इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए हैं भारतीय राजव्यवस्था के ऐसे नोट जो शायद आपने कहीं नहीं पड़े होंगे भारतीय राजव्यवस्था मैं आपको एक अध्याय भारतीय संविधान के स्रोत पढ़ने को मिलेगा यह नोट्स Ishita Kishore Upsc toppers Notes – Indian polity से संबंधित हैं यह नोट आपको UPSC, BPSC, RAS, UPPCS, SSC GD , CGL , CHSL आदि प्रतियोगिताओं में काम आएंगे
भारतीय संविधान के स्रोत | Bhartiya sanvidhan ke shroat का टॉपिक हमने आपको बिल्कुल सरल एवं आसान भाषा में उपलब्ध करवाने का प्रयास किया है उम्मीद करता हूं इन्हें पढ़कर आपको यह टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा अगर आपको यह नोट्स अच्छे लगे तो आप इसे शेयर करना बिल्कुल ना भूलें
Ishita Kishore Upsc toppers Notes – Indian polity
1. विदेशी स्रोत
भारतीय संविधान में विश्व के लगभग सभी अच्छे संविधानों से सामग्री लेकर विशाल एवं सर्वश्रेष्ठ संविधान बनाया गया।
(क) इंग्लैण्ड – हमारे देश के संविधान पर सर्वाधिक विदेशी प्रभाव इंग्लैण्ड का है जैसे –
(1) संसदात्मक लोकतन्त्र
(2) दोहरी कार्यपालिका (नाममात्र एवं वास्तविक)
(3) इकहरी नागरिकता
(4) विधि का शासन
(5) विधि निर्माण की प्रक्रिया
(6) मंत्रिमण्डल का सामुहिक उत्तरदायित्व उपर्युक्त सभी व्यवस्थाऐं इंग्लैण्ड के संविधान से अंगीकृत हैं।
(ख) अमेरिका (U.S.A.) – विश्व का प्रथम लिखित संविधान होने से विश्व की पहली संवैधानिक प्रस्तावना अमेरिकन संविधान में लिखी गई है। वहीं से हमने भी प्रस्तावना लिखने की प्रेरणा ली। इसके अलावा –
(1) मूल अधिकार
(2) सर्वोच्च न्यायालय का संगठन एवं न्यायिक पुनरावलोकन
(3) उपराष्ट्रपति का पद (उच्च सदन सभापति को उपराष्ट्रपति बनाया गया)
(4) राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया भी अमेरिकन संविधान से ली गई है।
(ग) आयरलैण्ड – यहां से –
(1) नीति निर्देशक तत्व
(2) राष्ट्रपति का निर्वाचक मण्डल
(3) राज्य सभा में मनोनीत 12 सदस्य अंगीकृत किए गए।
(घ) ऑस्ट्रेलिया – यहां से समवर्ती सूची एवं प्रस्तावना की भाषा अपनायी गई।
(ड़) कनाडा – यहां से शक्तिशाली संघीय ढांचा लिया गया।
(च) जर्मनी – 1920 के दशक में निर्मित वाईमर गणतन्त्र से हमने आपातकालीन उपबन्ध लिए।
(छ) फ्रांस – यहां से गणतन्त्रात्मक व्यवस्था ली गई। स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व के शब्द भी फ्रांस से लिये गये हैं।
(ज) दक्षिणी अफ्रीका – यहां से संविधान संशोधन प्रणाली जिसको अनु. 368 में शामिल किया गया है।
(झ) जापान – यहां से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया ली गई।
(ञ) रूस – मौलिक कर्त्तव्य 42वें संविधान संशोधन के द्वारा 1976 में जोड़े गए; जो कि रूस से लिये गये थे।
2. भारतीय स्रोत
(क) अंग्रेजों द्वारा समय-समय पर निर्मित कानून जिसमें 1935 का भारत शासन अधिनियम मुख्य आधार है।
(ख) 1929 की मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट, जिसके आधार पर पिछड़ी जाति, जनजातियों को आरक्षण, कल्याणकारी शासन जैसे प्रावधान संविधान में शामिल किए गये।
- उल्लेखनीय है कि विदेशी संविधानों के उपबन्धों को भारतीय वातावरण के अनुरूप बनाकर संविधान में शामिल किया है।
भारतीय संघीय व्यवस्था की प्रकृति
- सरकार या तो एकात्मक हो सकती है या संघीय हो सकती है जो केन्द्र सरकार और इसकी इकाइयों के बीच पारस्परिक संबंध पर निर्भर करता है। संघीय शासन प्रणाली में शक्तियां केन्द्र और इसकी इकाइयों के बीच विभाजित होती हैं जबकि एकात्मक प्रणाली में सारी शक्तियां केन्द्र के पास केन्द्रित होती हैं।
भारतीय संघीय प्रणाली
- हमारे संविधान का अनुच्छेद 1 भारत का वर्णन राज्यों के एक संघ (यूनियन) के रूप में करता है यद्यपि भारत में सरकार की प्रणाली संघीय (फेडरल) है। डॉ. अंबेडकर के अनुसार भारतीय संघ इकाइयों के साथ समझौते की प्रासंगिकता के कारण अस्तित्व में नहीं आया और यह अनश्वर है अर्थात् इकाई इससे अलग नहीं हो सकती है। व्यवहार में भारतीय संघ में संघीय और एकात्मक (यूनीटरी) दोनों प्रणालियों का समावेश है।
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