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विज्ञान एक ऐसा विषय है जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इनमें साइंस से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जाते हैं लेकिन जब तक आप अच्छे स्टडी मैटेरियल से तैयारी नहीं करते तब तक सफलता पाना मुश्किल है इसलिए हम आपको इस पोस्ट में Ncert Physics ( भौतिक विज्ञान ) Notes in Hindi : इकाई एवं मापन के संपूर्ण नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं

यह Science Physics Notes in Hindi पढ़ने के बाद आपको इकाई एवं मापन टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा आपको इस टॉपिक को तैयार करने के लिए अन्य जगह से पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी

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Ncert Physics ( भौतिक विज्ञान ) Notes in Hindi : इकाई एवं मापन

भौतिक राशियाँ

 वे राशियाँ जिनको मापा जा सके, भौतिक राशियाँ कहलाती हैं।

भौतिक राशियों के प्रकार

(A)  मात्रक तथा मापन के आधार पर :

– किसी भी भौतिक राशि के मापन के लिए मात्रक प्रयोग में लिए जाते हैं।

– मात्रक दो प्रकार के होते हैं–

(i)  मूल मात्रक :-

– मूल राशियों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं।

– S.I. पद्धति अनुसार मूल मात्रक सात प्रकार के होते हैं–

(ii) व्युत्पन्न मात्रक :-

– मूल मात्रकों के अतिरिक्त अन्य सभी  भौतिक राशियों के मात्रकों को मूल मात्रकों के संयोजन द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। इन मात्रकों को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं।

Note : SI पद्धति में सात मूल मात्रकों के अतिरिक्त दो पूरक मात्रक भी हैं।

 (i) समतलीय कोण – समतलीय कोण का मात्रक रेडियन है। जिसका प्रतीक rad है।

 (ii) घन कोण – घनकोण का मात्रक स्टेरेडियन है जिसका प्रतीक Sr है।

– ये दोनों ही विमाविहीन राशियाँ हैं।

(B) दिशा एवं परिणाम के आधार पर :-

 दिशा व परिणाम के आधार पर राशियाँ दो प्रकार की होती है

(i)  अदिश राशि (Scalar Quantity) :- वे भौतिक राशियाँ जिन्हें व्यक्त करने के लिए केवल परिणाम की आवश्यकता होती है; दिशा की नहीं, अदिश राशियाँ कहलाती हैं। उदाहरण – दूरी, चाल, समय, ऊर्जा, शक्ति, विद्युत धारा, आवेश आदि।

(ii)  सदिश राशि (Vector Quantity) :- वे भौतिक राशियाँ जिन्हें व्यक्त करने के लिए परिणाम के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है, सदिश राशियाँ कहलाती हैं। उदाहरण- विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, विद्युत क्षेत्र, बल-आघूर्ण आदि।

मात्रक पद्धतियाँ

– मूल मात्रकों और व्युत्पन्न मात्रकों के सम्पूर्ण समुच्चय को मात्रकों की प्रणाली या पद्धति कहते हैं।

1.MKS  पद्धति :-

 लम्बाई  – मीटर (m)

 द्रव्यमान  – किलोग्राम (kg)

 समय  – सेकण्ड (s)

2.CGS पद्धति :-

 लम्बाई  – सेंटीमीटर (cm)

– द्रव्यमान  – ग्राम (gm)

 समय  – सेकण्ड (s)

3.FPS पद्धति :- इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहते हैं।

 लम्बाई  – फुट (foot)

 द्रव्यमान  – पाउण्ड (pound)

 समय  – सेकण्ड (second)

4.SI पद्धति :-

– अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रणाली ‘सिस्टम इंटरनेशनल डि यूनिट्स’ है। इसे संकेताक्षर में SI लिखा जाता है।

– यह पद्धति MKS पद्धति का परिवर्तित रूप है।

– वर्तमान में इसी पद्धति का प्रयोग किया जाता है।

– SI पद्धति के सात मूल मात्रक होते हैं।

दूरी के मात्रक

1.खगोलीय इकाई (AU) – एक खगोलीय इकाई पृथ्वी व सूर्य के मध्य औसत दूरी को दर्शाती है।

 1AU = 1.4×1011m

2.प्रकाश वर्ष – एक वर्ष में प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी।

 1LY = 9.46 × 1015m

3.पारसेक – यह दूरी का सबसे बड़ा मात्रक है।

 1 पारसेक = 3.08 × 1016m

 इसका प्रयोग खगोलीय पिण्डों के मध्य दूरी को मापने में किया जाता है।

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अंतिम शब्द

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