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सामान्य विज्ञान एक ऐसा विषय है जिस से संबंधित प्रश्न लगभग सभी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं इसलिए आज हम आपको Class 11 biology ncert solutions : अंतःस्रावी तंत्र ( Endocrine System ) नोट्स लेकर आए हैं जो सभी परीक्षाओं में आपको काम आएंगे ऐसे बहुत शायद ही आपको गूगल पर निशुल्क देखने को मिलेंगे हम आपके लिए ऐसे ही Bio Class 11 Ncert General Science विषय के के नोट्स टॉपिक अनुसार उपलब्ध करवाते रहेंगे

सामान्य विज्ञान के जितने भी टॉपिक महत्वपूर्ण है उन सभी के नोट्स ऐसे ही इसी वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे इसलिए अगर आपको यह नोट्स अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें

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Class 11 biology ncert solutions : अंतःस्रावी तंत्र

कशेरूकी जन्तुओं में तीन प्रकार की ग्रंथियाँ पाई जाती है–

1.  बहि:स्रावी ग्रंथियाँ [Exocrine Glands] – वे ग्रंथियाँ जिनके द्वारा स्रावित स्राव को विभिन्न अंगों तक पहुँचाने के लिए नलिकाएँ होती हैं, बहि:स्रावी ग्रंथियों कहलाती है। इन्हें नलिकायुक्त ग्रंथियाँ (Duct Glands) भी कहा जाता है। इन ग्रंथियों के स्राव को एन्जाइम कहा जाता है।   

 उदाहरण – लार ग्रंथि, अध्रु ग्रंथि, श्लेष्म ग्रंथि, दुग्ध ग्रंथि आदि।

2.  अन्त:स्रावी ग्रन्थियाँ [Endocrine Glands] – वे ग्रंथियाँ जो नलिका के अभाव में स्राव (हॉर्मोन) को सीधे रुधिर परिसंचरण में स्रावित करती है। इसे नलिकाविहीन ग्रन्थियाँ (Ductless Glands) भी कहते है।

 उदाहरण – पीयूष ग्रंथि, थाइमस ग्रंथि आदि।

3.  मिश्रित ग्रन्थियाँ [Mixed Glands] – वे ग्रंथियाँ, जो बहि:स्रावी तथा अन्त:स्रावी (Exocrine and Endorcine) दोनों ही प्रकार की होती है, उन्हें मिश्रित ग्रंथियाँ करते हैं।

 उदाहरण – अग्न्याशय (Pancreas)  

अन्त:स्त्रावी तंत्र [ Endocrine system ]

● मानव में नलिका-विहीन ग्रंथियां (Ductless Glands) ग्रंथिया सीधा रूधिर वाहिनियों में स्त्रवण करती है ऐसी ग्रंथियां, अंत: स्त्रावी ग्रंथियां कहलाती है।

● अन्त:स्त्रावी ग्रंथियों से स्त्रावी पदार्थ को हार्मोन (Hormone) कहा जाता हैं।

● यह शरीर में रूधिर द्वारा परिवहन करता है

● हार्मोन शरीर में होने वाली क्रियाओं (परिसचंरण, पाचन आदि) का संचालन व नियमन करता है।

● यह कम मात्रा में स्त्रावित होते है तथा इनका प्रभाव भी मंदगति से होता है।

अन्त: स्रावी तंत्र में पायी जाने वाली ग्रंथिया (Glands)–

 पीयूष ग्रंथि [Pitutary galnd]

● यह ग्रंथि वृद्धि हार्मोन [Growth Hormone] का स्त्रवण करती है।

●  यह अग्रमस्तिक तथा इसे मास्टर ग्रंथि भी कहा जाता है क्योंकि यह शरीर के कई अंत:स्त्रावी ग्रंथियों का नियंत्रण करती है।

● हाइपोथोमस (अध: श्वेतक) पीयूष ग्रंथि को नियंत्रण करता है इस कारण हाइपोथैलेम से को ‘मास्टर ऑफ मास्टर ग्रंथि’ कहा जाता है।

● वृद्वि हार्मोन असंतुलन से व्यक्ति या तो बहुत लम्बा या तो बौना (Dwarf) हो जाता है।

पीयूष ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोन

1.  वृद्धि हार्मोन या सोमैटोट्रॉपिक हार्मोन

 [Growth Hormone or Somatotropic] –

–  यह शरीर की वृद्धि मुख्यत: हड्‌डियों की वृद्धि का नियंत्रण करता है।

–  इसकी अधिकता से भीमकायता (Gigantism) अथवा एक्रोमिगेली (Acromegaly) रोग उत्पन्न हो जाते हैं।

2.  थाइरोट्रॉपिक या थाइरॉइड प्रेरक हार्मोन [Thyrotropic or thyroid Stimulating Hormone–STH] – यह हार्मोन थायरॉइड ग्रंथि के कार्यों को प्रभावित करता है।

3.  एड्रिनोकॉर्टिको ट्रॉपिक हार्मोन [Adrenocortico tropic hormone – ACTH] – यह हार्मोन अधिवृक्क ग्रंथि (Adernal Gland) के कार्टेक्स को प्रेरित करता है।

4.  गोनेडोट्रॉफिक हार्मोन [Gonadotropic Hormone] – यह हार्मोन जनन ग्रंथियों की क्रियाशीता को प्रभावित करता है। इसके दो प्रकार है–

(a) फॉलिकल उत्तेजन हार्मोन [Follicle Stimulating Hormone – FSH] – यह हार्मोन पुरुषों में शुक्रजन (Spermatogenesis) तथा स्त्रियों में अण्डाशय से अण्डोत्सर्ग (Ovulation) फॉलिकल की वृद्धि में सहायक है।

(b) ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन [Lutenizing Hormone-LH] – यह हार्मोन पुरुषों में टेस्टोरटेरान तथा स्त्रियों में एस्ट्रोजन हार्मोन के स्राव को प्रेरीत (Stimulate) करता है।

5.  दुग्धजनक हार्मोन [Lactogenic Hormone-LTH] – इस हार्मोन का मुख्य कार्य शिशु के लिए स्तनों में दुग्ध स्राव उत्पन्न करता है7 यह कार्पसल्युटियम (Corpus Luteum) का स्रावण भी शुरू करता है।

6. मिलैनोसाइट प्रेरक हार्मोन [Melanocyte Stimulating Hormone] – यह हार्मोन मनुष्य में  चकते पडने (Pigmentation) को प्रेरित करता है तथा कई जन्तुओं व पक्षियों में यह मिलेनिन (Melanin) से त्वचा के रंग को प्रभावित करता है।

7.  वेसोप्रेसिन हार्मोन [Vasopressin Hormone] – यह हार्मोन वृक्क (Kidney) की मूत्रवाहिनियों को जल पुनरावशोषण (Reabsorption) के लिए प्रेरित करता है।

8.  ऑक्सीटॉसिन [Oxytocin]  या पाइटोसिन [Pitocin] – यह हार्मोन गर्भाशय की अरेखित पेशियों में सिकुड़न पैदा करता है जिससे प्रसव पीड़ा (Labour Pain) उत्पन्न होती है तथा बच्चों के जन्म में सहायता करता है। यह स्तन से दुग्ध स्राव में सहायक है।  

 अवटू या थायरॉइड ग्रंथि [Thyroid Gland]

●  यह ग्रंथि थायरॉक्सिन हार्मोन स्त्रावित करती है।

●  यह ग्रंथि श्वासनली के अधर पार्श्व तल (Base Side) पर स्वर यंत्र (Larynx) के समीप स्थित होता है।

● थायरॉक्सिन हार्मोन शरीर में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन आदि का उपापचय (Metabolism) करता है।

● थायरॉक्सिन हार्मोन के लिए आयोडिन आवश्यक है, आयोडिन की कमी से शरीर में थायराक्सिन हार्मोन का सतुंलन बिगड़ जाने के कारण गलगण्ड रोग (Goiter, ग्वाइटर) हो जाता है।

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अंतिम शब्द

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