Chandrayaan-3 आखिरकार चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है जिसका इंतजार भारत के करोड़ों देशवासी बेसब्री से कर रहे थे जगह-जगह पर chandrayaan-3 के सफलता के लिए हवन एवं यज्ञ हो रहे थे और आखिरकार हमारा chandrayaan-3 सफल हो चुका है और यहां से आगामी परीक्षाओं में प्रश्न जरूर पूछे जाएंगे इसलिए इस पोस्ट में हम आपको ISRO and Chandrayaan 3 Gk Questions and Answers | इसरो के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी बताने वाले हैं
chandrayaan-3 की सफलता ने आज 23 अगस्त को एक नया इतिहास रच दिया है इसरो के सभी वैज्ञानिकों को हृदय से अनंत बधाई और कोटि-कोटि प्रणाम जिनके अटूट मेहनत के कारण हमने पूरी दुनिया को बता दिया कि हम किसी से कम नहीं
चांद की धरती पर ऐसे उतरा चंद्रयान 3
- वर्टिकल लैंडिंग प्रोसेस समय शाम 5:44 मिनट
- लैंडिंग प्रोसेस खत्म शाम 6:04 मिनट
- 30 किलोमीटर दूर से लैंडिंग प्रोसेस हुई जिसकी रफ्तार 51 किलोमीटर प्रति घंटा थी
- जब दूरी 25 किलोमीटर थी तो रफ्तार 170 किलोमीटर प्रति घंटा थी
- जब दूरी 10 किलोमीटर थी तो रफ्तार 248 किलोमीटर प्रति घंटा थी
- जब दूरी 50 मीटर थी तो रफ्तार 8 किलोमीटर प्रति घंटा थी
- जब लैंडर चांद की धरती के करीब पहुंचा रफ़्तार 8 से 7 और फिर धीरे-धीरे कम होती चली गई और लैंडर तय समय पर नीचे उतर गया
चंद्रयान 3 के बारे में महत्वपूर्ण बातें जाने
चंद्रयान 3 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर
चंद्रयान 3 के चांद पर पहुंचने की प्रोसेस
14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से मिशन लॉन्च हुआ 23 अगस्त को शाम 6:04 पर यह चंद्रमा पर पहुंच गया पृथ्वी से चांद की दूरी 3.84 लाख किलोमीटर है
- LVM3 रॉकेट से चंद्रयान 3 लॉन्च हुआ
- 16 मिनट बाद रॉकेट ने चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया
- 14 जुलाई से 21 जुलाई तक चंद्रयान पृथ्वी की अंडाकार कक्षा मे रहा
- स्पेसक्राफ्ट ने अपनी अंडाकार कक्षा का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया
- कक्षा का ट्रांसफर हुआ और 1 अगस्त से 5 अगस्त तक स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की तरफ बढ़ा
- 5 अगस्त को स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया
- 6 अगस्त से 16 अगस्त के बीच चार बार ऑर्बिट घटाकर चंद्रयान को 153 km X 163 km की कक्षा में लाया गया
- 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग हुआ
- 23 अगस्त को शाम 6:04 पर लैंडिंग हुई
ISRO एवं Chandrayaan-3 Gk Questions
- इसरो की स्थापना 15 अगस्त 1969 को की गई थी तब इसका नाम अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति था
- इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है इसरो में 17000 लोग काम करते हैं
- इसरो ने अपना पहला सेटेलाइट 19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ के सहयोग से जुड़ा था इस सैटेलाइट का नाम आर्यभट्ट रखा गया था
- 7 जून 1979 को भारत में अपना दूसरा सेटेलाइट भास्कर छोड़ा इसका वजन 442 किलो था पहली बार पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया
- भारत में निर्मित पहला लॉन्च व्हीकल SLV-3 से रोहिणी उपग्रह छोड़ा गया 2014 में GSET-14 का GSLV-D5 लॉन्च किया वह स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन था
- 22 अक्टूबर 2008 को भारत में chandrayaan-1 और 24 सितंबर 2014 को मंगल यान भेजा मंगल पर एक ही बार में रखने वाला पहला देश भारत बना
- chandrayaan-2 22 जुलाई 2019 में लांच हुआ था जिसके 3 साल 11 महीने और 23 दिन बाद chandrayaan-3 की सक्सेस लॉन्चिंग की
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अंतिम शब्द –
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उम्मीद करता हूं इस ISRO and Chandrayaan 3 Gk Questions and Answers पोस्ट में हमने आपको chandrayaan-3 के बारे में उचित जानकारी प्रदान की है हम आपके लिए ऐसे ही नई नई जानकारी इस वेबसाइट पर लेकर आते रहते