जब भी आप Polity of India विषय को पढ़ेंगे तो उसमें आपको संसद के बारे में भी पढ़ने को मिलेगा और इस पोस्ट में भी हम आपको Indian polity notes ( भारतीय राजव्यवस्था ) Pdf in hindi – भारतीय संसद ( Parliament ) नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि आप इस टॉपिक को यहीं से अच्छे से क्लियर कर सकें यह Indian polity notes for upsc आपको सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में काम आएंगे
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Indian polity notes ( भारतीय राजव्यवस्था ) Pdf in hindi – भारतीय संसद ( Parliament ) नोट्स
संसद
- भारत की संघीय विधायिका को संसद कहा जाता है जो केन्द्र सरकार का विधायी अंग है तथा यह भारत की सर्वोच्च विधायिका है।
- संविधान के पाँचवें भाग के अंतर्गत अनुच्छेद 79 से 122 में संसद के गठन, संरचना, अवधि, अधिकारों, प्रक्रियाओं, विशेषाधिकारों व शक्तियों के बारे में वर्णन किया गया है।
- भारत में द्विसदनात्मक व्यवस्था की स्थापना की गई जिसे संविधान में “संसद” नाम दिया गया जिसके तीन अंग हैं राष्ट्रपति, राज्यसभा, लोकसभा जिसमें राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है।
लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव लोकसभा की प्रथम बैठक में निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है।
- अध्यक्ष अपना त्याग पत्र उपाध्यक्ष को, उपाध्यक्ष अपना त्याग पत्र अध्यक्ष को देता है।
- लोकसभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को तात्कालिक समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा हटाया जाता है लेकिन इनकी जानकारी 14 दिन पूर्व अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को देनी होगी।
- अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दोनों का पद रिक्त होने पर ऐसा सदस्य अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के कर्त्तव्यों का पालन करेगा जिसको राष्ट्रपति नियुक्त करेगा।
- अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में लोकसभा द्वारा अवधारित व्यक्ति अध्यक्ष के कर्त्तव्यों का पालन करेगा।
- जब लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को पद से हटाने का संकल्प लोकसभा में विचाराधीन हो तब वह उसकी अध्यक्षता नहीं करेगा लेकिन उसे बोलने, कार्यवाही में भाग लेने, प्रथमत: मतदान का अधिकार होगा किन्तु निर्णायक स्थिति में मतदान नहीं कर सकता है।
अध्यक्ष की शक्तियाँ एवं कार्य :-
(i) लोकसभा एवं राज्यसभा के संयुक्त अधिवेशन में अध्यक्षता करता है।
(ii) कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं इस बात का निर्णय अध्यक्ष ही करता है।
(iii) दल-बदल के आधार पर अयोग्यता संबधी प्रश्नों का निर्णय करता है।
(iv) बराबर मत होने की दशा में निर्णायक मत देने का अधिकार है।
वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला हैं।
- संसदीय शासन व्यवस्था होने के कारण कार्यपालिका को (मंत्रिपरिषद) व्यवस्थापिका (लोकसभा) के नियंत्रण में कार्य करना पड़ता है।
- अनुच्छेद 109 के अनुसार धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तावित किये जाते हैं। वार्षिक बजट एवं अनुदान संबधी माँगें भी लोकसभा के समक्ष ही रखी जाती हैं।
- किसी विधेयक पर दोनों सदनों में पूर्ण सहमति न होने पर राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त अधिवेशन बुला सकता है जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है। यह अधिवेशन सिर्फ साधारण विधेयक व वित्त विधेयक के सम्बन्ध में ही बुलाया जाता है जबकि धन विधेयक व संविधान संशोधन विधेयक के संबंध में नहीं बुलाया जाता है अभी तक 3 बार संयुक्त अधिवेशन बुलाया जा चुका है
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अंतिम शब्द –
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