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इस सीरीज में हम आपके लिए Economy of India For Upsc अर्थात भारतीय अर्थव्यवस्था के नोट्स टॉपिक अनुसार अलग-अलग पोस्ट के माध्यम से लेकर आएंगे ताकि प्रत्येक टॉपिक को आप आसानी से एवं सरल भाषा में पढ़ सके आज हम इसमें आपको Indian Economy Notes ( 3 ) भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएं के बारे में बताने वाले हैं इस टॉपिक से बहुत बार परीक्षा में प्रश्न पूछे जा चुके हैं

भारतीय अर्थव्यवस्था ( Economy of India ) सिविल सर्विस परीक्षा ( UPSC ) की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय है जिसे हम संपूर्ण विषय को नोट्स के माध्यम से कर करेंगे ताकि इस विषय के लिए आपकी तैयारी शानदार हो सके

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Indian Economy Notes ( 3 ) भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएं

A. नीली अर्थव्यवस्था ( Blue Economy )

●  नीली अर्थव्यवस्था में वे आर्थिक गतिविधियाँ शामिल है, जिसमें समुद्र के संसाधनों का उपयोग इस तरह किया जाता है कि उसमें समुद्री पर्यावरण व्यवस्था को कोई नुकसान न हो।

●  इसमें मछली पालन, समुद्री परिवहन, पर्यटन, एनर्जी और वेस्ट मैनजमेंट आदि शामिल हैं।

● नीली अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि, रोजगार के अवसर में तेजी लाने की क्षमता है। यह नई औषधियों, कीमती रसायनों और प्रोटीन फूट का पता लगाने में मदद करती हैं।

B. समाजवादी अर्थव्यवस्था (Socialist Economy)–

● समाजवादी अर्थव्यवस्था में समस्त आर्थिक गतिविधियों का संचालन एवं नियंत्रण राज्य/सरकार/समुदाय द्वारा किया जाता है, जैसे पूर्व सोवियत अर्थव्यवस्था।

● उत्पादनों के साधनों, उत्पादों एवं वितरण पर सार्वजनिक स्वामित्व होता है।

C.  मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy) – यह पूँजीवादी एवं समाजवादी अर्थव्यवस्था के तत्त्वों का श्रेष्ठ समायोजन है। इसके अंतर्गत आर्थिक संसाधनों के महत्त्वपूर्ण भाग पर सरकार अथवा राज्य का नियंत्रण होता है। मिश्रित अर्थव्यवस्था की संकल्पना जाँच मेनार्ड कीन्स के विचारों से प्रेरित है। (वर्ष 1929 की महामंदी)

3. विकास की रणनीति के आधार पर

A. योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (Planned Economy) – यह अर्थव्यवस्था के विकास की एक सुविचारित रणनीति है। यह नियोजित रूप में अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा को निर्धारित करता है। इसके अंतर्गत अल्प, मध्य एवं दीर्घ अवधि की योजना हो सकती है। इसका उदाहरण मुख्यत: समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं में देखा जा सकता है।

B.  गैर योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (Unplanned Economy) – जिस अर्थव्यवस्था के विकास के लिए कोई योजना नहीं बनाई जाती है, वह गैर योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आती है।

4. विदेशी सम्बन्धों के आधार पर

A.  बंद अर्थव्यवस्था (Closed Economy) – बंद अर्थव्यवस्था के अंतर्गत एक अर्थव्यवस्था, शेष विश्व के साथ किसी भी प्रकार की विदेशी व्यापार की क्रिया सम्पन्न नहीं करता है। इसकी सभी आर्थिक क्रियाएँ एक देश की सीमा के भीतर ही होती हैं।

B.  खुली अर्थव्यवस्था (Open Economy) – यह बंद अर्थव्यवस्था के विपरीत नियंत्रण मुक्त अर्थव्यवस्था है, जो प्रतियोगिता को प्रोत्साहित करता है। यह अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ निकटतम संबंध सहयोग एवं संलग्नता पर बल देती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ

खराब ढाँचागत विकास – एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को बुनियादी ढाँचे में लगभग 100 मिलियन डॉलर की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरी आबादी को बिजली का लाभ मिले, सुरक्षित पेयजल मिले और उचित स्वच्छता सेवाएँ मिले।

अपूर्ण बाजार – भारतीय बाजारों में बहुत सी खामियाँ हैं, जिनका आसानी से फायदा उठाया जा सकता है।

प्रति व्यक्ति आय कम – किसी भी देश का राजस्व जनसंख्या की क्रय शक्ति पर अत्यधिक निर्भर होता है, वे जितना अधिक खर्च करेंगे या उत्पाद खरीदेंगे, राष्ट्र के राजस्व में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी।

जनसंख्या वृद्धि की उच्च दर – विशाल जनसंख्या के साथ संसाधनों की भी आवश्यकता होती है। जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का सबसे बड़ा देश है। इस आबादी को राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए शिक्षा, भोजन, परिवहन, जल संसाधन, रोजगार और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं की आवश्यकता है।

गरीबी – यह कहा गया है, “यदि कोई राष्ट्र गरीब है तो वह गरीब होगा” और यह एक अंतहीन सिलसिला है। गरीबी की ऐसी खामियाँ हमेशा किसी देश की प्रगति में बाधा बनती हैं और किसी देश को विकसित राष्ट्र के रूप में गिना जाने के लिए यह एक प्रमुख मुद्दा है।

 उन्नत प्रौद्योगिकी – भारत में किए जाने वाले अधिकांश कार्य श्रम प्रधान कार्य हैं। इस प्रकार, उद्योगों के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी और देश में उपयोग में आने वाली प्रौद्योगिकी के बीच बहुत बड़ा अंतर है।

आय असमानता – देश में धन का 1 प्रतिशत संकेन्द्रण अत्यधिक केंद्रित है और यह देश की 1% आबादी के पास है। इस 1% आबादी के पास देश की 55% संपत्ति है।

कृषि आधारित अर्थव्यवस्था

निष्कर्ष – भारतीय अर्थव्यवस्था एक विकासशील अर्थव्यवस्था है, जिसका लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है।

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अंतिम शब्द

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उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में हमने Indian Economy Notes ( 3 ) भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएं टॉपिक के लिए आपको नोट्स उपलब्ध करवाए हैं यह आपको अच्छे लगे होंगे और आशा करते हैं यह आपको आपकी आगामी परीक्षा में जरूर काम आएंगे इसलिए अन्य विद्यार्थियों तक भी आप इसे जरूर शेयर करेंशेयर करने के लिए पोस्ट के ऊपर शेयर बटन पर क्लिक करें