जब भी आप सामान्य ज्ञान के लिए एनसीईआरटी की किताबें पढ़ेंगे तो उसमें आपको कक्षा 7 की इतिहास की बुक में क्षेत्रीय संस्कृति का निर्माण चैप्टर पढ़ने को मिलेगा इस पोस्ट में हम आपको NCERT Class 7th History Notes : क्षेत्रीय संस्कृति का निर्माण के बारे में ऐसे नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं जो शायद आपने कभी नहीं पढ़े होंगे इस अध्याय को आप शार्ट तरीके से तैयार करने के लिए इन नोट्स को पढ़ सकते हैं
Ncert Indian History के ऐसे नोट्स हम आपके लिए टॉपिक वाइज लेकर आते हैं ताकि आप प्रत्येक टॉपिक को अच्छे से क्लियर कर सके
NCERT Class 7th History Notes : क्षेत्रीय संस्कृति का निर्माण
• लोगों का वर्णन करने का एक सबसे सामान्य तरीका है उनकी बोलचाल की भाषा से उन्हें परिभाषित करना।
• जब हम किसी व्यक्ति को तमिल या उड़िया कहते हैं, तो आमतौर पर इसका अर्थ होता है कि वह तमिल या उड़िया भाषा बोलता है और तमिलनाडु या उड़ीसा में रहता है।
चेर और मलयालम भाषा का विकास
• महोदयपुरम् का चेर राज्य प्रायद्वीप के दक्षिण–पश्चिमी भाग में, जो आज के केरल राज्य का एक हिस्सा है जो 7वीं सदी में स्थापित किया गया था।
• सम्भवत: मलयालम भाषा इस इलाके में बोली जाती थी। चेर लोगों ने संस्कृत भाषा को अपनाया।
शासक और धार्मिक परम्पराएँ (जगन्नाथी सम्प्रदाय)
• इस प्रक्रिया का सर्वोत्तम उदाहरण है– पुरी, उड़ीसा में जगन्नाथ का सम्प्रदाय (जगन्नाथ का शाब्दिक अर्थ है, दुनिया का मालिक जो विष्णु का पर्यायवाची है)।
जगन्नाथ मन्दिर
• 12वीं शताब्दी में गंग वंश के एक अत्यन्त प्रतापी राजा अनन्तवर्मन ने पुरी में पुरुषोत्तम जगन्नाथ के लिए मन्दिर बनवाने का निश्चय किया।
राजपूत और शूरवीरता की परम्पराएँ
• जहाँ आज का अधिकांश राजस्थान स्थित है, राजपूताना कहते थे। इससे यह समझा जा सकता है कि वह एक ऐसा प्रदेश था, जहाँ केवल राजपूत ही रहा करते थे।
जौहर
• मृतक पत्तियों के बाद या युद्ध में हारने की आकांक्षा में अपने सतीत्व की रक्षा के लिए राजपूत स्त्रियों द्वारा आग में कूदना ‘जौहर’ कहलाता है।
कत्थक नृत्य की कहानी
• यह नृत्य शैली उत्तर–भारत के अनेक भागों से जुड़ी है। ‘कत्थक’ शब्द तथा ‘कथा’ शब्द से निकला है। जिसका संस्कृत में प्रयोग तथा अन्य भाषाओं में कहानी के लिए किया जाता है।
रासलीला
• राधा–कृष्ण के पौराणिक आख्यान कहानियाँ लोक–नाट्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते थे, जिन्हें ‘रासलीला’ कहा जाता था।
संरक्षकों के लिए चित्रकला (लघुचित्रों की परम्परा)
• एक अन्य परम्परा जो कई रीतियों से विकसित हुई, वह थी लघुचित्रों की परम्परा।
लघुचित्र
• छोटे आकार के चित्र होते थे जिन्हें आम तौर पर जल रंगों से कपड़े या कागज पर चित्रित किया जाता है। प्राचीनतम लघुचित्र, तालपत्रों अथवा लकड़ी की तख्तियों पर चित्रित किए गए थे।
बंगाल (नजदीक से एक नजर)
• बंगाल में लोग बंगाली ही बोलते थे। किन्तु यह एक दिलचस्प बात है कि आज बंगाली, संस्कृत से निकली हुई भाषा मानी जाती है।
पीर और मन्दिर
• ‘पीर’ फारसी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ आध्यात्मिक मार्गदर्शक। पीर श्रेणी में सन्त या सूफी और अन्य धार्मिक महानुभव, साहसी, उपनिवेशी, देवत्व प्राप्त सैनिक एवं योद्धा हिन्दू एवं बौद्ध देवी–देवता, यहाँ तक कि जीवात्माएँ शामिल थे।
जीववाद
• यह मानना कि पेड़–पौधों, जड़ वस्तुओं और प्राकृतिक घटनाओं में भी जीवात्मा है।
दोचाला और चौचाला
• मन्दिरों की शक्ल या आकृति बंगाल की छप्परदार झोपड़ियों की तरह ‘दोचाला’ (दो छतों वाली) ‘चौचाला’ (चार छतों वाली) होती थी।
मछली (भोजन के रूप में)
• बंगाल एक नदीय मैदान है, जहाँ मछली और दान की उपज बहुतायत से होती है।
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