जैसा कि आपको पता होगा RAS Exam 2023 के लिए परीक्षा तिथि घोषित हो चुकी है और Ras Exam Date 1 october 2023 को होना प्रस्तावित है इसलिए आपके पास तैयारी के लिए बहुत कम समय शेष है इसलिए हम आपको Ras prelims test series 2023 pdf ( 3 ) उपलब्ध करवा रहे हैं इसमें आपको Ras Pre Questions Answers in Hindi व्याख्या सहित पढ़ने को मिलेंगे
Ras Pre Test Series 2023 in Hindi के लिए यह प्रश्न अत्यंत महत्वपूर्ण है और हम आपके लिए ऐसे ही अनेक टेस्ट सीरीज लेकर आएंगे जिसमें प्रश्न के साथ-साथ आपको उसकी संपूर्ण व्याख्या भी पढ़ने को मिलेगी
Ras prelims test series 2023 pdf ( 3 ) | धमाकेदार प्रश्न व्याख्या सहित
21. ‘बंगीय साहित्य परिषद् के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिए –
I. इसकी स्थापना 1893 ई. में अबीन्द्रनाथ टैगोर ने की।
II. 1894 ई. में रोमेश चंद्र दत्त इसके अध्यक्ष एवं रवीन्द्रनाथ टैगोर उपाध्यक्ष थे।
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II ✔️
(c) I और II दोनों
(d) न तो I, न ही II
व्याख्या –
- 23 जुलाई, 1893 में एल. लियोटार्ड व क्षेत्रपाल चक्रवर्ती ने कलकत्ता में ‘द बंगाल एकेडमी ऑफ लिटरेचर’ की स्थापना की। वर्ष 1894 में इसका नाम बदलकर ‘बंगीय साहित्य परिषद्’ किया गया। वर्ष 1894 में प्रसिद्ध इतिहासकार रोमेश चंद्र दत्त इसके अध्यक्ष एवं रवीन्द्रनाथ टैगोर और नवीनचंद्र सेन इसके उपाध्यक्ष बने। परिषद् का मुख्य कार्य संस्कृत, अरबी, अंग्रेजी भाषा से बंगाली भाषा में पुस्तकों का अनुवाद एवं बंगाली साहित्य का संरक्षण करना था।
22. कथन (A): अंग्रेजी शिक्षा ने सन् 1844 के बाद बंगाल, बॉम्बे और मद्रास के तीनों प्रेसीडेंसी में अच्छी प्रगति की।
कारण (R) : लॉर्ड हार्डिंग ने उन भारतीयों को सरकारी रोजगार देने का फैसला किया जो अंग्रेजी स्कूलों से शिक्षित थे।
(a) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(b) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
(c) दोनों कथन (A) और (R) सही हैं, और (R), (A) की सही व्याख्या करता है। ✔️
(d) दोनों (A) और (R) सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
व्याख्या –
- शिक्षा पर मैकाले की रिपोर्ट के आधार पर, विलियम बैंटिंक की सरकार ने सन् 1835 में अंग्रेजी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया।
- मैकाले के अनुसार, नई व्यवस्था से एक ऐसा वर्ग उभरेगा जो भले ही खून और त्वचा के रंग में भारतीय हो लेकिन ‘विचारों और नैतिकता में ब्रिटिश हो ।
- इस प्रकार अंग्रेजी शिक्षा ने बंगाल, बंबई और मद्रास के तीनों प्रेसीडेंसी क्षेत्रों में अच्छी प्रगति की, जहाँ सन् 1813 और 1853 के बीच कई स्कूल और कॉलेज खोले गए।
- 1844 में लॉर्ड हार्डिंग ने अंग्रेजी स्कूलों में पढ़े भारतीयों को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया।
23. “आज हम अपने चारों ओर जो देखते हैं वह एक पतित राष्ट्र है एक ऐसा राष्ट्र, जिसकी प्राचीन महानता खंडहर में दबी हुई है।” यह कथन किसका है ?
(a) राजा राममोहन राय
(b) स्वामी विवेकानंद
(c) केशव चंद्र सेन ✔️
(d) अरबिंदो घोष
व्याख्या –
केशव चंद्र सेन
- “आज हम अपने चारों ओर जो देखते हैं वह एक पतित राष्ट्र है
- एक ऐसा राष्ट्र, जिसकी प्राचीन महानता खंडहर में दबी हुई है।” यह कथन केशव चन्द्र सेन का था।
- ये सन् 1857 में ब्रह्म समाज में शामिल हो गए और देवेंद्रनाथ के करीबी सहयोगी बन गए।
- सन् 1866 में एक नया संगठन भारत का ब्रह्म समाज, मूल ब्रह्म समाज से अलग हो गया।
- ‘इंडियन रिफॉर्म एसोसिएशन (1870 ई.) का भी गठन किया गया और ब्रिटिश सरकार को नेटिव मैरिज एक्ट, 1872 बनाने के लिए राजी किया।
24. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
I. उन्होंने ‘न्यू लैम्पस् फॉर ओल्ड’ शीर्षक से लेखों की एक श्रृंखला लिखी।
II. सन् 1906 में वे बंगाल नेशनल कॉलेज के प्रिंसिपल बने।
उपरोक्त कथनों का प्रयोग करते हुए ऐतिहासिक व्यक्तित्व की पहचान कीजिए-
(a) रास बिहारी घोष
(b) अरबिंदो घोष ✔️
(c) सुरेंद्रनाथ बनर्जी
(d) पृथ्वीश चंद्र रे
व्याख्या –
अरबिंदो घोष (1872-1950)
- उन्होंने ‘न्यू लैम्पस् फॉर ओल्ड’ शीर्षक वाले लेखों की एक श्रृंखला के माध्यम से उदारवादी राजनीति की एक व्यवस्थित आलोचना शुरू की।
- उन्होंने सन् 1907 में वंदे मातरम् में लेखों की एक श्रृंखला में ‘निष्क्रिय प्रतिरोध’ के सिद्धांत की भी वकालत की।
- वे राष्ट्रीय शिक्षा की योजना के तहत् सन् 1906 में कलकत्ता में शुरू हुए बंगाल नेशनल कॉलेज के प्रिंसिपल बने ।
25. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
I. ‘निष्क्रिय प्रतिरोध’ राजनीतिक अधिकारों की माँग के लिए नरमपंथियों द्वारा अपनाया गया एक तरीका है।
II. बैलेंटाइन शिरोल ने बाल गंगाधर तिलक को भारतीय अशांति का जनक’ कहा था।
III. आनंदमोहन बोस और रासबिहारी घोष उदारवादी नेता थे।
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन असत्य है ?
(a) केवल I ✔️
(b) केवल II
(c) केवल II और III
(d) केवल I और III
व्याख्या –
नरमपंथियों का चरण (1885-1905 ई.)
- प्रयुक्त विधि – ‘संवैधानिक आंदोलन। उन्होंने राजनीतिक अधिकारों और स्वशासन की प्राप्ति के लिए सभाओं, भाषणों, संकल्पों और याचिकाओं का प्रयोग किया।
- इसके प्रमुख नेता – दादाभाई नौरोजी, एमजी रानाडे, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैयबजी, गोपाल कृष्ण गोखले, आनंद मोहन बोस, रासबिहारी घोष
चरमपंथी चरण (1906-1918 ई.)
- प्रयुक्त विधि – ‘निष्क्रिय प्रतिरोध’ अर्थात् सरकारी सेवाओं, न्यायालयों, विद्यालयों और महाविद्यालयों का बहिष्कार कर ब्रिटिश सरकार का असहयोग करना।
- ‘स्वराज’ या पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए।
- महत्त्वपूर्ण नेता – बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिनचंद्र पाल, अरविंद घोष वैलेंटाइन शिरोल ने बाल गंगाधर तिलक को भारतीय अशांति का जनक’ कहा था।
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अंतिम शब्द –
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