा, प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, सबरी, मंजरा, प्रवरा व दुधना है।
- गोदावरी नदी पर पोलावरम, निजामसागर, जायकवाड़ी परियोजनाएँ स्थित हैं।
कृष्णा नदी
- कृष्णा नदी पश्चिमी घाट के महाबलेश्वर चोटी से निकलती है।
- इस नदी की कुल लम्बाई 1401 किमी. है जो प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे बड़ी नदी है।
- कृष्णा नदी महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश व तेलंगाना में प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- कृष्णा नदी पर अल्माटी, नागार्जुन सागर, श्रीशैलम जल परियोजनाएँ स्थित हैं।
- कृष्णा नदी, गोदावरी नदी के साथ मिलकर आन्ध्र प्रदेश में भारत का दूसरा सबसे बड़ा डेल्टा का निर्माण करती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ – कोयना, यारला, घाटप्रभा, मालप्रभा, पंचगंगा, दूधगंगा, वर्णा, तुंगभद्रा, भीमा व मूसी हैं।
कावेरी नदी
- कावेरी नदी कर्नाटक में पश्चिम घाट पर स्थित ब्रह्मगिरी पहाड़ी से निकलकर तमिलनाडु से प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- पवित्रता व उपयोगिता के आधार पर इसे ‘दक्षिण भारत की गंगा’ कहा जाता है।
- इस नदी का अपवाह तंत्र कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु राज्यों में है।
- शिवसमुद्रम् व होगेनकेल जलप्रपात तथा मेटूर बाँध इसी नदी पर स्थित है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ – शिम्सा, हेमावती, लक्ष्मणतीर्थ, सुवर्णवती, अर्कावती कबीनी, भवानी, अमरावती व लोकापावनी हैं।
पेन्नार नदी
- पेन्नार नदी कर्नाटक में नन्दीदुर्ग की पहाड़ी से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- इस नदी का अपवाह क्षेत्र कृष्णा व कावेरी नदियों के मध्य है।
वैगई नदी
- वैगई नदी तमिलनाडु की वरशानद पहाड़ी से निकलकर पाक जलसन्धि (बंगाल की खाड़ी) में गिरती है।
- मदुरै शहर इसी नदी के तट पर है।
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