रूस की क्रांति के बारे में आपने बहुत बार परीक्षा में प्रश्नों को देखा होगा यह विश्व का इतिहास का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जहां से बार-बार परीक्षा में प्रश्न पूछा जाता है इसलिए अगर आप 1917 की रूसी क्रांति के कारण एवं परिणाम क्लासरूम नोट्स के माध्यम से पढ़ना चाहते हैं तो हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ें
जिसमें हमने रूसी क्रांति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है इसलिए इस पोस्ट में शामिल नोट्स को एक बार पढ़ कर जरूरी याद कर ले हम आपके लिए ऐसे शानदार नोट्स बिल्कुल फ्री लेकर आते हैं
1917 की रूसी क्रांति
- 1917 ई. की रूसी क्रान्ति को हेराल्ड लास्की ने ईसा के जन्म के बाद और एस. जी. वेल्स ने इस्लाम के उदय के बाद की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना माना है।
- रूस के शासक को जार कहा जाता था। क्रान्ति के समय रूस का सम्राट जार निकोलस द्वितीय था।
- एलेक्जेण्डर द्वितीय (1855-1881) को जार मुक्तिदाता भी कहा जाता है।
- एलेक्जेण्डर तृतीय (1881-1894) ने ट्रांस साइबेरियन रेलवे का निर्माण करवाया तथा ‘एक जार, एक चर्च, एक रूस’ का नारा दिया था।
रूस में 1898 ई. में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना हुई जो वर्ष 1903 में दो भागों में बँट गई –
1. बोल्शेविक दल
2. मेंशेविक दल
- निकोलस द्वितीय के समय खूनी परिवार की घटना 22 जनवरी, 1905 को हुई थी।
- 1917 ई. रूसी क्रान्ति का तात्कालिक कारण प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय थी।
- रूस की प्रतिनिधि संस्था को ड्यूमा कहा जाता था।
- बोल्शेविक दल का नेता लेनिन था।
- आधुनिक रूस का निर्माता स्टालिन को कहा जाता है।
- 3 मार्च, 1918 को रूसी विदेशमंत्री ट्राटसकी ने जर्मनी के साथ बेस्ट- लिटोवस्क की सन्धि की ।
- ट्राटस्की ने लाल सेना का संगठन बनाया था।
- कार्ल मार्क्स व एंगेल्स द्वारा रचित दास कैपिटल को साम्यवादियों का बाइबिल कहा जाता है।
- रूस की क्रान्ति में ‘इस्का’ व ‘प्रावदा’ लेनिन द्वारा सम्पादित समाचार पत्र थे।
- ‘द मदर’ मैक्सिम गोर्की की प्रसिद्ध पुस्तक है।
- लियो टॉलस्टॉय ने ‘वार एण्ड पीस’ एवं ‘ऐना केरेनिना’ नाम पुस्तकें लिखी।
- रूसी साम्यवाद का जनक प्लेखानोव को माना जाता है।
- लेनिन ने रूस में क्रान्तिकारी योजना अप्रैल 1917 में प्रस्तुत की जिसे ‘अप्रैल थीसिस’ कहा जाता है।
- वर्ष 1921 में लेनिन ने रूस की नई आर्थिक नीति लागू की थी।
- ‘चेका’ नामक रूसी संगठन का गठन लेनिन ने किया था।
- ‘दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ’ नामक नारा ‘कार्ल मार्क्स’ ने दिया था।
- रूस की प्रथम पंचवर्षीय योजना वर्ष 1928 में स्टालिन के नेतृत्व में शुरू की गई थी।
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