Medieval History Tuglak Vansh Notes : मध्यकालीन भारतीय इतिहास के लिए आप बाजार में अनेक किताबें उपलब्ध है जहां से आप इतिहास की तैयारी कर सकते हैं लेकिन हम आपकी तैयारी नोट्स के माध्यम से करवाएंगे इस पोस्ट में हम मध्यकालीन भारतीय इतिहास ( सल्तनत काल ) तुगलक वंश नोट्स आपके लिए लेकर आए हैं जिसमें आप गुलाम वंश के बारे में पढ़ेंगे
आप चाहे किसी भी परीक्षा की तैयारी करते हो उन सभी के लिए यह नोट्स बहुत महत्वपूर्ण है और हम आपके लिए शानदार नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश करते हैं ताकि आपकी तैयारी कम समय में बहुत अच्छी हो सके
मध्यकालीन इतिहास : तुगलक वंश नोट्स
गयासुद्दीन तुगलक ( 1320-1325 ई. )
गाजी मलिक ने सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक शाह की उपाधि धारण कर सल्तनत के तीसरे राजवंश की स्थापना की।
वह प्रथम शासक था जिसने सिंचाई के लिए नहरों के निर्माण की योजना बनाई।
उसने तुगलकाबाद के नगर-दुर्ग का निर्माण करवाया।
मुहम्मद बिन तुगलक ( 1325-1351 ई.)
मुहम्मद बिन तुगलक अन्तर्विरोधों का विस्मयकारी मिश्रण, रक्तपिपासु या परोपकारी या पागल भी कहा गया है। निजामुद्दीन औलिया ने गयासुद्दीन तुगलक के बारे में कहा था कि ’दिल्ली अभी बहुत दूर है।
गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद उसका पुत्र जौना खाँ मुहम्मद बिन तुगलक के नाम से सत्ता पर आसीन हुआ।
उसके बारे में बरनी के ’तारीख-ए-फिरोजशाही’ तथा इब्नबतूता के ’रेहला‘ से जानकारी मिलती है।
अफ्रीकी यात्री इब्न बतूता को सुल्तान ने दिल्ली का काजी नियुक्त किया तथा 1342 ई. में वह सुल्तान के राजदूत की हैसियत से चीन गया था।
मुहम्मद बिन तुगलक अपनी पाँच योजनाओं के लिए प्रसिद्ध है।
सुल्तान का सबसे विवादास्पद निर्णय राजधानी परिवर्तन का था जिसके तहत राजधानी को दिल्ली से देवगिरि (दौलताबाद) स्थानान्तरित कर दिया गया।
सुल्तान की दूसरी परियोजना थी प्रतीक मुद्रा का प्रचलन।
सुल्तान की तीसरी परियोजना खुरासान अभियान थी।
कराचिल अभियान के तहत सुल्तान ने खुसरो मलिक के नेतृत्व में एक विशाल सेना कुमायूँ-गढ़वाल क्षेत्र में स्थित कराचिल को जीतने के लिए सेना भेजी गई।
अंतिम परियोजना के तहत सुल्तान ने ‘दोआब क्षेत्र’ में कर वृद्धि कर दी। दुर्भाग्यवश इसी समय अकाल पड़ गया तथा अधिकारियों द्वारा जबरन वसूली के कारण उस क्षेत्र में विद्रोह हो गया तथा परियोजना असफल रही।
कृषि में विस्तार तथा विकास के लिए ‘दीवान-ए-अमीर-ए कोही’ नामक विभाग की स्थापना की गई।
मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में ही दक्षिण में 1336 में हरिहर तथा बुक्का नाम के दो भाइयों ने स्वतंत्र विजयनगर राज्य की स्थापना की।
सल्तनतकालीन पुस्तकें
1. तबकात – ए – नासिरी | मिनहाज – उल – सिराज (फारसी) |
2. तारीख – ए – फिरोजशाही | जियाउद्दीन बरनी (फारसी) |
3. खजान – ए – फुतूह | अमीर खुसरो (फारसी) |
4. नूहसिपेहर | अमीर खुसरो (फारसी) |
5. आशिका | अमीर खुसरो (फारसी) |
6. तारीख – ए – यामिनी | उत्वी |
7. जफरनामा | सारफुद्दीन अली याजिद |
फिरोजशाह तुगलक ( 1351-1388 ई. )
इसने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगा दिया था।
सिंचाई पर भी ‘हक-ए-शर्ब’ नामक सिंचाई कर लगाया गया।
सेना को नकद वेतन के बदले भू-राजस्व वाले गाँव दिए जाते थे।
निर्धनों की सहायता के लिए उसने ‘दीवान-ए-खैरात’ विभाग की स्थापना की।
फिरोजाबाद, जौनपुर, हिसार, फतेहाबाद आदि नगरों की स्थापना भी उसी के शासनकाल में हुई।
उसके शासनकाल में ही मेरठ एवं टोपरा में स्थित अशोक स्तम्भों को दिल्ली लाकर स्थापित किया गया।
दासों के संरक्षण हेतु ‘दीवान-ए-बंदगान’ नामक एक अलग विभाग की स्थापना की गई।
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अंतिम शब्द –
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