अगर आप किसी भी परीक्षा की तैयारी करते हैं एवं आपके सिलेबस में हिंदी विषय है तो आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए हिंदी ग्रामर का एक महत्वपूर्ण टॉपिक Hindi Grammar ( संधि ) Notes in Hindi | संधि के प्रकार एवं परिभाषा ( Part 3 ) के बारे में शॉर्ट नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं
ताकि आप कम समय में अपनी तैयारी को अच्छे से कर सके इन Hindi Grammar Sandhi Notesin Hindi नोट्स को पढ़कर आपको यह टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाएगा इसमें आपको संधि क्या है ? संधि की परिभाषा एवं उदाहरण सहित समझाया गया है |
Hindi Grammar ( संधि ) Notes in Hindi | संधि के प्रकार एवं परिभाषा
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Hindi Grammar ( संधि ) Notes in Hindi | Sandhi Kise Kehte Hai
3. विसर्ग संधि–
• : + ‘स्वर/व्यंजन’
• यदि किसी विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आ जाए तो विसर्ग के उच्चारण और लेखन में जो विकार/परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं; जैसे–
मन: + अभिलाषा = मनोऽभिलाषा/मनोभिलाषा
सर: + वर = सरोवर
• विसर्ग संधि–
(i) उत्व विसर्ग संधि
(ii) रुत्व विसर्ग संधि
(iii) सत्व विसर्ग संधि
1. उत्व विसर्ग संधि–
• अ/आ: + घोष वर्ण = ओ
यदि विसर्ग से पहले ‘अ/आ’ हो और विसर्ग के बाद कोई घोष वर्ण आ जाए तो विसर्ग (:) का ‘ओ’ हो जाता है; जैसे–
मन: + हर = मनोहर
यश: + दा = यशोदा
मन: + विज्ञान = मनोविज्ञान
मन: + बल = मनोबल
सर: + वर = सरोवर
अन्य: + अन्य = अन्योऽन्य/अन्योन्य
मन: + ज = मनोज
मन: + विकार = मनोविकार
स: + अहम् = सोऽहम्
वय: + वृद्ध = वयोवृद्ध
यश: + अभिलाषा = यशोभिलाषा
तप: + भूमि = तपोभूमि
यश: + गान = यशोगान
मन: + अनुकूल = मनोनुकूल
अध: + गति = अधोगति
पय: + धर = पयोधर
शिर: + रूह = शिरोरूह
सर: + रूह = सरोरूह
यश: + धरा = यशोधरा
मन: + रम = मनोरम
अध: + भाग = अधोभाग
अन्तत: + गत्वा = अन्ततोगत्वा
2. रुत्व विसर्ग संधि–
• अ/आ को छोड़कर अन्य स्वर: + घोष वर्ण = र्
यदि विसर्ग से पहले ‘अ/आ’ को छोड़कर अन्य स्वर आ जाए और उसके बाद कोई घोष वर्ण आ जाए तो विसर्ग का ‘र्’ हो जाता है; जैसे–
आयु: + विज्ञान = आयुर्विज्ञान
धनु: + वेद = धनुर्वेद
आवि: + भाव = आविर्भाव
बहि: + अंग = बहिरंग
धनु: + धर = धनुर्धर
आशी: + वाद = आशीर्वाद
दु: + गम = दुर्गम
आयु: + वेद = आयुर्वेद
नि: + मल = निर्मल
प्रादु: + भाव = प्रादुर्भाव
दु: + बल = दुर्बल
दु: + गति = दुर्गति
दु: + भाग्य = दुर्भाग्य
दु: + गंध = दुर्गंध
3. सत्व विसर्ग संधि–
(i) अ/आ : + क/प = : ज्यों का त्यों
• यदि विसर्ग से पहले ‘अ/आ’ हो और विसर्ग के बाद ‘क/प’ वर्ण आ जाए तो विसर्ग (:) में कोई परिवर्तन नहीं होता अर्थात् विसर्ग ज्यों का त्यों रहता है; जैसे–
मन: + कामना = मन:कामना
यश: + कामना = यश:कामना
अन्त: + पुर = अन्त:पुर
रज: + कण = रज:कण
तप: + पूत = तप:पूत
पय: + पान = पय:पान
अपवाद-
• 1 पर, 2 कर, 2 कृत, 4 पति और 4 कार,
इन पर होती है, अपवाद की मार।
1 पर– पर: + पर = परस्पर
2 कर – भा: + कर = भास्कर
श्रेय: + कर = श्रेयस्कर
2 कृत– पुर: + कृत = पुरस्कृत
तिर: + कृत = तिरस्कृत
4 पति– भा: + पति = भास्पति
वाच: + पति = वाचस्पति
वन: + पति = वनस्पति
बृह: + पति = बृहस्पति
4 कार– नम: + कार = नमस्कार
पुर: + कार = पुरस्कार
तिर: + कार = तिरस्कार
सर: + कार = सरोकार
(ii) इ/उ : + क/प/म = ष्
• यदि विसर्ग से पहले ‘इ/उ’ हो और विसर्ग के बाद ‘क/प/म’ वर्ण आ जाएँ तो विसर्ग का ‘ष्’ हो जाता है; जैसे–
आवि: + कार = आविष्कार
बहि: + कार = बहिष्कार
बहि: + कृत = बहिष्कृत
चतु: + पथ = चतुष्पथ
चतु: + कोण = चतुष्कोण
चतु: + पाद = चतुष्पाद
आयु: + मान = आयुष्मान
वपु: + मान = वपुष्मान
(iii) स्वर: + स्वर (अ को छोड़कर) = : का लोप
• यदि विसर्ग से पहले स्वर हो और विसर्ग के बाद भी स्वर हो (लेकिन ‘अ’ को छोड़कर) तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग के बाद आने वाला स्वर स्वतंत्र लिखा जाता है, लेकिन एक ही शिरोरेखा के नीचे लिखा जाता है; जैसे–
अत: + एव = अतएव
तत: + एव = ततएव
पय: + आदि = पयआदि
पय: + इच्छा = पयइच्छा
यश: + इच्छा = यशइच्छा
मन: + उच्छेद = मनउच्छेद
(iv) : + च/छ/श = श्
• यदि विसर्ग के बाद ‘च/छ/श’ वर्ण आ जाए तो विसर्ग का ‘श्’ हो जाता है; जैसे–
क: + चित् = कश्चित्
अन्त: + चेतना = अन्तश्चेतना
अन्त: + चक्षु = अन्तश्चक्षु
मन: + चिकित्सा = मनश्चिकित्सा
आ: + चर्य = आश्चर्य
नि: + छल = निश्छल
हरि: + चन्द्र = हरिश्चन्द्र
नि: + श्वास = निश्श्वास
यश: + शरीर = यशश्शरीर
(v) : + ट/ठ/ष = ष्
• यदि विसर्ग के बाद ‘ट/ठ/ष’ वर्ण आ जाए तो विसर्ग का ‘ष्’ हो जाता है; जैसे–
चतु: + टीका = चतुष्टीका
धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
चतु: + षष्टि = चतुष्षष्टि
(vi) : + त/थ/स = स्
• यदि विसर्ग के बाद ‘त/थ/स’ वर्ण आ जाए तो विसर्ग का ‘स्’ हो जाता है; जैसे–
नम: + ते = नमस्ते
अन्त: + तल = अन्तस्तल
नि: + तारण = निस्तारण
दु: + तर = दुस्तर
नि: + तेज = निस्तेज
शिर: + त्राण = शिरस्त्राण
बहि: + थल = बहिस्थल
मन: + ताप = मनस्ताप
दु: + साहस = दुस्साहस
प्रात: + स्मरण = प्रातस्स्मरण
नि: + सीम = निस्सीम
(vii) नि:/दु: + र = : का लोप तथा नि का नी/दु का दू
• यदि ‘नि:/दु:’ के बाद ‘र’ वर्ण आ जाए तो ‘नि:/दु:’ में आने वाले विसर्ग (:) का लोप हो जाता है तथा ‘नि: और दु:’ में आने वाले ‘इ और उ’ का क्रमश: ‘ई और ऊ’ हो जाता है; जैसे–
नि: + रस = नीरस
नि: + रव = नीरव
नि: + रंध्र = नीरंध्र
नि: + रोग = नीरोग
दु: + रम्य = दूरम्य
दु: + राज = दूराज
Hindi Grammar ( संधि ) Notes in Hindi
अभ्यासार्थ प्रश्न
निम्नलिखित संधि शब्दों का विच्छेद कीजिए व संधि का नाम लिखिए–
1. उद्धत | 2. कंठोष्ठ्य | 3. अन्वय |
4. किंचित् | 5. घनानंद | 6. एकैक |
7. अधीश्वर | 8. अभ्यागत | 9. उच्छ्वास |
10. जगद्बन्धु | 11. तपोवन | 12. अब्ज |
13. दृष्टान्त | 14. दुर्बल | 15. तल्लय |
16. नद्यूर्मि | 17. अन्तर्राष्ट्रीय | 18. अध्याय |
19. अभ्यस्त | 20. गत्यनुसार | 21. नयन |
22. नवोढ़ा | 23. इत्यादि | 24. उद्धरण |
25. उल्लंघन | 26. निष्फल | 27. दृष्टि |
28. दुश्शासन | 29. निर्दोष | 30. चतुरंग |
31. जलौघ | 32. उद्देश्य | 33. निर्झर |
34. परीक्षा | 35. पवन | 36. भूदार |
37. पित्रादि | 38. रजःकण | 39. विन्यास |
40. शरच्चंद्र | 41. संभव | 42. यथेष्ट |
43. सरोवर | 44. संगठन | 45. गणेश |
46. समुद्रोर्मि | 47. हरिश्चन्द्र | 48. सहोदर |
49. सप्तर्षि | 50. मतैक्य |
निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए व संधि का नाम लिखिए–
51. भू + ऊर्ध्व | 52. शुभ + इच्छु | 53. काम + अयनी |
54. सत्य + आग्रह | 55. रमा + ईश | 56. यज्ञ + उपवीत |
57. लोक + एषणा | 58. स्व + ऐच्छिक | 59. रक्षा + उपाय |
60. अत्र + एव | 61. मधु + अरि | 62. मातृ + आनन्द |
63. नै + अक | 64. भौ + अना | 65. सत् + इच्छा |
66. जगत् + नाथ | 67. ऋक् + वेद | 68. उत् + अय |
69. तद् + पुरुष | 70. उत् + मुख | 71. सम् + क्रान्ति |
72. उत् + नयन | 73. उत् + चारण | 74. सम् + गठन |
75. धनम् + जय | 76. जगत् + जननी | 77. उत् + लिखित |
78. सम् + यम | 79. सम् + सर्ग | 80. उत् + शृंखला |
81. उत् + लेख | 82. पद् + हति | 83. प्रति + स्था |
84. पुष् + त | 85. परि + नय | 86. नि + सिद्ध |
87. अभि + सेक | 88. निकृष् + त | 89. अनु + छेद |
90. विद्या + आलय | 91. प्रति + छाया | 92. सम् + कर्ता |
93. परि + कृत | 94. परः + अक्ष | 95. आविः + भाव |
96. परः + पर | 97. नभः + मंडल | 98. शिरः + धार्य |
99. मनः + अनुकूल | 100. अधः + वस्त्र |
Answer Key
1. उद्धत – उत् + हत | व्यंजन सन्धि |
2. कंठोष्ठ्य – कंठ + ओष्ठ्य | गुण सन्धि |
3. अन्वय – अनु + अय | यण् सन्धि |
4. किंचित् – किम् + चित् | व्यंजन सन्धि |
5. घनानंद – घन + आनन्द | दीर्घ सन्धि |
6. एकैक – एक + एक | वृद्धि सन्धि |
7. अधीश्वर – अधि + ईश्वर | दीर्घ सन्धि |
8. अभ्यागत – अभि + आगत | यण् सन्धि |
9. उच्छ्वास – उत् + श्वास | व्यंजन सन्धि |
10. जगद्बन्धु – जगत् + बन्धु | व्यंजन सन्धि |
11. तपोवन – तपः + वन | विसर्ग सन्धि |
12. अब्ज – अप् + ज | व्यंजन सन्धि |
13. दृष्टान्त – दृष्ट + अंत | दीर्घ सन्धि |
14. दुर्बल – दुः + बल | विसर्ग सन्धि |
15. तल्लय – तत् + लय | व्यंजन सन्धि |
16. नद्यूर्मि – नदी + ऊर्मि | यण् सन्धि |
17. अन्तर्राष्ट्रीय – अन्तः + राष्ट्रीय | विसर्ग सन्धि |
18. अध्याय – अधि + आय | यण् सन्धि |
19. अभ्यस्त – अभि + अस्त | यण् सन्धि |
20. गत्यनुसार – गति + अनुसार | यण् सन्धि |
21. नयन – ने + अन | अयादि सन्धि |
22. नवोढ़ा – नव + ऊढ़ा | गुण सन्धि |
23. इत्यादि – इति + आदि | यण् सन्धि |
24. उद्धरण – उत् + हरण | व्यंजन सन्धि |
25. उल्लंघन – उत् + लंघन | व्यंजन सन्धि |
26. निष्फल – निः + फल | विसर्ग सन्धि |
27. दृष्टि – दृष् + ति | व्यंजन सन्धि |
28. दुश्शासन – दुः + शासन | विसर्ग सन्धि |
29. निर्दोष – निः + दोष | विसर्ग सन्धि |
30. चतुरंग – चतुः + अंग | विसर्ग सन्धि |
31. जलौघ – जल + ओघ | वृद्धि सन्धि |
32. उद्देश्य – उत् + देश्य | व्यंजन सन्धि |
33. निर्झर – निः + झर | विसर्ग सन्धि |
34. परीक्षा – परि + ईक्षा | दीर्घ सन्धि |
35. पवन – पो + अन | अयादि सन्धि |
36. भूदार – भू + उदार | दीर्घ सन्धि |
37. पित्रादि – पितृ + आदि | यण् सन्धि |
38. रजःकण – रजः + कण | विसर्ग सन्धि |
39. विन्यास – वि + नि + आस | यण् सन्धि |
40. शरच्चंद्र – शरत् + चन्द्र | व्यंजन सन्धि |
41. संभव – सम् + भव | व्यंजन सन्धि |
42. यथेष्ट – यथा + इष्ट | गुण सन्धि |
43. सरोवर – सरः + वर | विसर्ग सन्धि |
44. संगठन – सम् + गठन | व्यंजन सन्धि |
45. गणेश – गण + ईश | गुण सन्धि |
46. समुद्रोर्मि – समुद्र + ऊर्मि | गुण सन्धि |
47. हरिश्चन्द्र – हरिः + चन्द्र | विसर्ग सन्धि |
48. सहोदर – सह + उदर | गुण सन्धि |
49. सप्तर्षि – सप्त + ऋषि | गुण सन्धि |
50. मतैक्य – मत + ऐक्य | वृद्धि सन्धि |
51. भू + ऊर्ध्व – भूर्ध्व | दीर्घ सन्धि |
52. शुभ + इच्छु – शुभेच्छु | गुण सन्धि |
53. काम + अयनी – कामायनी | दीर्घ सन्धि |
54. सत्य + आग्रह – सत्याग्रह | दीर्घ सन्धि |
55. रमा + ईश – रमेश | गुण सन्धि |
56. यज्ञ + उपवीत – यज्ञोपवीत | गुण सन्धि |
57. लोक + एषणा – लोकैषणा | वृद्धि सन्धि |
58. स्व + ऐच्छिक – स्वैच्छिक | वृद्धि सन्धि |
59. रक्षा + उपाय – रक्षोपाय | गुण सन्धि |
60. अत्रा + एव – अत्रौव | वृद्धि सन्धि |
61. मधु + अरि – मध्वरि | यण् सन्धि |
62. मातृ + आनन्द – मात्रानन्द | यण् सन्धि |
63. नै + अक – नायक | अयादि सन्धि |
64. भौ + अना – भावना | अयादि सन्धि |
65. सत् + इच्छा – सदिच्छा | व्यंजन सन्धि |
66. जगत् + नाथ – जगन्नाथ | व्यंजन सन्धि |
67. ऋक् + वेद – ऋग्वेद | व्यंजन सन्धि |
68. उत् + अय – उदय | व्यंजन सन्धि |
69. तद् + पुरुष – तत्पुरुष | व्यंजन सन्धि |
70. उद् + मुख – उन्मुख | व्यंजन सन्धि |
71. सम् + क्रान्ति – सङ्क्रान्ति/संक्रान्ति | व्यंजन सन्धि |
72. उत् + नयन – उन्नयन | व्यंजन सन्धि |
73. उत् + चारण – उच्चारण | व्यंजन सन्धि |
74. सम् + गठन – सङ्गठन/संगठन | व्यंजन सन्धि |
75. धनम् + जय – धनंजय | व्यंजन सन्धि |
76. जगत् + जननी – जगज्जननी | व्यंजन सन्धि |
77. उत् + लिखित – उल्लिखित | व्यंजन सन्धि |
78. सम् + यम – संयम | व्यंजन सन्धि |
79. सम् + सर्ग – संसर्ग | व्यंजन सन्धि |
80. उत् + शृंखल – उच्छृंखल | व्यंजन सन्धि |
81. उद् + लेख – उल्लेख | व्यंजन सन्धि |
82. पद् + हति – पद्धति | व्यंजन सन्धि |
83. प्रति + स्था – प्रतिष्ठा | व्यंजन सन्धि |
84. पुष् + त – पुष्ट | व्यंजन सन्धि |
85. परि + नय – परिणय | व्यंजन सन्धि |
86. नि + सिद्ध – निषिद्ध | व्यंजन सन्धि |
87. अभि + सेक – अभिषेक | व्यंजन सन्धि |
88. निकृष् + त – निकृष्ट | व्यंजन सन्धि |
89. अनु + छेद – अनुच्छेद | व्यंजन सन्धि |
90. विद्या + आलय – विद्यालय | दीर्घ सन्धि |
91. प्रति + छाया – प्रतिच्छाया | व्यंजन सन्धि |
92. सम् + कर्ता – संस्कर्ता | व्यंजन सन्धि |
93. परि + कृत – परिष्कृत | व्यंजन सन्धि |
94. परः + अक्ष – परोक्ष | विसर्ग सन्धि |
95. आविः + भाव – आविर्भाव | विसर्ग सन्धि |
96. परः + पर – परस्पर | विसर्ग सन्धि |
97. नभः + मंडल – नभोमंडल | विसर्ग सन्धि |
98. शिरः + धार्य – शिरोधार्य | विसर्ग सन्धि |
99. मनः + अनुकूल – मनोनुकूल | विसर्ग सन्धि |
100. अधः + वस्त्र – अधोवस्त्र | विसर्ग सन्धि |
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