अगर आप UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर चुके हैं तो आपको पता होना चाहिए कि IAS / IPS के लिए सबसे महत्वपूर्ण NCERT Indian History कक्षा 6 से 12 तक होता है और अपना बेसिक क्लियर करने के लिए आपको एनसीईआरटी पढ़ना होगा इसलिए इस पोस्ट में हम आपको NCERT 6th to 12th History Notes For Upsc ( 2 ) सम्राट अशोक के नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं जो आपको आगे बहुत ज्यादा काम आने वाले हैं
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NCERT 6th to 12th History Notes For Upsc ( 2 ) सम्राट अशोक
· महावंश में अशोक का राज्याभिषेक सप्तऋषि संवत् 6208 में बताया गया।
· सिहली अनुश्रुति (महावंश) के अनुसार अशोक ने अपने 99 भाइयों की हत्या कर सिंहासन प्राप्त किया। चार वर्ष तक चले इस उत्तराधिकार युद्ध के पश्चात् अशोक ने 269 ई.पू. विधिवत राज्याभिषेक करवाया।
· महाबोधिवंश एवं तारानाथ के अनुसार सत्ता प्राप्ति हेतु अशोक ने गृहयुद्ध में अपने भाइयों की हत्या कर दी।
· बिन्दुसार ने अशोक के बड़े भाई सुसीम को उत्तराधिकारी नियुक्त किया लेकिन अशोक प्रधानमंत्री राधागुप्त की सहायता से सम्राट बनने में सफल रहा। उसने राधागुप्त को अपना प्रधानमंत्री बनाया।
· आजीवक मुनि पिंगलवत्सजीव (बिन्दुसार के दरबार में) ने भविष्यवाणी की थी कि अशोक राजसिंहासन पर बैठेगा।
· अशोक को भाब्रू शिलालेख में मगधाधिराज (मगध का राजा) कहा गया है।
· कनगनहल्ली लेख में रान्यो/राजा अशोक कहा है।
· अशोक ने गुजर्रा अभिलेख में स्वयं को राजा अशोक कहा है।
· अशोक को धर्मराज भी कहा गया है।
· बौद्ध ग्रंथ दिव्यावदान में अशोक की एक अन्य पत्नी तिष्यरक्षिता का उल्लेख है।
· अशोक के प्रयाग स्थित शिलालेख (इलाहाबाद अभिलेख या रानी का अभिलेख, जिसमें समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति तथा मुगल सम्राट जहाँगीर का लेख भी उत्कीर्ण है) में अशोक की एकमात्र रानी कारुवाकी का उल्लेख है।
· राज्याभिषेक के पूर्व अशोक उज्जैन (अवन्ति) व तक्षशिला का प्रान्तीय शासक था।
· अशोक शासित देशों में शिलाओं पर संदेश खुदवाने वाला प्रथम भारतीय शासक था।
· अशोक ने 273 ई.पू. में ही सिंहासन प्राप्त कर लिया था परंतु चार वर्ष तक गृहयुद्ध में रहने के कारण अशोक का वास्तविक राज्याभिषेक 269 ई.पू. में हुआ।
· इतिहास के महानतम राजाओं में से एक, अशोक का नाम इतिहास में सर्वोपरि है। उसने अपने राज्य से साम्राज्य की स्थापना की। उसके साम्राज्य का विकास व विस्तार का अध्ययन इस अध्याय में किया गया है।
एक बहुत बड़ा राज्य मौर्य साम्राज्य:-
· साम्राज्य में बहुत से नगर थे। बहुत से राज्यों को मिलाकर साम्राज्य का निर्माण होता है। इनमें साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र, उज्जैन और तक्षशिला जैसे नगर प्रमुख थे।
· साम्राज्य के बहुत बड़े क्षेत्रों में किसानों और पशुपालकों के गाँव बसे हुए थे। साम्राज्य के अलग-अलग इलाकों में भिन्न-भिन्न लोग रहते थे।
राज्य तथा साम्राज्य में भिन्नता:-
· राज्यों-साम्राज्यों में काफी भिन्नता थी। चूँकि साम्राज्य राज्यों से बड़े होते हैं और उनकी रक्षा के लिए बड़ी सेनाओं की जरूरत होती है इसलिए सम्राटों को राजाओं की तुलना में ज्यादा संसाधनों की जरूरत होती है। इसी कारण उन्हें बड़ी संख्या में कर इकट्ठा करने वाले अधिकारियों की जरूरत होती है।
साम्राज्य का प्रशासन:-
· चूँकि मौर्य साम्राज्य बहुत बड़ा था इसलिए अलग-अलग हिस्सों पर अलग-अलग ढंग से शासन किया जाता था। पाटलिपुत्र तथा उसके आस-पास के इलाकों पर सम्राट का सीधा नियंत्रण था। कर इकट्ठा करने के लिए राजा अधिकारियों की नियुक्ति करता था।
· संदेशवाहक एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे और राजा के जासूस अधिकारियों के कार्यकलाप पर नजर रखते थे। इन सब के ऊपर सम्राट था जो राज परिवार एवं वरिष्ठ मंत्रियों की सहायता से सब पर नियंत्रण रखता था।
· मौर्य साम्राज्य के भीतर कई छोटे क्षेत्र या प्रान्त थे। अक्सर राजकुमारों को वहाँ का राज्यपाल (गवर्नर) बना कर भेजा जाता था। मौर्य शासक सिर्फ मार्गों और नदियों पर नियंत्रण रखने की कोशिश करते थे जो कि आवागमन के लिए महत्त्वपूर्ण थे।
नजराना:-
· जहाँ कर नियमित रूप से तथा नियमित ढंग से इकट्ठे किए जाते थे वहीं ‘नजराना’ अनियमित रूप से जब भी सम्भव हो, इकट्ठा किया जाता था। ऐसे नजराने विविध पदार्थों के रूप में प्रायः ऐसे लोगों से लिए जाते थे जो स्वेच्छा से इसे देते थे।
राजधानी में सम्राट:-
· राजधानी में सम्राट का विशेष महत्त्व होता है। उनके चारों तरफ हमेशा अंगरक्षक होते थे। राजा सामान्यतः हथियारबंद महिलाओं से घिरे होते थे। वे हमेशा इस बात से डरे होते थे कि कहीं कोई राजा की हत्या करने की कोशिश न करे।
· उनके खाना खाने से पहले खास नौकर उस खाने को चखते थे । वे लगातार दो रात एक ही कमरे में नहीं सोते थे।
पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना):-
· यह एक विशाल व खूबसूरत नगर था। यह एक विशाल प्राचीर से घिरा था जिसमें 570 बुर्ज और 64 द्वार हैं। दो और तीन मंजिल वाले घर लकड़ी और कच्ची ईंटों से बने हैं।
· राजा का महल भी काठ से बना है जिसे पत्थर की नक्काशी से अलंकृत किया गया है। यह चारों तरफ उद्यानों तथा चिड़ियाँ के लिए बने बसेरों से घिरा था।
चाणक्य (विष्णुगुप्त):-
· मौर्य साम्राज्य की स्थापना करने में चाणक्य का कौटिल्य नाम के एक बुद्धिमान व्यक्ति ने चन्द्रगुप्त मौर्य की सहायता की थी।
· चाणक्य के कई विचार हमें अर्थशास्त्र नाम की किताब में मिलते हैं।
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