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जब भी आप भारतीय राजव्यवस्था ( Polity of India ) विषय को पढ़ेंगे तो उसमें आपको अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के बारे में भी पढ़ने को मिलेगा इस पोस्ट में हम आपको polity m laxmikanth 7th Edition Book Notes PDF : अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के नोट्स हिंदी में उपलब्ध करवा रहे हैं क्योंकि यह टॉपिक सिविल सर्विस परीक्षा के लिए एवं अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहां से बहुत बार प्रश्न परीक्षा में भी पूछे जा चुके हैं

हम आपको वित्त आयोग के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि इस टॉपिक को आप अच्छे से क्लियर कर सके एवं आगामी परीक्षा के लिए तैयार कर सकें

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polity m laxmikanth 7th Edition Book Notes PDF : अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग

अनुसूचित जाति आयोग

· यह एक संवैधानिक निकाय है, जो भारत में अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता है।

· अनुच्छेद-338 – इस अनुच्छेद में यह उल्लिखित था कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक आयुक्त होगा।

· 65वें संविधान संशोधन वर्ष 1990 द्वारा इस अनुच्छेद में संशोधन करके ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग’ का प्रावधान किया गया।

· 89वें संविधान संशोधन द्वारा वर्ष 2003 में S.C. व S.T. के लिए अलग-अलग आयोगों का गठन किया गया, जो वर्ष 2004 में लागू हुआ।

S.C. आयोग का स्वरूप

·  इसमें 1 अध्यक्ष1 उपाध्यक्ष और 3 अन्य सदस्य होते हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

S.C. आयोग का कार्य –

· S.C. से संबंधित संवैधानिक व कानूनी प्रावधानों की क्रियान्वयन पर निगरानी रखना।

· S.C. के लोगों पर अत्याचारों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करना।

 नोट :-

 1. आयोग संबंधित व्यक्ति को समन जारी कर सकता है।

 2. उसे अपनी गवाही शपथ पत्र पर देने को कह सकता है।

 3. पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करने को कह सकता है।

· राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के वर्तमान अध्यक्ष – श्री विजय सांपला

अनुसूचित-जनजाति आयोग

· वर्ष 2004 में 89वें संविधान संशोधन के द्वारा भारतीय संविधान में अनुच्छेद-338 A नामक नया अनुच्छेद जोड़ा गया।

· अनुच्छेद-338 A – इस अनुच्छेद के तहत ‘अनुसूचित जनजाति आयोग’ का गठन किया गया।

आयोग का स्वरूप

· इसमें एक अध्यक्षएक उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।

 नोट :- इसमें राष्ट्रपति द्वारा एक महिला की नियुक्ति की जाती है।

S.T. आयोग के कार्य

· अनुसूचित जनजातियों के लिए प्रदत्त सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मामलों की जाँच एवं निगरानी करना।

· S.T. के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग लेना और सलाह देना।

· आयोग सुरक्षा उपायों के संचालन के बारे में राष्ट्रपति को प्रतिवर्ष रिपोर्ट प्रदान करेगा।

अनुसूचित जनजाति संशोधन अधिनियम, 2022

·  अनुसूचित जनजाति संशोधन अधिनियम, 2022 लोकसभा तथा राज्यसभा में क्रमशः 28 मार्च एवं 6 अप्रैल, 2022 को पारित की गई।

· 18 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई।

· प्रस्तुत अधिनियम में त्रिपुरा की अनुसूचित जनजातियों की सूची में कूकी जनजाति की उपजाति के रूप में दारलोंग समुदाय को सम्मिलित किया गया है।

· श्री हर्ष चौहान – वर्तमान राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष।

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अंतिम शब्द

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