भारतीय इतिहास एक ऐसा विषय है जो लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है अगर आप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपके लिए Ncert Class 11 History Book Notes उपलब्ध करवा रहे हैं यह नोट्स कक्षा 6 से 12 पर आधारित है इसलिए इस पोस्ट में हमने आपके लिए NCERT Indian History Notes Pdf ( 7 ) : सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन के नोट्स नीचे उपलब्ध करवा दिए हैं
उम्मीद करता हूं इन नोट्स को पढ़कर आपका Social and religious reform movement ( सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन ) टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा क्योंकि हम आपके लिए बेहतरीन से बेहतरीन नोट्स उपलब्ध करवाने की कोशिश करते हैं
NCERT Indian History Notes Pdf ( 7 ) : सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन
अलीगढ़ आंदोलन
● अलीगढ़ आंदोलन के प्रवर्तक सर सैय्यद अहमद खाँ थे।
● ये 1857 ई. के विद्रोह के समय कम्पनी की न्यायिक सेवा में थे।
● इन्होंने 1857 ई. के बाद अंग्रेजों के मन में मुसलमानों के प्रति उत्पन्न अविश्वास को कम करने का प्रयास किया था।
● सर सैय्यद अहमद खाँ की संस्थाएँ –
1. मुहम्मडन लिटरेरी सोसायटी (कलकत्ता) (1863 ई.)
2. साइन्टिफिक सोसायटी (1864 ई.)
● सर सैय्यद अहमद खाँ की पत्रिकाएँ –
1. तहजीब उल अखलाक (सभ्यता और नैतिकता)
2. राजभक्त मुसलमान
● सैय्यद अहमद खान प्रारम्भ में हिन्दू-मुस्लिम एकता के कट्टर समर्थक थे (हिन्दू व मुस्लिम एक सुन्दर वधू (भारत) की दो आँखें हैं) लेकिन कालान्तर में मुस्लिम हितों के अधिक पक्षपाती हो गए। (हिन्दू व मुस्लिम न केवल दो राष्ट्र हैं अपितु विरोधी राष्ट्र हैं)
देवबन्द आंदोलन (1867 ई.)
● 1866 ई. में देवबन्द, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में इसकी स्थापना की गई थी।
● संस्थापक –
1. रशीद अहमद गंगोही
2. मुहम्मद कासिम ननौत्वी
वहाबी आंदोलन / वली उल्लाह आंदोलन
● यह आंदोलन ईरान में अब्दुल वहाब ने शुरू किया था।
● इसे सैय्यद अहमद बरेलवी ने भारत में लोकप्रिय किया था। इसका मुख्यालय पटना में था।
● यह एक हिंसक आंदोलन था तथा ‘दार उल हब’ को ‘दार-उल-इस्लाम’ में बदलने का नारा दिया था।
अहमदिया आंदोलन (1889 ई.)
● 1889 ई. को गुरुदासपुर (पंजाब) के कादिया नामक स्थान पर मिर्जा गुलाम अहमद द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी।
● मिर्जा गुलाम अहमद ने स्वयं को मुहम्मद साहब एवं कृष्ण का अवतार घोषित कर दिया।
● इनकी पुस्तक ‘बहरीन-ए-अहमदिया’ थी।
रहनुमाए मज्दायासन सभा (1851 ई.)
● इसकी स्थापना 1851 ई. में नौरोजी फरदोनजी, दादा भाई नौरोजी, एस.एस. बंगाली आदि के प्रयासों से हुई।
परमहंस मण्डली
● महाराष्ट्र में, 1849 में स्थापित परमहंस मंडली के संस्थापकों में मुख्य रूप से दादोबा पांडुरंग, मेहताजी दुर्गाराम तथा अन्य शामिल थे।
सत्य शोधक समाज
● इसकी स्थापना निम्न जातियों के कल्याण के लिए 1873 ई. (RBSE कक्षा- 12 1875 ई.) में ज्योतिराव गोविंदराव फुले (ज्योतिबा फुले) ने की थी।
● पुस्तक- गुलामगिरी, सार्वजनिक सत्य धर्म
● उन्होंने दलित जाति के लड़के-लड़कियों के लिए स्कूल खोले थे।
शारदा सदन (1889 ई.)
● संस्थापक – पण्डिता रमाबाई
आत्मसम्मान आंदोलन
● वर्ष 1920 के दशक में वी. रामास्वामी नायंकर उर्फ पेरियार ने इस आंदोलन को प्रारंभ किया।
● आत्मसम्मान आंदोलन में ब्राह्मणों की सर्वोच्चता को चुनौती दी गई तथा लोगों से ब्राह्मणवाद का विरोध करने के लिए आगे आने को कहा गया।
सिख धर्म सुधार आंदोलन
● पश्चिमी तर्कसंगत विचारों का प्रभाव सिख अनुयायियों पर भी पड़ा।
● इससे पूर्व में सिख धर्म में सुधार हेतु बाबा दयाल दास द्वारा ‘निरंकारी आंदोलन’ चलाया गया।
● बाबा राम सिंह द्वारा ‘नामधारी आंदोलन’ चलाया गया।
● 1870 ई. में अमृतसर में सिंह सभा आंदोलन प्रारंभ हुआ।
वायकोम सत्याग्रह
● वायकोम सत्याग्रह एक प्रकार का गाँधीवादी आंदोलन था।
● यह आंदोलन ब्राह्मणवाद के विरुद्ध तथा मंदिर प्रवेश को लेकर चलाया गया था।
● यह एझवा वर्ग के उत्थान की बात करता था।
● 19वीं सदी के अंत तक केरल में नारायण गुरु, एन. कुमारन, टी. के. माधवन जैसे बुद्धिजीवियों ने छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई।
विधवा पुनर्विवाह
● ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के प्रयासों से लॉर्ड कैनिंग के समय पारित हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 की धारा-15 के तहत विधवा विवाह को कानूनी मान्यता मिली थी।
● 7 दिसम्बर, 1856 को कलकत्ता में पहला कानूनी हिन्दू पुनर्विवाह सम्पन्न हुआ था।
● डी. के. कर्वे ने 1899 ई. में पूना में विधवा आश्रम की स्थापना की थी। कर्वे विधवा पुनर्विवाह संघ के सचिव थे।
● 1850 ई. में विष्णु शास्त्री पंडित ने ‘विधवा विवाह समाज’ की स्थापना की।
महिला शिक्षा
● ईसाई मिशनरीज ने 1819 ई. में कलकत्ता में तरुण स्त्री सभा की स्थापना की थी।
● जे. डी. बेथून ने 1849 ई. में कलकत्ता में बालिका विद्यालय की स्थापना की।
● ईश्वरचन्द्र विद्यासागर भी 35 से अधिक बालिका विद्यालयों की स्थापना से जुड़े थे।
● 1906 में डी. के. कर्वे ने बम्बई में भारतीय महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की।
बाल विवाह
● 1872 ई. में केशवचन्द्र सेन के प्रयासों से सिविल मैरिज एक्ट पारित किया गया जिसके तहत लड़के एवं लड़की के विवाह की आयु क्रमश: 18 एवं 14 वर्ष तय की गई। इस अधिनियम द्वारा बहुपत्नी प्रथा को समाप्त किया गया।
सती प्रथा
● लॉर्ड विलियम बैंटिक के समय में 1829 ई. में सती प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया गया।
● प्रारंभ में इसे बंगाल में लागू किया गया। इस अधिनियम को पारित कराने में राजा राममोहन राय की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
ठगी प्रथा
● लॉर्ड विलियम बैंटिक ने ठगी प्रथा का उन्मूलन किया। इसके लिए उन्होंने एक अधिकारी ‘कर्नल स्लीमैन’ की नियुक्ति की।
शिशु वध
● शिशु वध सामान्यत: राजपूतों में प्रचलित था, जो कन्याओं के जन्म लेते ही उन्हें मार देते थे।
● गवर्नर जनरल जॉनशोर के समय में 1795 ई. में तथा वेलेजली के समय 1804 के नियम 3 से शिशु वध को साधारण हत्या के रूप में माना जाने लगा। इस प्रकार शिशु वध धीरे-धीरे समाप्त हो गया।
दास प्रथा
● गवर्नर जनरल लॉर्ड एलनबरो ने 1843 ई. में भारत में दास प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया।
● 1833 के अधिनियम में निर्देश था कि दास प्रथा को समाप्त कर दिया जाएगा।
प्रमुख सामाजिक व धार्मिक संगठन
संगठन | स्थापनावर्ष | स्थान | संस्थापक |
इंडियन रिफॉर्म एसोसिएशन | 1870 ई. | कलकत्ता | केशवचन्द्र सेन |
इंडियन नेशनल सोशल कॉन्फ्रेंस | 1887 ई. | महाराष्ट्र | महादेव गोविन्द रानाडे |
सेवा सदन सोसायटी | 1908 ई. | – | बहरामजी मालाबारी, दयाराम गिडुमल |
आर्य समाज | 1875 ई. | बम्बई | स्वामी दयानन्द सरस्वती |
ब्रह्म समाज | 1828 ई. | बंगाल | राजा राममोहन राय |
आदि ब्रह्म समाज | 1866 ई. | कलकत्ता | देवेन्द्रनाथ टैगोर |
ब्रह्म समाज ऑफ इंडिया | 1866 ई. | कलकत्ता | केशवचन्द्र सेन |
आत्मीय सभा | 1815 ई. | बंगाल | राजा राममोहन राय |
साधारण ब्रह्म समाज | 1878 ई. | कलकत्ता | शिवनाथ शास्त्री, आनन्द मोहन बोस |
परमहंस सभा (मंडली) | 1849 ई. | महाराष्ट्र | दादोबा पांडुरंग, जाम्बेकर शास्त्री |
प्रार्थना समाज | 1867 ई. | महाराष्ट्र | आत्माराम पांडुरंग, रानाडे |
वेदान्त सोसायटी | 1896 ई. | न्यूयॉर्क | स्वामी विवेकानन्द |
रामकृष्ण मिशन | 1897 ई. | कलकत्ता | स्वामी विवेकानन्द |
तत्त्व बोधिनी सभा | 1839 ई. | बंगाल | देवेन्द्रनाथ टैगोर |
थियोसोफिकल सोसायटी | 1875 ई. | न्यूयॉर्क | कर्नल आल्काट, मेडम ब्लावत्सकी |
शारदा सदन | 1889 ई. | महाराष्ट्र | रमाबाई |
यूनिटेरियन मिशन | 1821 ई. | बंगाल | राजा राम मोहन राय |
डेक्कन एजुकेशन सोसायटी | 1884 ई. | पूना | रानाडे, आगरकर |
राजमुन्द्री सोशल रिफॉर्म एसोसिएशन | 1878 ई. | आन्ध्रप्रदेश | वीरशैलिंगम पांतलु |
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अंतिम शब्द –
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