NCERT Indian History Notes Pdf ( 3 ) : क्षेत्रीय शक्तियाँ उत्तरकालीन मुगल बादशाह

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भारतीय इतिहास एक ऐसा विषय है जो लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है अगर आप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपके लिए Ncert Class 11 History Book Notes उपलब्ध करवा रहे हैं  यह नोट्स कक्षा 6 से 12 पर आधारित है इसलिए इस पोस्ट में हमने आपके लिए NCERT Indian History Notes Pdf ( 3 ) : क्षेत्रीय शक्तियाँ उत्तरकालीन मुगल बादशाह के नोट्स नीचे उपलब्ध करवा दिए हैं

उम्मीद करता हूं इन नोट्स को पढ़कर आपका यह टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा क्योंकि हम आपके लिए बेहतरीन से बेहतरीन नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश करते हैं

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NCERT Indian History Notes Pdf ( 3 ) : क्षेत्रीय शक्तियाँ उत्तरकालीन मुगल बादशाह

बहादुरशाह (1707-1712 ई.)

· जाजऊ के युद्ध (1707 ई.) में आजम को पराजित कर मुअज्जम बहादुरशाह की उपाधि के साथ दिल्ली का बादशाह बना।

· बहादुरशाह 65 वर्ष की आयु में बादशाह बना (सर्वाधिक आयु में बादशाह बनने वाला शासक)

· उन्होंने गुरु गोविन्द सिंह के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध तथा जोधपुर के शासक अजीत सिंह को शासक स्वीकार किया। आमेर के उत्तराधिकारी संघर्ष में जयसिंह का समर्थन किया।

· इतिहासकार खाफी खाँ के अनुसार यह अपने कार्यों के प्रति इतना लापरवाह था कि लोग इसे शाहे बेखबर (उपाधि) कहते थे।

· सिडनी ओवन के अनुसार यह अन्तिम मुगल शासक था, जिसके बारे में अच्छे शब्द कहे जा सकते हैं।

जहाँदारशाह (1712-1713 ई.)

· ईरानी अमीर जुल्फिकार खाँ  की सहायता से बादशाह बना।

· इतिहासकार ताराचन्द ने इन्हें लम्पट मूर्ख कहा है।

फर्रुखसियर (1713-1719 ई.)

· सैय्यद बन्धुओं की सहायता से बादशाह बना।

· सैय्यद बंधु इतिहास में राजा बनाने वाले (KING MAKERS) के नाम से जाने जाते हैं।

· इसने बंदा बहादुर की निर्मम हत्या की। इस कारण इसे घृणित कायर भी कहा जाता है।

रफी उद दरजात (1719 ई.)

· मुगल बादशाह में सबसे कम शासनकाल रहा (4 माह)

रफी उद् दौला (1719 ई.)

· उपाधि – शाहजहाँ द्वितीय

मुहम्मद शाह रंगीला (1719-1748 ई.)

· इसने तुरानी गुट के साथ मिलकर सैय्यद बंधु की हत्या कर दी।

· इसके समय मुगल साम्राज्य कई भागों में विभक्त हो गया।

राज्यशासक
1. बंगालमुर्शिद कुली खाँ
2. हैदराबादनिजाम अल-मुल्क
3. अवधसआदत खाँ
4. कर्नाटकसादतुल्ला खाँ
5. भरतपुरबदनसिंह
6. रूहेलखण्डवीर दाउद

· 1734 ई. में नादिर शाह ने आक्रमण किया।

· नादिरशाह कोहिनूर हीरा व मयूर सिंहासन ले गया।

· इसके दरबार में सदारंग व अदारंग मुख्य संगीतकार थे।

अहमदशाह अब्दाली (1748-1754 ई.)

· इसने अवध के सूबेदार सफदरजंग को वजीर बनाया।

· उधमबाई (नर्तकी) इसके कार्यों में  हस्तक्षेप करती थी।

· इसके बाद आलमगीर द्वितीय शासक बना।

NCERT Indian History Notes Pdf ( 3 ) : क्षेत्रीय शक्तियाँ उत्तरकालीन मुगल बादशाह

शाहअलम द्वितीय (1759–1806 ई.)

· अंग्रेजों का पेंशनर बनने वाला प्रथम मुगल बादशाह

· 1764 ई. में बक्सर के युद्ध में भाग लिया था।

अकबर द्वितीय (1806–1837 ई.)

· इसके शासनकाल में मुगल सिक्के 1835 ई. में बंद  हो गये।

· राजा राममोहन राय को राजा की उपाधि दी थी।

बहादुरशाह द्वितीय (1837-1857 ई.)

· जफर उपनाम से कविता लिखता था।

· हसन खाँ  इसका आध्यात्मिक गुरु था।

· 1857 की क्रांति में विद्रोहियों ने इसे बादशाह घोषित किया।

· अंग्रेजों ने रंगून भेज दिया तथा 1862 में वहीं पर मृत्यु हो गई।

बंगाल

· मुर्शीद कुली खाँ ने मुर्शिदाबाद को बंगाल की राजधानी बनाया।

· अलीवर्दी खाँ के काल में बंगाल दिल्ली से पूर्ण स्वतंत्र हो गया।

· अलीवर्दी खाँ  ने कहा ‘वह अंग्रेजों को बंगाल भूमि से निकाल तो सकता हैं, परन्तु समुद्र में आग लग जाएगी।’

· सिराजुद्दौला के समय दस्तक (कर में रियासत का लाइसेंस) अंग्रेजों को प्रदान किया लेकिन अंग्रेजों ने इसका दुरुपयोग किया इसलिए नवाब ने कलकत्ता पर अधिकार कर लिया तथा उसका नाम अलीनगर कर दिया।

· अलीनगर की संधि  9 फरवरी, 1757 में सिराजुद्दौला व रॉबर्ट क्लाइव के मध्य हुई।

· ब्लैक होल की घटना – 20 जून, 1756 हुई।

· प्लासी का युद्ध – 23 जून, 1757 क्लाइव v/s सिराजुद्दौला

· इस युद्ध में अंग्रेजों की जीत हुई, सिराजुद्दौला मारा गया तथा मीर जाफर बंगाल का नया नवाब बना।

· के. एम पणिकर के अनुसार प्लासी का युद्ध, एक युद्ध नहीं बल्कि एक विश्वासघात था।

· मीर कासिम ने राजस्व अधिकारियों से खिजरी जमा नामक कर वसूला था।

· मीर जाफर को क्लाइव का गीदड कहा जाता है।

· मीर कासिम ने यूरोपीय पद्धति पर सेना को प्रशिक्षित किया।

· बक्सर का युद्ध – 1764

 · इस युद्ध में अंग्रेजों की जीत हुई।

अवध

· स्वतंत्र अवध राज्य की स्थापना 1722 ई. में सआदत खाँ  ने की।

· इसके समय राजधानी फैजाबाद थी।

· 1773 ई. में शुजाउद्दौला व वारेन हेस्टिंग्स के बीच बनारस की संधि हुई।

· अंग्रेजों ने अवध को बफर स्टेट के रूप में रखा।

· अवध का अंतिम नवाब वाजिद अली शाह था जो रंगीलाशाह के नाम से प्रसिद्ध था।

· वाजिद अली शाह के समय आउट्रम रिपोर्ट के आधार पर लॉर्ड डलहौजी ने कुशासन का आरोप लगाकर 1856 ई. में अवध का विलय किया गया।

हैदराबाद

· हैदराबाद के स्वतंत्र राज्य की स्थापना 1724 ई. में चिनकिलिच खाँ  ने की। (निजाम-उल-मुल्क)

· हैदराबाद प्रथम भारतीय रियासत थी जिसने 1789 ई. में सहायक संधि स्वीकार की। (नवाब निजाम अली)

· स्वतंत्रता के बाद हैदराबाद रियासत भारत में मिलने को तैयार नहीं थी, वह पाकिस्तान के साथ मिलना चाहते थे, तब 13 सितम्बर, 1948 को भारत ने निजाम के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई की, इस कार्रवाई को ऑपरेशन पोलो नाम दिया गया। अंतत: नवम्बर, 1948 में हैदराबाद भारतीय संघ में शामिल हो गया।

मैसूर

· यह पहले विजयनगर साम्राज्य के अधीन था।

· राजा वाडियार ने सर्वप्रथम मैसूर के राजा की उपाधि ली।

· वाडियार वंश के अंतिम शासक कृष्ण राज-II (चिक्का राजा) के समय सत्ता देवराज व नंदराज के पास थी।

· हैदरअली ने कहा – अंग्रेजों को पहले अकार्ट से बाहर निकालेंगे फिर भारत से

· प्रथम आंग्ल- मैसूर युद्ध – 1767-1769 ई. – इस युद्ध में मराठा तथा निजाम (हैदराबाद) अंग्रेजों की तरफ थे, लेकिन हैदर अली ने कूटनीति का प्रयोग करते हुए इन्हें अलग कर दिया तथा मद्रास को घेर लिया तथा अंग्रेजों को मद्रास के साथ संधि करनी पड़ी।

· द्वितीयक आंग्ल मैसूर युद्ध (1780-1784 ई.)

· कारण – अंग्रेजों ने मैसूर के पास स्थित फ्रांसीसी कोठी माहे पर अधिकार कर लिया।

· इस समय अमेरिका में स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था तथा फ्रांस अमेरिका के पक्ष में तथा इंग्लैण्ड का विरोध कर रहा था।

· माहे पर अधिकार को लेकर हैदर अली ने विरोध किया तथा मराठा व निजाम से मिलकर अंग्रेज सेनापति कर्नल बेली को हरा दिया।

· पोर्टोनोवां युद्ध (1781 ई.) में अंग्रेज सेनापति आयरकूट ने हैदर अली को हरा दिया।

· हैदर अली की मृत्यु के बाद टीपू सूल्तान ने संघर्ष जारी रखा तथा अंत में 1784 ई. में मंगलौर की संधि कर ली।

· मंगलौर संधि के समय बंगाल का गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स था।

 टीपू सुल्तान (1782–1799)

· टीपू के सिक्कों पर हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र थे।

· टीपू ने सक्रिय विदेश नीति के अनुरूप शासन किया तथा तुर्की, मिस्र व फ्रांस के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए।

· टीपू फ्रांसीसी क्रांति से प्रभावित होकर जैकोबिन क्लब का सदस्य बन गया।

· टीपू ने श्रीरंगपट्‌टनम में स्वतंत्रता का वृक्ष लगाया।

· टीपू  ने शृंगेरी के मंदिर का पुन: निर्माण करवाया।

· टीपू सुल्तान को शेर-ए-मैसूर कहा जाता है।

· टीपू ने कहा – भेड़ की तरह लम्बी जिन्दगी जीने की बजाए बेहतर है कि शेर की तरह एक दिन जीना।

· तृतीय आंग्ल – मैसूर युद्ध (1790-92 ई.)

· कारण – टीपू ने त्रावणकोर के राजा पर अधिकार कर लिया अंग्रेजों ने त्रावणकोर के राजा का साथ दिया।

· अंत में अंग्रेजों व टीपू के मध्य श्रीरंगपट्टनम की संधि के तहत युद्ध समाप्त हुआ।

· संधि के तहत टीपू को युद्ध में हर्जाना देना पड़ा।

· संधि पर कॉर्नवालिस ने कहा – हमने अपने मित्रों को शक्तिशाली किए बिना दुश्मन  को कुचल दिया।

·  चतुर्थ आंग्ल मैसूर युद्ध (1799 ई.)

· कारण – टीपू पर फ्रांसीसियों का सहयोग करने का आरोप

· युद्ध में अंग्रेजों ने टीपू को मार दिया।

· युद्ध के बाद वेलेजली ने कहा – पूर्व का साम्राज्य हमारे पैरों  में है एवं अब भारत हमारा है।

पंजाब

· गुरु गोविंद सिंह की मृत्यु के बाद बंदा बहादुर ने सिखों का नेतृत्व किया।

· फर्रुखसियर ने बंदा बहादुर की हत्या कर दी जिसके बाद सिख 12 मिसलों में विभाजित हो गए

· महाराजा रणजीत सिंह सुकरचकिया मिसल से थे।

· जमान शाह ने 1799 ई. में रणजीत सिंह को राजा की उपाधि दी एवं लाहौर का राजा बनाया।

· रणजीत सिंह ने 1805  में भंगी मिसल से लाहौर छीन लिया तथा अपनी राजधानी बनाया।

· अमृतसर  की संधि – 1809 ई.

· रणजीत सिंह व अंग्रेजों के मध्य

· गवर्नर जनरल – लॉर्ड मिन्टो

· संधि का प्रतिनिधि – चार्ल्स मेटकॉफ

·  इसमें रणजीत सिंह ने सतलज के पूर्व में अपने दावे को छोड़ दिया।

· रणजीत सिंह का एकीकृत सिख राज्य का सपना टूट गया।

· संधि के कारण पंजाब में शांति स्थापित हुई।

· 1804 ई. में अफगानिस्तान के शासक ने रणजीत सिंह से सहायता माँगी तथा कोहिनूर हिरा भेंट किया।

· 1839 ई. में रणजीत सिंह की मृत्यु हो गई।

· रणजीत सिंह खालसा नाम से शासन करता था।

· रणजीत सिंह के वित्त मंत्री – दीनानाथ, विदेशी मंत्री – अजीजुदीन

· इसकी सेना एशिया की दूसरी सबसे शक्तिशाली सेना थी।

· प्रथम आंग्ल सिख युद्ध (1845-46 ई.)

· दिलीप सिंह के समय अंग्रेजों ने पंजाब पर आक्रमण किया।

· 1846 ई. में सबराओं के युद्ध में सिखों की निर्णायक हार हुई।

· लाहौर की संधि – 9 मार्च, 1846

· दिलीप सिंह को राजा स्वीकार किया।

· सतलज नदी के दक्षिण के सभी प्रदेश अंग्रेजों के अधिकार में

· रानी जिन्दा को दिलीप सिंह की संरक्षिका बनाया

· सिख सेना में कटौती की गई।

· नोट:– भौरोंवाल की पूरक संधि में अंग्रेजों ने स्पष्ट किया कि दिलीप सिंह के वयस्क होने तक ब्रिटिश सेना लाहौर में रहेगी।

· द्वितीय आंग्ल सिख युद्ध

· मुल्तान के गवर्नर मूलराज ने विद्रोह कर दिया।

· द्वितीय आंग्ल सिख के समय गवर्नर जनरल – लॉर्ड डलहौजी था।

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