वित्त आयोग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग आपको भारतीय राजव्यवस्था में पढ़ने के लिए मिलते हैं लेकिन इस पोस्ट में हम आपके लिए Indian polity Notes Pdf – वित्त आयोग ( Finance Commission ) in Hindi लेकर आए हैं ताकि आप कम समय में इन टॉपिक को याद कर सके यह को पढ़कर आप इन्हें आसानी से तैयार कर सकते हैं
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Indian polity Notes Pdf – वित्त आयोग ( Finance Commission ) in Hindi
वित्त आयोग (Finance Commission)
अनुच्छेद-280 – भारतीय संविधान के अनुच्छेद-280 के तहत राष्ट्रपति प्रत्येक 5 वर्ष में 1 वित्त आयोग का गठन करता है।
नोट :- इसी अनुच्छेद के तहत भारत में प्रथम वित्त आयोग का गठन वर्ष 1951 में किया गया था।
नोट :- अनुच्छेद-243 I के तहत राज्य वित्त आयोग का गठन किया जाता है।
के. सी. नियोगी – प्रथम अध्यक्ष।
इसमें 1 अध्यक्ष व 4 अन्य सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
यह आयोग निम्नलिखित कार्य करता है –
I. केन्द्रीय करों में से राज्यों की हिस्सेदारी तय करना।
II. भारत की संचित निधि में से राज्यों को दिए जाने वाले अनुदानों के मापदण्ड तय करना।
III. स्थानीय निकायों के वित्तीय सशक्तीकरण के संदर्भ में सुझाव देना।
वित्त आयोग अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को देता है, जिसे राष्ट्रपति संसद में रखवाता है।
आयोग की सिफारिशें केन्द्र सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है।
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष – श्री एन. के. सिंह।
अनुसूचित जाति आयोग
यह एक संवैधानिक निकाय है, जो भारत में अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता है।
अनुच्छेद-338 – इस अनुच्छेद में यह उल्लिखित था कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक आयुक्त होगा।
65वें संविधान संशोधन वर्ष 1990 द्वारा इस अनुच्छेद में संशोधन करके ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग’ का प्रावधान किया गया।
89वें संविधान संशोधन द्वारा वर्ष 2003 में S.C. व S.T. के लिए अलग-अलग आयोगों का गठन किया गया, जो वर्ष 2004 में लागू हुआ।
S.C. आयोग का स्वरूप
इसमें 1 अध्यक्ष, 1 उपाध्यक्ष और 3 अन्य सदस्य होते हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
S.C. आयोग का कार्य
S.C. से संबंधित संवैधानिक व कानूनी प्रावधानों की क्रियान्वयन पर निगरानी रखना।
S.C. के लोगों पर अत्याचारों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करना।
नोट :-
1. आयोग संबंधित व्यक्ति को समन जारी कर सकता है।
2. उसे अपनी गवाही शपथ पत्र पर देने को कह सकता है।
3. पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करने को कह सकता है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के वर्तमान अध्यक्ष – श्री विजय सांपला
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अंतिम शब्द
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