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इस सीरीज में हम आपके लिए Economy of India For Upsc अर्थात भारतीय अर्थव्यवस्था के नोट्स टॉपिक अनुसार अलग-अलग पोस्ट के माध्यम से लेकर आएंगे ताकि प्रत्येक टॉपिक को आप आसानी से एवं सरल भाषा में पढ़ सके आज हम इसमें आपको Indian Economy Notes ( 1 ) अर्थव्यवस्था का परिचय के बारे में बताने वाले हैं इस विषय को पढ़ने से पहले अगर इसका परिचय जान दिया जाए तो और बेहतर होगा

भारतीय अर्थव्यवस्था सिविल सर्विस परीक्षा ( UPSC ) की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय है जिसे हम संपूर्ण विषय को नोट्स के माध्यम से कर करेंगे ताकि इस विषय के लिए आपकी तैयारी शानदार हो सके

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Indian Economy Notes ( 1 ) अर्थव्यवस्था का परिचय

· परिचय – अर्थशास्त्र मानव की आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन करता हैं। अर्थशास्त्र समाज द्वारा दुर्लभ संसाधनों के उपयोग से मूल्यवान उत्पादों के उत्पादन और उनके वितरण का अध्ययन करता हैं।

· परिभाषा – व्यक्ति, फर्म, सरकारों एवं अन्य संगठनों द्वारा किए गए चयनों के द्वारा समाज में संसाधनों का उपयोग कैसे तय होता है, अर्थशास्त्र  इसका अध्ययन करता है।

अर्थशास्त्र की शाखाएँ (Branches of Economy)

· व्यष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जहाँ एक व्यक्तिगत उपभोक्ता, फर्म, परिवार के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।

· समष्टि अर्थशास्त्र – अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो संपूर्ण अर्थव्यवस्था (राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय दोनों) के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।

अर्थव्यवस्थाओं के प्रकार एवं क्षेत्रक (Sector of Economy)

· किसी देश की अर्थव्यवस्था की आर्थिक गतिविधियों को मुख्यता तीन आर्थिक क्षेत्रकों/क्षेत्रों में विभाजित करते हैं तथा क्षेत्रों के आधार पर इनका नामकरण भी किया जाता है।

1.  प्राथमिक क्षेत्र ( Primary Secctors )

 प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से जुड़ी सभी गतिविधियाँ प्राथमिक क्षेत्र में आती हैं, जैसे – उत्खनन, कृषि कार्य, कच्चे तेल का निष्कर्षण इत्यादि। अगर किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) एवं जीवनयापन में कृषि क्षेत्र का योगदान कम से कम 50 प्रतिशत हो तो उसे कृषि अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है।

2. द्वितीयक क्षेत्र ( Secondary Sector )

इस क्षेत्र के अन्तर्गत वे सभी गतिविधियाँ रखी जाती है, जिनमें प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को प्रसंस्कृत (Processed) किया जाता है। (यथा, औद्योगिक) क्षेत्र इसका एक उपक्षेत्र, विनिर्माण उद्योग (Manufacturing Industry) जो विकसित देशों में सर्वाधिक रोजगार सृजित करने वाला क्षेत्र रहा है। जब द्वितीयक क्षेत्र की किसी देश की राष्ट्रीय आय एवं जीवनयापन में कम से कम आधे की हिस्सेदारी हो तो इसे औद्योगिक अर्थव्यवस्था कहते हैं।

3. तृतीयक क्षेत्र ( Tertiary Sector )

 सभी गतिविधियाँ, जिनके अंतर्गत सेवाओं (Service) का उत्पादन होता है उन्हें तृतीयक क्षेत्र में रखा जाता है, जैसे – शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन इत्यादि। जब इस क्षेत्र का किसी देश की राष्ट्रीय आय एवं लोगों के जीवनयापन में कम से कम आधे का योगदान हो तो उसे सेवा अर्थव्यवस्था (Service economy) कहा जाता है।

4. चतुष्क क्षेत्र ( Quaternary Sector )

 शिक्षा, खोज एवं अनुसंधान से जुड़ी सभी गतिविधियों को चतुष्क क्षेत्र में रखा जाता है, जिसे – ‘ज्ञान क्षेत्रक’ भी कहा जाता है।

5. पंचक क्षेत्र

 किसी अर्थव्यवस्था के सभी शीर्ष निर्णयों से जुड़ी गतिविधियों को पंचक क्षेत्र में रखा जाता है।

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अंतिम शब्द

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उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में हमने Indian Economy Notes ( 1 ) अर्थव्यवस्था का परिचय टॉपिक के लिए आपको नोट्स उपलब्ध करवाए हैं यह आपको अच्छे लगे होंगे और आशा करते हैं यह आपको आपकी आगामी परीक्षा में जरूर काम आएंगे इसलिए अन्य विद्यार्थियों तक भी आप इसे जरूर शेयर करेंशेयर करने के लिए पोस्ट के ऊपर शेयर बटन पर क्लिक करें