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इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं भारत में गरीबी और बेरोजगारी के बारे में | यह टॉपिक आपको Indian economy notes in hindi में पढ़ने को मिलेगा इससे संबंधित परीक्षा में अनेक बार प्रश्न पूछे जा चुके हैं इसलिए हम आपको Indian economy ( भारतीय अर्थव्यवस्था ) Notes Pdf – गरीबी और बेरोजगारी उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि आप इस टॉपिक के बारे में अच्छे से पढ़ सके

सिविल सर्विस परीक्षा के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था – गरीबी और बेरोजगारी एक अत्यंत महत्वपूर्ण टॉपिक है हमने आपको सम्पूर्ण शॉर्ट नोट्स उपलब्ध करवा दिए हैं आप उन्हें पीडीऍफ़ के रूप में हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं लिंक नीचे और करवा दिया गया है

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Indian economy ( भारतीय अर्थव्यवस्था ) Notes Pdf – गरीबी और बेरोजगारी

गरीबी व बेरोजगारी

गरीबी  :

  • जीवन की वह अवस्था जिसमें व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम नहीं होता है अर्थात् मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पाता है तो वह अवस्था गरीबी कहलाती है।
  • प्रोफेसर अमर्त्य सेन के अनुसार गरीबी क्षमताओं का अभाव हैं।
  • नीति आयोग अनुसार जीवित रहने, स्वस्थ्य रहने एवं दक्षता के लिए आवश्यकताओं को पूर्ण करने का अभाव ही गरीबी है।

गरीबी मापन हेतु विभिन्न संगठन

  • नीति आयोग ने न्यूनतम दैनिक कैलोरी उपभोग को आधार माना
  • कैलोरी उपभोग आधार पर
  • ग्रामीण क्षेत्र में – 2400 कैलोरी प्रतिदिन
  • शहरी क्षेत्र में –   2100 कैलोरी प्रतिदिन

N.S.S.O.

  • 23 मई, 2019 को NSSO को NSO (National Statistical Organization) में परिवर्तन कर दिया गया।
  • इसका आधार – परिवार उपभोग खर्च तथा प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन उपभोग खर्च रखा है।

अब तक की गई समितियाँ:

  1. रथ तथा दाण्डेकर आयोग – 1971 – रिपोर्ट -1973
  2. Y.K. अलघ समिति – 1977 – रिपोर्ट 1979 में
  3. डी.डी. . लकड़ावाला आयोग – 1989–रिपोर्ट–1993 में
[इसमें कुछ संशोधनों के साथ गरीब लोगों की अन्य बुनियादी आवश्यकताओं पर किया गया, जिनमें आवास, वस्त्र, शिक्षा, स्वच्छता, वाहन ईंधन, मनोरंजन आदि शामिल किये गये ताकि गरीबी रेखा की परिभाषा को और अधिक यथार्थवादी बनाया जा सकें। यह कार्य यू़पीए सरकार के कार्य काल के दौरान सुरेश तेंदुलकर (2009) और          सी. रंगराजन ने (2014) में  किया।]
  1. सुरेश तेन्दुलकर समिति 2004-05-रिपोर्ट-2009 में
  • सुरेश तेंदुलकर समिति (2004 – 05) ने नए मापक किये जिसके अनुसार गरीबी गणना का आधार MRP को माना गया है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में – प्रतिदिन 27 रु. प्रतिमाह 816 रु.
  • शहरी क्षेत्रों में  प्रतिदिन 33 रु. प्रतिमाह -1000 रु.
    (इस मानक के अनुसार गरीबी लेखा वाली आबादी में 22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यह काफी विवादस्पद रहा क्योंकि संख्यों को वास्तविकता से परे माना गया)
  • वर्ष 2011-12 के अनुसार
    भारत में गरीबी –21.9%
  1. सी. रंगराजन समिति – 2012 रिपोर्ट  2014 में
  • इन्होंनें गरीबी गणना का आधार MMRP (संशोधित मिश्रित संदर्भ अवधि)को माना

कैलोरी आधार :

  • ग्रामीण – 2155 कैलोरी
  • शहरी  – 2090 कैलोरी

खर्च आधार :

  • ग्रामीण –  प्रतिदिन 32 रु. एवं प्रतिमाह 972 रु.
  • शहरी – प्रतिदिन 47 रु. एवं प्रतिमाह 1407 रु.
  • भारत में गरीबी –29.5%
  1. सक्सेना समिति (2009)  हासिम समिति – (2013)
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 2009 में सक्सेना समिति की स्थापना की।
  • उसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में BPL जनगणना के संचालन के लिए कार्य प्रणाली की समीक्षा करना।
  • हसिम समिति केवल शहरी गरीबी की गणना करने के लिए 2013 में इसकी स्थापना की गई। यह शहरी क्षेत्रों में BPL परिवारों के आकलन के लिए कार्य प्रणाली का अध्ययन करेगी।
  • केवल शहरी गरीबी की गणना करने के लिए।
  1. अरविन्द पनगड़िया आयोग– 2015:
  • नीति आयोग के उपाध्यक्ष की नियुक्ति भारत के प्रधानमंत्री करते हैं। 2015 में अरविन्द पनगड़िया को उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था,जिन्होंने अगस्त, 2017 तक इसके उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

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अंतिम शब्द

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हम आपके लिए Indian economy ( भारतीय अर्थव्यवस्था ) Notes Pdf – गरीबी और बेरोजगारी ऐसे ही टॉपिक वाइज Notes उपलब्ध करवाते हैं ताकि किसी अध्याय को पढ़ने के साथ-साथ  आप हम से बनने वाले प्रश्नों के साथ प्रैक्टिस कर सके अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें