Share With Friends

अगर आप IAS बनने का सपना देख चुके हैं और तैयारी में जुट गए हैं तो सबसे पहले आपको NCERT कक्षा 6 से 12 पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें आपका बेसिक अच्छे से क्लियर हो जाता है और इसलिए इस पोस्ट में हम आपको भारतीय राजव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण टॉपिक Powers of the president of india upsc – राष्ट्रपति की शक्तियां की संपूर्ण जानकारी आपको शार्ट तरीके से आसान भाषा में उपलब्ध करवा रहे हैं

 जब भी आप Ncert पढ़ेंगे तो उसमें आपको राष्ट्रपति की शक्तियां ( Power President of India ) के बारे में पढ़ने को मिलेगा उसी से संबंधित हम आपको नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं साथ ही आप इसे PDF के रूप में निशुल्क डाउनलोड भी कर सकते हैं

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Join whatsapp Group

Powers of the president of india upsc – राष्ट्रपति की शक्तियां

राष्ट्रपति की शक्तियाँ–

● राष्ट्रपति की शक्तियों को दो भागों में बाँटा जा सकता है–

       A. सामान्यकालीन शक्तियाँ–

(i) कार्यपालिका शक्तियाँ (Edecutive Powers)

(ii) विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)

(iii) वित्तीय शक्तियाँ (Financial Powers)

(iv) न्यायिक शक्तियाँ (Judicial Powers)

         B. आपातकालीन शक्तियाँ–

(i)   राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) (National Emergency)

(ii) राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (अनुच्छेद 356) (Failure of Constitutional Machinery in states)

(iii) वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) (Financial Emergency)

A. सामान्यकालीन शक्तियाँ

(i) कार्यपालिका शक्तियाँ–

● अनुच्छेद-77 में यह उल्लिखित है कि सभी कार्य राष्ट्रपति के नाम से किए जाएँगे।

● राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है।

● प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है तथा उन्हें शपथ दिलाता है।

● राष्ट्रपति कार्य आंवटन के नियम बनाता है।

●   अनुच्छेद-78 में यह उल्लिखित है कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री से देश के प्रशासन तथा विधि निर्माण के संदर्भ में जानकारी प्राप्त कर सकता है।

● अनुच्छेद-53 में यह उल्लिखित है कि केन्द्र की कार्यपालिका सम्बन्धित शक्तियाँ राष्ट्रपति के पास होगी। जिसका उपयोग वह अपने अधिनस्थ अधिकारियों के सहयोग से करेगा।

● राष्ट्रपति महान्यायवादी, विदेशों में राजदूत एवं राज्यों के राज्यपाल, सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीश, संघ लोक सेवा आयोग, निर्वाचन आयोग, वित्त आयोग के अध्यक्ष व सदस्य, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति करता है।

(ii) व्यवस्थापिका सम्बन्धित शक्तियाँ–

● राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है इसे निम्नलिखित विधायी शक्तियाँ प्राप्त हैं–

·     संसद के सत्र आहूत करने, सत्रावसान करने तथा लोकसभा भंग करने का अधिकार।

·     प्रत्येक साधारण निर्वाचन के पश्चात् प्रथम सत्र के प्रारंभ में संसद में अभिभाषण की शक्ति।

·     संसद द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन के पश्चात् ही कानून बनता है।

·     दोनों सदनों की संयुक्त बैठक राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के तहत बुलाता है।

·     अनुच्छेद-123 – के तहत अध्यादेश जारी कर सकता है।

(iii) न्यायिक शक्तियाँ–

● अनुच्छेद-72 – इसके तहत राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति की सजा का–

         (a) लघुकरण (Commute)

         (b) परिहार (Remission)

         (c) विलम्ब (Reprive) कर सकते हैं।

● अनुच्छेद-143 – प्रेसीडेंसियल रेफरेंस (राष्ट्रपति किसी भी विषय पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले सकते हैं।)

(iv) वित्तीय शक्तियाँ–

● अनुच्छेद-109 – धन विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति के पश्चात् ही लोकसभा में रखा जाता है।

● अनुच्छेद-112  इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति संसद के समक्ष वार्षिक आय–व्यय (बजट) प्रस्तुत करवाता है।

● अनुच्छेद-117 – वित्त से सम्बन्धित कोई विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति के बिना संसद में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।

(B) आपातकालीन शक्तियाँ

(i) राष्ट्रीय आपातकाल–

● अनुच्छेद-352 इसमें यह उल्लिखित है कि निम्नलिखित तीन परिस्थितियों की केवल संभावना होने पर भी राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जा सकता है–

         – बाह्य आक्रमण

         – भारत द्वारा किसी युद्ध में शामिल हो जाने पर

         – आन्तरिक अशांति

       नोट :- 44वें संविधान संशोधन द्वारा वर्ष 1978 में ‘आन्तरिक अशांति’ के स्थान पर ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द लिखा गया।

         –  अब तक तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जा चुका है–

–  वर्ष 1962 – चीनी आक्रमण

–  वर्ष 1971 – पाकिस्तान आक्रमण

–  वर्ष 1975 – आन्तरिक असंतोष

         ● 26 जून को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

(ii) राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता

● अनुच्छेद-356 – इस अनुच्छेद के तहत यदि किसी राज्य का संवैधानिक तंत्र विफल हो जाए तो उस राज्य सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

       नोट :- राजस्थान में अब तक 4 बार (1967, 1977, 1980, 1992) राष्ट्रपति शासन लग चुका है।

(iii) वित्तीय आपातकाल–

● अनुच्छेद-360 – देश में आर्थिक संकट आ जाने पर राष्ट्रपति द्वारा वित्तीय आपातकाल लगाया जा सकता है।

● उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन कम किया जा सकता है।

● राज्य सरकारों के बजट केन्द्र सरकार की अनुमति से लागू होता है।

राष्ट्रपति की वीटो शक्तियाँ–

● राष्ट्रपति को तीन प्रकार की वीटो शक्तियाँ प्राप्त है, जो निम्नलिखित है–

         1. पूर्ण वीटो – किसी विधेयक पर स्वीकृति देने से इंकार करना।

         2. निलम्बित वीटो – विधेयक को पुनर्विचार के लिए लौटाना।

         3. पॉकेट वीटो – विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए लम्बित रखना।

         नोट :- पॉकेट वीटो का प्रयोग ज्ञानी जैलसिंह ने वर्ष 1986 में ‘भारतीय डाक विधेयक’ के संदर्भ में किया।  

राष्ट्रपति से संबंधित मुख्य तथ्य
प्रथम राष्ट्रपतिडॉ. राजेन्द्र प्रसाद
प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपतिडॉ. जाकिर हुसैन
प्रथम कार्यवाहक राष्ट्रपतिवी.वी. गिरि
प्रथम महिला राष्ट्रपतिप्रतिभा देवीसिंह पाटिल
भारत की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपतिद्रौपदी मुर्मू
स्वतंत्रता के बाद जन्म लेने वाली भारत की पहली महिला राष्ट्रपतिद्रौपदी मुर्मू(जन्म 20 जून, 1958)
एकमात्र न्यायाधीश जो कार्यवाहक  राष्ट्रपति बनेएम. हिदायतुल्ला

भारत के राष्ट्रपति

●       पहले राष्ट्रपति    डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (1950 – 1962) [2 बार]

●       पहले उपराष्ट्रपति जो राष्ट्रपति बने  –  डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

         [1954 – भारत रत्न]

●       पहले राष्ट्रपति  –  कार्यकाल के दौरान मृत्यु  –  डॉ. जाकिर हुसैन

         [1967 – 1969]

●       वी. वी. गिरी  स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति–पहले कार्यवाहक राष्ट्रपति– अंतरआत्मा की आवाज पर मतदान

●       एकमात्र निर्विरोध राष्ट्रपति – नीलम संजीव रेड्डी [1977 – 1982]

●       पॉकेट वीटो का उपयोग करने वाले राष्ट्रपति – ज्ञानी जैल सिंह

●       पहली महिला राष्ट्रपति – प्रतिभा पाटिल [2007 – 2012]

●       रामनाथ कोविंद    [2017-2022]

         –  भारत के 14th राष्ट्रपति

         –  बिहार के राज्यपाल

●       द्रोपदी मूर्मू    25 जुलाई, 2022

         –  देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति

         –  देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति

         –  झारखंड की पहली महिला राज्यपाल

         –  मयूरभंज – ओडिशा

         –  स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली एकमात्र राष्ट्रपति [20 जून,1958]

         –  संथाल जनजाति

         –  जस्टिस N. V. रमन्ना ने शपथ दिलाई

●       मोहम्मद हिदायतुल्लाह    एकमात्र व्यक्ति जो राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति

         एवं मुख्य न्यायाधीश रहे [1969]

अगर आपकी जिद है सरकारी नौकरी पाने की तो हमारे व्हाट्सएप ग्रुप एवं टेलीग्राम चैनल को अभी जॉइन कर ले

Join Whatsapp GroupClick Here
Join TelegramClick Here

अंतिम शब्द

General Science Notes ( सामान्य विज्ञान )Click Here
Ncert Notes Click Here
Upsc Study MaterialClick Here

हम आपके लिए Powers of the president of india upsc – राष्ट्रपति की शक्तियां ऐसे ही टॉपिक वाइज Notes उपलब्ध करवाते हैं ताकि किसी अध्याय को पढ़ने के साथ-साथ  आप हम से बनने वाले प्रश्नों के साथ प्रैक्टिस कर सके अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें