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भारतीय इतिहास एक ऐसा विषय है जो लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है अगर आप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपके लिए Ncert Class 11 History Book Notes उपलब्ध करवा रहे हैं  यह नोट्स कक्षा 6 से 12 पर आधारित है इसलिए इस पोस्ट में हमने आपके लिए NCERT Indian History Notes Pdf ( 6 ) : सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन के नोट्स नीचे उपलब्ध करवा दिए हैं यह पार्ट 1 एक है अगले भाग के लिए कैटेगरी में जाकर देखें 

उम्मीद करता हूं इन नोट्स को पढ़कर आपका Social and religious reform movement ( सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन ) टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा क्योंकि हम आपके लिए बेहतरीन से बेहतरीन नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश करते हैं

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NCERT Indian History Notes Pdf ( 6 ) : सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन

राजा राममोहन राय

जन्म – 1772 ई. (पश्चिमी बंगाल का राधानगर)

● ब्रह्म समाज की स्थापना अगस्त, 1828 को कलकत्ता में राजा राममोहन राय द्वारा की गई थी।

● राय को भारत में “पत्रकारिता का अग्रदूत/भाषायी प्रेस का प्रवर्तक” माना जाता है।

● राजा राममोहन राय द्वारा स्थापित संगठन –

    1. आत्मीय सभा – 1815

    (डच घड़ीसाज डेविड हेयर के सहयोग से)

    2. वेदान्त कॉलेज – 1825

राजा राममोहन राय की पुस्तकें –

    1. तुहफात-उल-मुवाहिद्दीन (फारसी, 1809 ई. में)

    (एकेश्वरवादियों को उपहार)

    2. द प्रीसेप्ट्स ऑफ जीसस द गाइड टू पीस एंड हैप्पीनेस

राजा राममोहन राय के समाचार पत्र –

    1. मिरातुल अखबार (फारसी)

    2. संवाद कौमुदी (बांग्ला)

● 1829 ई. में सती प्रथा पर रोक लगवाई। (अधिनियम-17)

● 1833 ई. में ब्रिस्टल (इंग्लैण्ड) में इनका निधन हो गया और ब्रिस्टल में इनका स्मारक बना हुआ है।

● राजा राममोहन राय ने अवतारवाद, जातिवाद, मूर्तिपूजा, बाल-विवाह, बहु-विवाह, सती-प्रथा, धार्मिक अन्धविश्वास आदि का विरोध किया था।

● ब्रह्म समाज की स्थापना में द्वारिकानाथ टैगोर प्रमुख सहयोगी थे। ब्रह्म समाज के प्रथम सचिव ताराचन्द चक्रवर्ती थे। प्रसन्न कुमार टैगोर व चन्द्रशेखर देव उनके प्रमुख अनुयायी थे।

● 1843 ई. में देवेन्द्रनाथ टैगोर ने ब्रह्म समाज का संचालन किया।

● 1839 ई. में तत्वबोधिनी सभा की स्थापना देवेन्द्रनाथ टैगोर ने की।

● देवेन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक ‘ब्रह्म धर्म’ थी।

● ‘तत्वबोधिनी’ पत्रिका के सम्पादक अक्षय कुमार दत्त थे।

● केशवचन्द्र सेन को ब्रह्म समाज का आचार्य नियुक्त किया।

● केशवचन्द्र सेन ने ‘भारतीय ब्रह्म समाज’ का गठन किया तथा टैगोर का ब्रह्म समाज ‘आदि ब्रह्म समाज’ कहलाया।

● केशवचन्द्र सेन ने ‘मैत्री संघ’ (संगत सभा) की स्थापना की तथा ‘इण्डियन मिरर’ (समाचार-पत्र) का प्रकाशन किया।

वेद समाज

● केशवचन्द्र सेन के कहने पर श्री धरलू नायडू ने वेद समाज की स्थापना 1864 ई. में की थी।

● इसे ‘दक्षिण भारत का ब्रह्म समाज’ कहते हैं।

● विश्वनाथ मुदालियर भी इसके प्रमुख नेता थे।

प्रार्थना समाज

● 1867 ई. में बंबई में केशवचन्द्र सेन के सहयोग से आत्माराम पाण्डुरंग ने प्रार्थना समाज की स्थापना की।

● संस्थापक – महादेव गोविन्द रानाडे, आत्माराम पाण्डुरंग, आर. जी. भण्डारकर, एन. जी. चन्द्रावरकर

महादेव गोविन्द रानाडे

● इन्हें ‘महाराष्ट्र का सुकरात’ कहते हैं।

● 1870 ई. में ‘पूना सार्वजनिक सभा’ तथा 1884 ई. में ‘दक्कन एजुकेशनल सोसायटी’ की स्थापना की थी।

    महादेव गोविन्द रानाडे, गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक गुरु थे जो महात्मा गाँधी के राजनीतिक गुरु थे।

दयानन्द सरस्वती

● दयानन्द सरस्वती का जन्म 1824 ई. में गुजरात के मौरवी जिले में हुआ। इनका वास्तविक नाम मूलशंकर था।

● मूलशंकर के प्रथम गुरु पूर्णानन्द थे जिन्होंने इनको ‘दयानन्द सरस्वती’ नाम दिया, जबकि इनके द्वितीय गुरु विरजानन्द जी थे जिन्होंने इनको वेदों का ज्ञान दिया।

● ये ऋग्वेद को प्रामाणिक ग्रन्थ मानते थे।

● ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया था।

● दयानन्द सरस्वती प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने ‘स्वदेशी’ का नारा दिया।

● दयानन्द सरस्वती ने 1875 ई. को बंबई में आर्य समाज की स्थापना की।

दयानन्द सरस्वती की पुस्तकें –

    1. सत्यार्थ प्रकाश (1874) – इस पुस्तक का लेखन हिन्दी में हुआ,  इसकी रचना उदयपुर में तथा प्रकाशन अजमेर में हुआ।

    2. अद्वैतमत का खण्डन (1877 ई.)

●  जोधपुर में नन्हीं जान नामक महिला द्वारा दयानन्द सरस्वती को जहर दे दिया गया, इस कारण 1883 ई. में अजमेर में इनकी मृत्यु हो गई।

●  दयानन्द सरस्वती की मृत्यु के बाद आर्य समाज दो भागों में विभक्त हो गया।

    1. लाला लाजपतराय व हंसराज अंग्रेजी शिक्षा के समर्थक थे। अत: दयानन्द एंग्लो वैदिक स्कूल व कॉलेज खोले गए।

    2. स्वामी श्रद्धानन्द, लेखराम व मुंशीराम संस्कृत शिक्षा के समर्थक थे तथा इन्होंने वर्ष 1902 में हरिद्वार में ‘गुरुकुल कांगड़ी’ की स्थापना की।

स्वामी विवेकानन्द

●  जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ। इनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। इनके पिता विश्वनाथ दत्त एवं माता भुवनेश्वरी देवी थी।

● रामकृष्ण मिशन की स्थापना 5 मई, 1897 को कलकत्ता के समीप वैल्लूर में रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानन्द द्वारा की गई थी।

●  ‘विवेकानन्द’ नाम खेतड़ी महाराजा अजीतसिंह ने दिया तथा वित्तीय सहायता देकर शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन (सितंबर, 1893 ई.) में भेजा था।

● उन्होंने 1896 ई. में न्यूयॉर्क में ‘वेदान्त सोसायटी’ की स्थापना की थी।

स्वामी विवेकानन्द की पत्रिकाएँ –

    1. प्रबुद्ध भारत (अंग्रेजी)

    2. उद्‌बोधन (बांग्ला)

थियोसोफिकल सोसायटी

● थियोसोफिकल समाज की स्थापना 1875 ई. में संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क में रूसी महिला हेलन पेट्रोवना ब्लावत्सकी एवं अमेरिकन सैनिक अधिकारी एच. एस. अल्कॉट ने की।

● 1882 ई. में भारत में मद्रास के समीप अड्यार में इसका मुख्यालय स्थापित किया गया।

●  एनी बेसेन्ट इसकी सदस्य के रूप में 1893 ई. में भारत आई तथा वर्ष 1907 में थियोसोफिकल सोसायटी की अध्यक्ष बनी थी।

●  1898 ई. में बनारस में हिन्दू कॉलेज की स्थापना की, जो वर्ष 1916 में मदन मोहन मालवीय जी के प्रयासों से बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में तब्दील हो गया।

एनी बेसेन्ट के समाचार पत्र

    1. कॉमन वील

    2. न्यू इण्डिया

यंग बंगाल आंदोलन

● यंग बंगाल आंदोलन के प्रवर्तक हेनरी विवियन डेरोजिओ थे।

हेनरी विवियन डेरोजिओ की संस्थाएँ–

    1. एकेडेमिक एसोसिएशन

    2. सोसायटी फॉर द एक्वीजिशन ऑफ जनरल नॉलेज

हेनरी विवियन डेरोजिओ के समाचार पत्र ̵

    1. ईस्ट इण्डिया

    2. इण्डिया गजट

    3. कलकत्ता साहित्य गजट

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